भारत में हांड कंपा देने वाली ठंड का मौसम, जल्द ही अलविदा कहने वाला है, जिसके बाद सबसे खूबसूरत 'वसंत ऋतु' का आगमन होगा। इस दौरान पुराने फूल-पत्तियों की जगह नए पुष्प प्रस्फुटित होते हैं, मानों प्रकृति पुराने वस्त्र त्याग नए वस्त्र धारण कर रही हो। प्रकृति के इस खूबसूरत बदलाव को देखने के साथ-साथ महसूस भी किया जा सकता है।
अगर आप वसंत के आगमन के साथ, प्रकृति के रंग में सराबोर होना चाहते हैं, तो बताई जा रहीं जगहों की सैर का आनंद जरूर उठाएं। इस लेख में भारत के उन चुनिंदा बागों का वर्णन किया गया है, जो आपकी यात्रा को वसंत ऋतु की भांति खूबसूरत व यादगार बना देंगे।
शालीमार बाग, श्रीनगर
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'शालीमार बाग' भारत की उन खूबसूरत ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जिसका निर्माण मुगल काल के दौरान हुआ। श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) स्थित इस खूबसूरत बाग को मुगल बादशाह जहांगीर ने अपनी प्रिय पत्नी मेहरुन्निसा उर्फ़ नूरजहां के लिए 1619 में बनवाया था। कहा जाता है, पत्तों के रंग बदलते पतझड़ के मौसम में यह बाग काफी आकर्षक नजर आता है, इस दौरान नए फूल अंकुरित होते हैं।
इस बाग को अगल-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे फराह बख्श, फैज बख्श व निशांत बाग। यह बाग चार स्तरों में विभाजित है। यहां आपको एक बहती जलधारा भी नजर आएगी, जिसकी जलापूर्ति पास के हरिवन बाग से की जाती है। आप चाहें तो इस दौरान इस ऐतिहासिक बाग की सैर का आनंद ले सकते हैं।
चौबटिया, रानीखेत
उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित 'चौबटिया गार्डन' एशिया के चुनिंदा बड़े फलों के उद्यान में शामिल है, जहां कई किस्म के फलों का उत्पादन किया जाता है। यह बाग पहाड़ी पर्यटन स्थल रानीखेत से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। फलों से लदे इस बगीचे को देख सैलानी गदगद हो उठते हैं। कहा जाता है, यहां लगभग 36 किस्म के सेबों का उत्पादन किया जाता है।
यहां उगाए गए फलों का निर्यात, देश भर के राज्यों व विश्व के कई बड़े देशों में किया जाता है। बता दें कि यह फलोद्यान सरकारी फल अनुसंधान केंद्र के रूप में जाना जाता है। अगर आपको पहाड़ी खूबसूरती के बीच फलों से लदे पेड़ों को देखना का शौक है, तो यहां एक बार जरूर आएं।
वृंदावन उद्यान, मैसूर
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कर्नाटक राज्य के मैसूर में स्थित वृंदावन उद्यान, दक्षिण भारत के खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में से एक है। कृष्णासागर बांध से सटा यह उद्यान, पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय है। यह बाग 1927 में बनना शुरू हुआ और 1932 में पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था। 60 एकड़ में फैले इस गार्डन के विकास की कल्पना मैसूर राज्य के दीवान 'सर मिर्जा इस्माइल' ने की थी।
यह बाग मुगल गार्डन शैली में बनवाया गया है। उद्यान की रूपरेखा व डिजाइनिंग के लिए दक्ष वास्तुकारों को नियुक्त किया गया था। इस खूबसूरत ऐतिहासिक धरोहर को देखने के लिए सालाना 20 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं।
मेहताब बाग, आगरा
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आगरा स्थित मेहताब बाग, मुगल काल के दौरान बनाए गए खूबसूरत बागों में से एक है। जिसे ताजमहल के विपरित दूसरे किनारे पर बनवाया गया। 'मेहताब बाग' में फूलों व पेड़ों की कई अलग-अलग प्रजातियों को उगाया गया है, खिलखिलाते इन फूलों की सुंदरता को देख पर्यटक काफी गदगद हो जाते हैं।
