पक्षी किसे पसंद नहीं? उनकी तरह बेफ़िक्र कहीं भी उड़ जाना किसे पसंद नहीं? सभी के दिमाग में कभी न कभी ये बात ज़रूर आती है कि "काश हमारे भी पंख होते,जब मन चाहे उड़ कर दूर देश की सैर कर आते।" खैर यह तो रही अपनी-अपनी कल्पना की बातें, अब चलिए हकीकत की दुनिया में चलते हैं हम पक्षियों के नगर में। कोई बात नहीं अगर हमारे पंख नहीं हैं और हम उनकी तरह उड़ नहीं सकते, उन्हें देख उनकी खूबसूरती को सराह तो सकते हैं। जी हाँ शुक्र हो पीटर जैक्सन और सलीम अली जैसे पक्षी वैज्ञानिकों का जिनकी वजह से आज हम पक्षियों के स्वर्ग की तरह खूबसूरत, हरियाणा के सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान को देख सकते हैं।
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यह शांत और खूबसूरत स्थल स्थानीय पक्षियों के साथ-साथ प्रवासी पक्षियों का भी निवास स्थल है। ज़माने पहले यह एक शिकार करने का क्षेत्र हुआ करता था, पर शुक्र हो कुछ वन्यजीव प्रेमियों का जिनकी वजह से आज यह जगह बर्बाद होने से बच गई। आज हम इस संरक्षित निवासस्थल को एक राष्ट्रीय उद्यान की तरह जानते हैं।
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तो चलिए चलते हैं सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के एक खूबसूरत सफ़र में कुछ खूबसूरत तस्वीरों के साथ!
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश
यहाँ प्रवेश करने के लिए आपको बस ज़रूरत है एक आधिकारिक पहचान पत्र की और कुछ नाम मात्र शुल्क अदा करने की।
Image Courtesy:HRUDANAND CHAUHAN
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी
बड़े से तालाब के साथ बसा हुआ उद्यान, जहाँ यमुना नदी का पानी प्रवाह होता है, कई पक्षियों और जीव जंतुओं का सबसे अच्छा और मनपसंद वास स्थल है। यहाँ आपको दो तरह के पक्षी देखने को मिलेंगे, स्थानीय पक्षी और प्रवासी पक्षी।
Image Courtesy:sanjiv tuli
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी
कुछ स्थानीय पक्षी जो यहाँ पाए जाते हैं, वे हैं:- बिल बत्तख, यूरेशियन थिक नीज़, छोटे बगुले, सफ़ेद गले वाले किंगफ़िशर, कबूतर, नीलकंठ, कॉमन हूप्स, इंडिया क्रेस्टेड लार्क्स, आदि।
Image Courtesy:Rahulsharma photography
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी
प्रवासी पक्षी यहाँ मुख्यतः ठण्ड के मौसम में अक्टूबर से जनवरी के महीने में आ वास करते हैं। 250 से भी ज़्यादा पक्षियों की जातियां सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य में पाए जाते हैं।
Image Courtesy:J.M.Garg
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के पक्षी
स्टॉर्क, राजहंस, येलो वैगटेल्स, पेलिकन, साइबेरियाई सारस, काले पंखों वाला स्टिल्ट, जलकाग, कॉमन ग्रीनशैंक्स, कुरजां आदि कुछ ऐसे प्रमुख प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं जो हर ठण्ड के मौसम में इस उद्यान की ओर पलायन करते हैं।
Image Courtesy:J.M.Garg
सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य का इतिहास
पहले, सुल्तानपुर में एक समृद्ध नमक विनिर्माण उद्योग हुआ करता था। कुछ समय बाद इस उद्योग में भारी गिरावट दर्ज की गई क्यूंकि ब्रिटिश सरकार ने उत्पादनों पर भारी कर लगाना शुरू कर दिया।
Image Courtesy:Yogendra Joshi
सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य का इतिहास
उसके बाद ही पक्षी वैज्ञानिक पीटर जैक्सन ने तत्कालीन प्रधान मंत्री, श्रीमती इंदिरा गाँधी से तालाब के चारों ओर बसे इस क्षेत्र को बचाने की अपील की।
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सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य का इतिहास
