यदि हम आपसे एक छोटा सा सवाल करें कि डर क्या है ? तो हो सकता है आप ये जवाब दें कि कोई अनहोनी होने पर जब शरीर ठंडा पड़ जाये, दिल की धड़कन तेज़ हो जाये, पानी पीने के बावजूद गला सूखा हुआ लगे, गर्मी और सर्दी का एक साथ आभास हो तो ऐसी फीलिंग को डर कहते हैं। हो सकता है कि इन पंक्तियों को पढ़ने के बाद आप ये मन में ये सवाल आये कि आज हम ट्रेवल से डाइवर्ट होकर डर की तरफ क्यों आ गए हैं तो चलिए आपकी मुश्किल को थोडा आसान करने की कोशिश करते हैं। आज हम उस स्थान से आपको अवगत कराने जा रहे हैं जहां जाने के बाद दिलेर से दिलेर बन्दे को एक बार डर जरूर लगता है। पढ़ें : OMG! भारत में इस ट्रेन का किराया 1 लाख रुपए
जी हां हम बात कर रहे हैं सुंदरबन के घने जंगलों की । सुंदरबन भारत और बांग्लादेश के बीच विभाजित बड़ा मैन्ग्रोव संरक्षित क्षेत्र हैं। हालाँकि इस राष्ट्रीय उद्यान का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश में है, भारत में निहित एक तिहाई हिस्सा पर्यटन सुविधाओं और आसानी से पहुंच के कारण, पर्यटकों की पसंद बना हुआ है। सुंदरबन संरक्षित क्षेत्र की यात्रा करने का अनुभव आपको जीवन भर याद रहेगा। यह क्षेत्र यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। सुंदरबन मैन्ग्रोव सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है और 4200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह रिजर्व कई भारतीय बाघों, जो दुनिया में सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में आते है उनका संरक्षण करता है।
अगर आप भाग्यशाली हुए तो आप इन शक्तिशाली जानवरों की झलक पाने का मौका मिल सकेंगे जिन्होंने अपने आप को सुंदरबन और उसके खारे पानी में पर्यावरण के लिए अनुकूल ढाल लिए है। इसके अलावा, 250 अजीब बाघों के साथ सुंदरबन में चेतल हिरण और रीसस बंदर भी मौजूद हैं। हालांकि सावधान रहे, सुंदरबन किंग कोबरा और वाटर मोनिटर जैसे साँपों की घातक प्रजातियों का भी घर हैं।
घने जंगल
सुंदरबन मैन्ग्रोव सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है और 4200 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह रिजर्व कई भारतीय बाघों, जो दुनिया में सबसे लुप्तप्राय प्रजातियों में आते है उनका संरक्षण करता है।
प्रकृति की गोद में
सुंदरबन की बनावट को देखते हुए ये कहना बिलकुल भी अतिश्योक्ति न होगी कि ये प्रकृति की गोद में बसा हुआ जंगल है। इस स्थान का नामकरण सुंदरी पेड़ों की बहुतायत के बाद हुआ है जो यहां की प्रमुख वनस्पति है।
रॉयल बीस्ट
आज सुंदरबन विश्व के सबसे खूंखार बाघों में शुमार रॉयल बंगाल टाइगर का घर है जिन्होंने अपने आप को सुंदरबन और उसके खारे पानी में पर्यावरण के लिए अनुकूल ढाल लिए है। आपको बता दें कि आज सुंदरबन में 250 बाघ वास करते हैं। यहां आने पर यही कहा जाता है कि यदि व्यक्ति बहुत भाग्यशाली हुआ तो ही उसे यहां बाघों के दर्शन होंगे।
खतरनाक मगरमच्छ
यदि आपकी मुलाक़ात बाघ से नहीं हो पायी तो आपको अपसेट होने की कोई जरूरत नहीं है। यहां नदी में तैरने वाले खूंखार मगरमच्छ आपका दिल दहलाने के लिए काफी हैं। इनके अलावा आज सुंदरबन किंग कोबरा और वाटर मोनिटर जैसे साँपों और छिपकलियों की घातक प्रजातियों का भी घर हैं।
रंग बिरंगी चिड़ियां
यदि आपको रंगीन बर्ड्स देखने का भी शौक है तब भी आप सुंदरबन में आ सकते हैं। यहां आपको किंगफिशर और सैंड पाइपर चिड़ियां बहुतायत में दिखेंगी।
प्रकृति और मानव
यहां आपको प्रकृति और मानवों का एक अनोखा समागम देखने को मिलेगा यहां आकर आप देखेंगे कि कैसे मानव प्रकृति से और प्रकृति मानव से अपनी जरूरतों की पूर्ति करते हैं। सुंदरबन के जगलों में आपको स्थानीय लोग बिना प्रकृति से कोई ख़ास छेड़छाड़ किये आपको शहद निकलते, मछली पकड़ते दिख जाएंगे ।
बनबीबी नाटक
यदि आप सुंदरबन में हैं तो यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा करा जाने वाला बनबीबी नाटक देखना न भूलें। इन नाटकों के जरिये आपको प्रकृति से संतुलन बनाने का सन्देश दिया जायगा।
बोट टूर
जब आप सुंदरबन में हों तो यहाँ पर बोट की यात्रा करना न भूलें । प्रायः ये देखा गया है कि यहां आने वालों को कई बार उन चीजों के दर्शन हो जांएगे जिसकी कल्पना आपने सपनों में की होगी।
कैसे जाएं सुंदरबन
सुंदरबन जानें के लिए आपको पहले कोलकाता के सियालदाह स्टेशन जाना होगा। वहां से आप किसी भी लोकल ट्रेन से सुंदरबन जा सकते हैं। साथ ही कई सरकारी और गैर सरकारी बसों के माध्यम से भी आप सुंदरबन पहुँच सकते हैं।