Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »कहीं नहीं देखा होगा आपने रानीखेत जैसा प्राकृतिक सौंदर्य

कहीं नहीं देखा होगा आपने रानीखेत जैसा प्राकृतिक सौंदर्य

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र रानीखेत के बारे में पढ़ें

By Namrata Shatsri

रानीखेत का मतलब होता है रानी की भूमि और यहां पर रानी का जिक्र रानी पद्मिनी के लिए किया गया है जिनकी सुंदरता को देख राजा सुधरदेव मधहोश हो उठे थे और उन्‍होंने इस जगह पर रानी के लिए एक महल बनवाया था। ये स्‍थान भी रानी पद्मिनी की तरह ही बेहद खूबसूरत है और आपको अब आपको यहां कोई महल तो नहीं मिलेगा लेकिन यह स्‍थान अनेक कहानियों और कथाओं से जुड़ा हुआ है।

महाराष्ट्र के छोटे से हिल स्टेशन अंबोली में, कैसे आप मना सकते हैं यादगार वीकेंडमहाराष्ट्र के छोटे से हिल स्टेशन अंबोली में, कैसे आप मना सकते हैं यादगार वीकेंड

दिल्‍ली से 370 किमी की दूरी पर समुद्रतट से 1800 मीटरकी ऊंचाई पर स्थित रानीखेत एक पहाड़ी क्षेत्र है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। रानीखेत में पाइन के पेड़, घास के मैदान और हिमालय पर्वत के मनोरम दृश्‍य दिखाई देंगें। अगर आप प्रकृति की गोद में कुछ समय सुकून और शांति के साथ बिताना चा‍हते हैं तो आप रानीखते आ सकते हैं।

नंदा देवी मंदिर और गोलू देवता मंदिर जैसे अनोखे मंदिरों के लिए भी जाना जाता है अल्मोड़ानंदा देवी मंदिर और गोलू देवता मंदिर जैसे अनोखे मंदिरों के लिए भी जाना जाता है अल्मोड़ा

यहां पर 1869 में ब्रिटिशों ने कुमाऊं रेजीमेंट में हैडक्‍वार्टर स्‍थापित किया था और वह भारत में पड़ने वाली भीषण गर्मी से बचने के लिए इस जगह पर आया करते थे। एक समय पर ब्रिटिशों ने शिमला की जगह इस स्‍थान को भारत सरकार का समर हैडक्‍वार्टर बना दिया था। इस स्‍थान पर नेपाली और कुमाऊं वंश के राजाओं का शासन भी रह चुका है। इन लोगों ने ब्रिटिशों की मदद से 1816 में इस स्‍थान को भारत‍ में शामिल किया था।

उपत गोल्‍फ कोर्स

उपत गोल्‍फ कोर्स

इसका नाम एशिया का सबसे ऊंचे गोल्‍फ कोर्स में शामिल है। उपत गोल्‍फ कोर्स समुद्रतट से 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसे मुख्‍य शहर से महज़ 6 किमी दूर है। नाइन होल गोल्‍फ कोर्स की देखरेख का कार्य कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा किया जाता है और यहां के पाइन के पेड़ इस जगह को शांतिमय स्‍थल बनाते हैं। इस जगह आकर आपने मन को शांति मिलेगी।

मजखाली

मजखाली

मुख्‍य शहर से थोड़ी सी दूर स्थित मजखाली एक छोटा सा पर्वतीय क्षेत्र है जहां पर मां काली का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां की जनसंख्‍या काफी कम है और यहां पर पर्यटकों के लिए काफी कुछ है। पर्वतों से ढके पर्वत और प्राकृतिक सौंदर्य की छटाएं पर्यटकों को मंत्रमुग्‍ध कर देती हैं।

PC:Karan Dhawan India

केआरसी संग्रहालय

केआरसी संग्रहालय

इस संग्रहालय की देखरेख का कार्य भारतीय सेना की कुमाऊं और नागा रेजीमेंट द्वारा किया जाता है। प्रथम विश्‍वयुद्ध में प्रयोग किए गए अनेक हथियार और युद्ध के दौरान दुश्‍मनों के झंडे और ऑप्रेशन पवन में एलटीटीई नाव को इस संग्रहालय में रखा गया है।

झूला देवी मंदिर

झूला देवी मंदिर

किवदंती है कि मंदिर के निकट घने जंगलों में कई जंगली जानवर रहते हैं और यहां के ग्रामीण तेंदुए और बाघ के आतंक से परेशान थे। गांव वालों ने मां दुर्गा से स्‍वयं की रक्षा की प्रार्थना की। तब एक चरवाहे के स्‍वप्‍न में आकर मा दुर्गा ने दर्शन दिए और उसे मूर्ति की खोज करने के लिए कहा।

जिस स्‍थान पर चरवाहे को माता की मूर्ति मिली थी उसी जगह पर मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर में हज़ारों की संख्‍या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने आते हैं। मान्‍यता है कि मनोकामना की पूर्ति के बाद भक्‍त यहां मंदिर में घंटी भेंट करते हैं।

PC: Mrneutrino

छौबाटिया बाग

छौबाटिया बाग

रानीखेत का छौबाटिया बाग भी पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। ये बाग 600 एकड़ में फैला हुआ है और यहां पर सेब, आडू जैसे कई फलों के बागान हैं। ये बाग समुद्रतट से 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस जगह से हिमालय पर्वतों को मनोरम नज़ारा देखने को मिलता है।

कैसे पहुंचे

कैसे पहुंचे

वायु मार्ग : रानीखेत से 119 किमी दूर स्थित पंतनगर निकटतम हचाई अड्डा है। ये एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्‍ली, मुंबई और कोलकाता आदि से जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग : रानीखेत से 80 किमी दूर काठगोदाम रेलवे स्‍टेशन निकटतम रेलवे स्‍टेशन है।

सड़क मार्ग : दिल्‍ली से 370 किमी दूर रानीखेत तक रोड़ कनेक्टिविटी काफी बढिया है। यहां से हल्‍द्वानी के लिए बसें भी चलती हैं। हल्‍द्वानी से रानीखेत के लिए आपको लोकल टैक्‍सी मिल जाएगी।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X