इसके बाद तुरंत ही शुरुआत में इस जगह को सन् 1972 में सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य के रूप में घोषित कर दिया गया। अभ्यारण्य को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा सन् 1989 में मिला।
Image Courtesy:Rahulsharma photography
सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य की दिलचस्प बातें
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को गिरफ़्तारी के बाद सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य के वन विश्राम घर में कैदी बना कर रखा गया था।
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सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य की दिलचस्प बातें
इस उद्यान में एक बार में सिर्फ 10 ही पर्यटकों को अंदर जाने की अनुमति है, ताकि उद्यान में ज़्यादा भीड़ ना हो और आप शांति और आराम से पक्षियों को देखने का खूबसूरत अनुभव ले सकें।
Image Courtesy:Jatin Sindhu
सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य की दिलचस्प बातें
आपको सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के अंदर व्यवस्थित संरचना देखकर मज़ा आ जायेगा। प्रकृति की खूबसूरती को बरक़रार रखते हुए अभ्यारण्य में काफ़ी अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
1. पक्षियों की खूबसूरती को अच्छी तरह से निहारने के लिए यहाँ 4 टावर बने हुए हैं।
2. पर्यटकों की सुविधा के लिए यहाँ दूरबीन भी उपलब्ध हैं।
Image Courtesy:J.M.Garg
सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य की दिलचस्प बातें
3. एक पुस्तकालय और व्याख्या केंद्र भी स्थापित है। (एक अलग से कमरा बना हुआ है जिसमें सलीम अली की किताबें उपलब्ध हैं।)
4. आराम करने और निजी कार्य के लिए बाथरूम, छोटा से कॉटेज, गेस्ट हाउस और जंगल विश्राम घर की भी व्यवस्था है।
5. खाने के इंतज़ाम के लिए छोटा सा रेस्टोरेंट स्थित है।
6. बच्चों के खेलने के लिए एक चिल्ड्रेन पार्क भी मौजूद है।
Image Courtesy:J.M.Garg
उद्यान में अन्य जीव जंतु
पक्षियों के अलावा आप यहाँ कई अन्य जीव जंतुओं के भी दर्शन कर सकते हैं, जैसे; नीलगाय, काले हिरण, रिसस लंगूर, बन्दर आदि।
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सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान जाने का सही समय
अक्टूबर से जनवरी के महीने, जब ठण्ड का मौसम होता है, सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान जाने का सबसे सही समय है। यह वही समय है जब अन्य प्रवासी पक्षी भी इस जगह पर आ वास करते हैं।
Image Courtesy:sanjiv tuli
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुँचें कैसे?
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान, गुड़गाँव-फर्रुखनगर-झज्जर हाईवे पर स्थित है। यह गुड़गाँव से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है और नई दिल्ली से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर। क्यूंकि यह दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र में पड़ता है, दिल्ली से वीकेंड के समय पर्यटन के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन द्वारा सबसे पहले हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर पहुँच कर, वहां से कोई निजी कैब या ऑटो बुक कर आप इस उद्यान तक पहुँच सकते हैं।
Image Courtesy:Jatin Sindhu
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुँचें कैसे?
अभी यह अक्टूबर का महीना ही चल रहा है जो यहाँ पक्षियों के प्रवास का समय है। तो अब भी सोचिये मत निकल पड़िये इस उद्यान की ओर चिड़ियों के मधुर संगीत का अनुभव करने, जो दिल्ली की बाहरी सरहद पर ही स्थित है। इसके साथ ही साथ अपने सुखद अनुभव हमारे साथ साझा करना मत भूलियेगा।
Image Courtesy:J.M.Garg