बता दें कि इस बाग को 'चांदनी बाग' भी कहा जाता है, क्योंकि मेहताब का हिंदी अर्थ 'चांद' है। कहा जाता है, जहां यह बाग है, वहां कभी शाहजहां की कब्र के लिए काला ताजमहल बनाने की योजना की गई थी, लेकिन औरंगजेब की गलत नीतियों व धन के अभाव में यह योजना मूर्त रूप धारण नहीं कर पाई।
लोधी गार्डन, दिल्ली
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दिल्ली स्थित लोधी गार्डन, भारत के ऐतिहासिक उद्यानों में से एक है। इस खूबसूरत स्मारक का निर्माण 15वीं से 16 सदी के बीच लोधी शासकों ने करवाया था। यहां आपको सईद और लोधी शासकों के कई मकबरे देखने को मिल जाएंगे। लोधी गार्डन हुमायूं के मकबरे से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित है। सुबह के वक्त यहां काफी संख्या में पर्यटकों को हरियाली के बीच आनंद लेते हुए देखा जा सकता है।
बता दें कि यहा बाग दिल्ली के चुनिंदा जॉगर्स पार्क में से एक है। आप यहां सुबह के 6 बजे से लेकर शाम के 7:30 बजे के मध्य किसी भी समय आ सकते हैं। आप यहां ऐतिहासिक स्मारक जैसे मुहम्मद शाह का मकबरा, सिकंदर लोधी का मकबरा, बड़ा गुंबद व शीश गुंबद देख सकते हैं।
ट्यूलिप गार्डन, श्रीनगर
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कश्मीर के लिए कहा जाता है, कि 'अगर धरती पर कहीं स्वर्ग हैं, तो वो यहीं है, यहीं है और यहीं है' । यहां की झीलों व पहाड़ी सुंदरता को देखने के लिए विश्व भर के सैलानियों का तांता लगा रहता है। अगर आप इस बीच कश्मीर घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यहां की हसीन वादियों के बीच एशिया के सबसे बड़े 'ट्यूलिप गार्डन' को देखना न भूलें।
यह गार्डन इतना खूबसूरत है, कि इसे बॉलीवुड की फिल्मों में कई बार फिल्माया जा चुका है। गुलाबी, बैंगनी, पीले, लाल, नीले व सफेद रंगों के ट्यूलिप इस स्थल को खास बनाते हैं। बता दें कि यहां भारतीय ट्यूलिप प्रजाति के साथ विश्व की कई अन्य ट्यूलिप की प्रजातियां मौजूद हैं। पहाड़ी खूबसूरती के बीच इन रंग बिरंगे फूलों को देखना किसी सपने से कम नहीं।
कमला नेहरू पार्क, मुबई
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कमला नेहरू पार्क, मुबई स्थित अद्वितीय संरचनाओं में से एक है, जिसे पंडित नेहरू की पत्नी कमला के नाम पर बनवाया गया। परिसर में मौजूद जूते जैसी संरचनाओं की वजह से इस पार्क को 'शू पार्क' भी कहा जाता है, 4000 वर्ग फुट में फैला यह पार्क हरियाली से सराबोर है। यहां आपको फूल व पेड़ों की कई प्रजातियां दिख जाएंगी, जो इस पार्क काफी खास बनाती हैं।
सूर्यास्त के समय यहां से मरीन ड्राइव का नजारा काफी रमणीय लगता है। वर्षा ऋतु के दौरान यह पार्क कई प्रवासी पक्षियों का आशियाना बन जाता है। यह पार्क मुंबई के मलबार हिल के बी जी खेर रोड पर स्थित है। 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक यह पार्क खुला रहता है, जिसका प्रवेश निशुल्क है।
फूलों की घाटी, उत्तराखंड
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विश्व धरोहर 'फूलों की घाटी' उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। जिसकी खोज फ्रैंक एस स्मिथ नाम के एक विदेशी पर्वतारोही ने की थी। इस घाटी में तकरीबन फूलों की 500 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-दुनिया से लोग खिंचे चले आते हैं। यहां पाई जाने वाली बहुत सी वनस्पति ऐसी हैं, जो प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ शारीरिक उपचार के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं।
यहां के हरे-भरे बुग्याल, इस पूरी घाटी को एक अलग रमणीय दृश्य प्रदान करते हैं। बता दें कि 'फूलों की घाटी' को 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।