विदेश जाने के लिए ना जाने हमें कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं, पासपोर्ट ऑफिस-वीजा ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं..बावजूद इसके विदेश जाने में कई महीने लग जाते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि, एक गुरुद्वारे में मात्र खिलौने के हवाई जहाज चढ़ाने से आप विदेश पहुंच जायेंगे, तो।
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से जुड़ी दिलचस्प बातें!
यकीनन आप ये पढ़कर हमें पागल ही बतायेंगे, लेकिन ये सच है। जानब भारत में असंख्य मंदिर है, जिनके चमत्कार एक अलग अनोखी कहानी है। इसी के साथ भारत में कई ऐसे मंदिर भी है, जिसे आस्था कहे या अंधविश्वास जहां आप लोगों को माथा टेकते, चादर चढ़ाते, अगरबत्ती और मोमबत्ती जलाते और फूल विसर्जित करते देख सकते हैं। इस स्थानों की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इन स्थानों पर लोगों की मन्नतें पूरी भी खूब होती हैं।
अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देता है चूहों को समर्पित करणी माता मंदिर
अब आप सोच रहें होंगे इससे विदेश जाने का क्या लेना देना, तो लेना देना है। अगर आप कई अरसे से नौकरी या फिर पढाई के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं, लेकिन किसी कारणवश आप नहीं जा पा रहे हैं। तो पंजाब के तल्हन गांव में स्थित गुरुद्वार आपको जरुर जाना चाहिए। इस गुरूद्वारे में गुरूजी की कृपा बरसती है और उनकी कृपा से भक्तो को विदेश जाने का टिकट भी मिलता है।
कहां स्थित है?
पंजाब के तल्हन गांव में स्थित यह गुरुद्वार संत बाबा निहाल सिंह जी और समर्पित है। एनआरआई प्रदेश के रूप में मशहूर पंजाब के दोआब इलाके के लोगो में संत बाबा निहाल सिंह जी गुरुद्वारा के प्रति गहरी आस्था है।
विदेशी जाने के इच्छुक आते हैं
विदेश जाने के इच्छुक लोग इस गुरुद्वारे में न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी यहां आते हैं और अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए खिलौना हवाई जहाज चढ़ाते हैं। रविवार के दिन यहां आने वाले भक्तों की भीड़ ज्यादा होती है।
देश विदेश में है प्रसिद्ध
इस गुरुद्वारे की चर्चा देश में ही नही बल्कि विदेशो में भी है हर साल यहाँ हजारो भक्त आते है और गुरुद्वारे के पास की दुकानों से जहाज खरीद कर चढ़ाते है।
जहाज की कीमत सौ रूपये से लेकर हजार रूपये
इन खिलौने की जहाज की कीमत सौ रूपये से लेकर हजार रूपये तक होती है । सच भारत की परम्परा और रीति रिवाज में आज भी कई अनूठे बाते है जो सोचने और समझने पर मजबूर कर देते है।
बच्चों में बांट दिए जाते हैं चढ़े हुए जहाज
चढ़े हुए हवाई जहाजों को गुरुद्वारे में दर्शन के लिए आने वाले आस-पड़ोस के बच्चों को बांट दिया जाता है।