मुंबई, मद्रास के अलावा कोलकाता ही वो शहर था जहां से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने पूरे भारत पर कब्जा करने का अधूरा सपना देख डाला था, हालांकि यह मात्र एक निरर्थक प्रयास था जो कभी वास्तविकता की शक्ल न ले सका । अंग्रेजों के अत्याचारों के बीच पश्चिम बंगाल ही वो उद्गम स्थल बना जहां से 1857 की चिंगारी प्रस्फुटित हुई थी।
जिसने भारत में अंग्रेजी शासन से लेकर ब्रिटेन की भी सत्ता हिला कर रख दी थी। कोलकाता की अहम भूमिका इस बात से लगा सकते हैं कि यही शहर आगे चलकर दिल्ली से पहले भारत की राजधानी बना।
कोलकाता से खूबसूरत हिल स्टेशन
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यह था पश्चिम बंगाल के कोलकाता का संक्षिप्त इतिहास। इसके अलावा कोलकाता एक खूबसूरत शहर है जिसका भारतीय पर्यटन में भी मुख्य योगदान है। भारतीय इतिहास को जानने के लिए कोलकाता एक महत्वपूर्ण गंतव्य माना जाता है।
हालांकि अब गर्मियां शुरू हो चुकी हैं तो ऐसे में आप कोलकाता भ्रमण के साथ बताए जा रहे हिल स्टेशन का प्लान बना सकते हैं। आइए जानते ने उन खास पर्वतीय गंतव्यों के बारे में जहां आप कोलकाता के रास्ते एक यादगार अवकाश बिता सकते हैं।
चीजें जो भारत को बनाती हैं विश्व का सबसे खास देश
दार्जिलिंग
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पश्चिम बंगाल स्थित दार्जिलिंग भारत के चुनिंदा सबसे खास हिल स्टेशन में गिना जाता है, जो भारत के अंग्रेजी शासन के दौरान अस्तित्व में आया था। यह खूबसूरत गंतव्य खासकर ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए निर्मित करवाया गया था। आगे चलकर यही वो स्थान बना जहां भारत में पहली बार चाय के बागानों को बड़े स्तर पर जगह मिली।
आज यह पर्वतीय स्थल सिर्फ देश ही नहीं पूरे विश्व भर में जाना जाता है, यहां की प्राकृतिक और पहाड़ी खूबसूरती का आनंद लेने के लिए सालभर सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। आप यहां से हिमालय की हिम चोटियों का आासानी से दीदार कर सकते हैं, इसके अलावा आसपास स्थित अन्य पर्यटन गंतव्यों की सैर का भी आनंद ले सकते हैं।
यहां पर्यटकों के लिए चलने वाली टॉय ट्रेन काफी खास है, अगर आप इस बीच यहां का प्लान बनाएं तो इस खास टॉय ट्रेन की सवारी का आनंद लेना न भूलें।
दिल्ली से बनाएं उत्तराखंड के इस खास गंतव्य का प्लान
पेडोंग
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कोलकाता से करीब 641 किमी की दूरी पर बसा पेडोंग पश्चिम बंगाल का एक ओर खूबसूरत हिल स्टेशन है जहां का प्लान आप इन गर्मियों के दौरान बना सकते हैं। यह खूबसूरत पर्वतीय गंतव्य समुद्र तल से लगभग 1240 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। परिवार व दोस्तों के साथ एक क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए यह गंतव्य एक आदर्श विकल्प माना जाता है। कलिमपोंग से होते हुए आप इस खूबसूरत नगर तक पहुंच सकते हैं। कलिमपोंग से यहां तक की दूरी मात्र 20 किमी की रह जाती है।
यहां से आप हिमालय की ऊंची चोटियों (कंचनजंगा) के अद्भुत दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। पेडोंग ओल्ड और न्यू में विभक्त है जो अपने तिब्बती कल्चर के लिए भी जाना जाता है। यहां आप बौद्ध मठों के दर्शन कर आत्मिक और मानसिक शांति का अनोखा अनुभव भी ले सकते हैं।
मिरिक
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कोलकाता से लगभग 600 किमी के अंदर आप मिरिक का भी प्लान बना सकते हैं, पश्चिम बंगाल के चुनिंदा सबसे खास पर्वतीय गंतव्यों में मिरिक की भी गिनती होती है। यह हिल स्टेशन पूर्वी हिमालय के बीच समुद्र तल से लगभग 1495 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। स्थानीय व्यापारियों और चाय के बागानों के आसपास रहने वाले लोगों द्वारा मिरिक मुख्य तौर पर एक बाजार के रूप में विकसित किया गया है जो कभी अंग्रजों का पोलो ग्राउंड हुआ करता था।
बाद मे इसे एक हिल स्टेशन और बाजार के रूप में 1974 में विकसित किया गया। आज मिरिक अपनी पहाड़ी सौंदर्यता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां से कंचनजंगा का दृश्य देखने लायक है। इसके अलावा आप यहां के बौद्ध मठों के भी दर्शन कर सकते हैं।
अप्रैल-मई में बनाएं इन खास अभयारण्यों की सैर का प्लान
कुर्सेओंग
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कोलकाता से 584 किमी की दूरी पर आप कुर्सेओंग हिल स्टेशन की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर की ऊंचाई पर बसा कुर्सेओंग पश्चिम बंगाल का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। कुर्सेओंग कभी सिक्किम राज्य का हिस्सा हुआ करता था, जो बाद में ब्रिटिश के हाथ में चला गया था जिन्होंने यहां सड़कें और एक हिल स्टेशन के रूप में इसे विकसित किया। कुर्सेओंग अपनी मनमोहक आबोहवा के लिए जाना जाता है, जिसका आनंद आप साल के किसी भी महीने यहां आकर उठा सकते हैं।
कुर्सेओंग आसपास की प्राकृतिक सुंदरता, हिमालय पर्वतीय श्रंखला, जल प्रपातों और हरे भरे चाय के बागानों को देखने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। दार्जिलिंग से आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
सिलीगुड़ी
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उपरोक्त स्थानों के अलावा आप पश्चिम बंगाल के एक और बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन सिलीगुड़ी घूमने का प्लान बना सकते हैं। कोलकाता से यहां तक की दूरी 560 है, जिसे आप सड़क मार्ग या रेल मार्ग के द्वारा पूरा कर सकते हैं।
पूर्वी हिमालय के बीच महानंदा नदी के किनारे बसा यह पर्वतीय स्थल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, जहां देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से पर्यटक घूमने-फिरने के लिए आते हैं। हिमालय की ग्लेशियर से ढकीं हिम पहाड़ियों को आप यहां से आसानी से देख सकते हैं।
साथ ही महानंद नदी के खूबसूरत तटों पर बैठ कर एक यादगार पल बिता सकते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ यहां का प्लान एक आदर्श विकल्प है।