हर साल दुनिया के सबसे बड़े इनसाइक्लोपीडिया विकिपीडिया के द्वारा एक इंटरनेशनल फ़ोटो कॉन्टेस्ट "विकी लव्स मॉनुमेंट्स" का आयोजन किया जाता है। इस फ़ोटो कॉन्टेस्ट का उद्देश्य छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने के अलावा लोगों को बडिंग फोटोग्राफर्स द्वारा खिंची गयी कुछ चुनिंदा तस्वीरों को जनता के बीच लाना होता है। आपको बताते चलें कि ये तस्वीरें दुनिया के चुनिंदा स्मारकों या मॉनुमेंट्स की होती है।
अब शायद आपको ये जानकार आश्चर्य हो कि वर्ष 2013 में अकेले भारत से ही 11786 लोगों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था जिनमें से ज्यूरी द्वारा 10 खूबसूरत तस्वीरों का चुनाव कर उनके इंटरनेशनल लेवल पर नॉमिनेट किया गया है। गौरतलब है कि इस प्रातियोगिता में उनलोगों को विजेता चुना गया है जिनके कैमरे ने वो कैद किया है जो एक आम आदमी की कल्पना से परे है।
चलिए अब आपको रू-ब-रू कराते हैं उन दिलकश तस्वीरों से जो एक बताने के लिए काफी हैं कि कला किसी में भी हो सकती है और वो और वो कभी भी कहीं भी उसको दिखा सकता है।
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ब्रहदीश्वर मंदिर
विकी लव्स मॉनुमेंट्स के ज्यूरी पैनल द्वारा इस खूबसूरत मंदिर ने इंडिया लेवल पर पहला पुरूस्कार हासिल किया है। ये तस्वीर मुगिलकेएमवी नामक फोटोग्राफर ने खींची है। आपको बताते चलें कि ये मंदिर 1010 ईस्वी में चोल राजवंश के शासकों द्वारा स्थापित किया गया था। आज इस खूबसूरत मंदिर का चुनाव यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में होता है।
एतमाद उद दौला का मक़बरा
आप चाहें तो एतमाद उद दौला के मक़बरे को नन्हा या छोटा ताज कह के भी बुला सकते हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में मौजूद इस स्मारक का शुमार भारत की सबसे खूबसूरत इमारतों में होता है। यहां आपको लाल बलुआ पत्थरों और सफ़ेद संगमरमर पर खूबसूरत रचनाएं देखने को मिलेंगी जो बेहतरीन वास्तुकला का एक उत्कृष्ठ नमूना है। ये तस्वीर अमनिंदर नामक फोटोग्राफर द्वारा ली गयी है।
इब्राहिम का रौज़ा
इब्राहिम का रौज़ा ताजमहल के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। ये रौज़ा कर्नाटक के बीजापुर में है जो इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय कि कब्र है। कहा जाता है कि इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय ने बादशाह अकबर जैसा शासन किया और उन्ही की तरह धर्म का प्रचार और प्रसार किया। ये फ़ोटो आनंद ने ली है।
ताज को दर्शाता महताब बाग़
ताज की ये खासियत है कि ये किसी भी आम आदमी का मन मोह सकता है, लेकिन अब इसी ताज को कोई कलाकार देखे तो ज़रूर वो कुछ ऐसा निकाल लेगा जो इससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत होगा। यहां आप मुग़ल गार्डन या महताब बाग़ से खूबसूरत ताज को देख सकते हैं। इस गार्डन को मून लाइट गार्डन भी कहा जाता है। ये फ़ोटो ली है जी कौस्तव ने।
पुष्करनी टैंक हम्पी स्थित कृष्ण मंदिर के पीछे
जब सुबह की पहली किरण इस टैंक पर गिरती है तो यहां का नज़ारा देखने वाला होता है। ये टैंक हम्पी में कार स्ट्रीट के बगल में है। डे संदीप नामक फोटोग्राफर ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ इस जगह को अपने कैमरे में कैद किया है।
जामा मस्जिद चम्पानेर
मुग़लों द्वारा इस्तेमाल वास्तुकला का कोई मुकाबला नहीं है। ये अपने आप में सम्पूर्ण है। अगर यहां कही गयी बात को आपको गहराई से समझना है तो गुजरात स्थित चंपानेर की जामा मस्जिद आइये। इस मस्जिद और यहां कि वास्तुकला का शुमार विश्व की सबसे बेहतरीन इमारतों में होता है। ह्रिया नामक फोटोग्राफर द्वारा ली गयी ये तस्वीर एक अनकही अनसुनी दास्तां को बयां करती है।
लक्ष्मी विलास पैलेस, वडोदरा
अब अगर हम बात आर्किटेक्चर और कला कि करें और ऐसे में भारत के खूबसूरत महलों का वर्णन न हो तो बात अधूरी रह जाती है। अगर हम आपसे ये कहें कि हमारे देश में एक महल ऐसा है जो अपनी खूबसूरती और बनावट के मामले में इन सभी महलों को मात देता है तो शायद आप हमारी बात पर यकीन न करें, लेकिन ये सच है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं गुजरात के वडोदरा में स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस की, बताया जाता है कि ये महल लंदन के बकिंघम पैलेस से आकार में चार गुना बड़ा और कहीं अधिक विशाल और विराट है। अपनी खूबसूरती और बेहतरीन वास्तुकला के चलते इस महल का शुमार दुनिया के सबसे खूबसूरत महलों में किया जाता है। इस बेहद खूबसूरत तस्वीर को लिया है बिरसा मुर्मू ने।
जय महल जयपुर
जल महल एक सुंदर महल है जिसका निर्माण 18 वीं शताब्दी में किया गया था ये महल जयपुर की एक छोटी सी झील मन सागर झील के बीच में स्थित है। इस महल को राजा - महाराजा और उनके परिवारों के लिए शिकार लॉज के रूप में बनाया गया था। समीर 6303 द्वारा ली गयी इस तस्वीर में आप महल की खूबसूरती को देख सकते हैं।
संतों की पंक्तियां
फोटो ग्राफर ज़ैन हाश्मी की ये तस्वीर अपने आप में ही ये बताने के लिए काफी है कि दुर्गम लद्दाख में किस तरह इन स्तूपों और चोरटेंस को बनाया गया होगा। ये तस्वीर लद्दाख के थिम्से मठ की है।
सूर्य मंदिर कोणार्क
कोणार्क का सूर्य मंदिर, भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी जिले के पुरी नामक शहर में स्थित है। इसे लाल बलुआ पत्थर एवं काले ग्रेनाइट पत्थर से 1236- 1264 में गंग वंश के राजा नृसिंहदेव द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर, भारत की सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। इसे युनेस्को द्वारा सन 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। कलिंग शैली में निर्मित यह मंदिर सूर्य देव(अर्क) के रथ के रूप में निर्मित है। इस को पत्थर पर उत्कृष्ट नक्काशी करके बहुत ही सुंदर बनाया गया है। संपूर्ण मंदिर स्थल को एक बारह जोड़ी चक्रों वाले, सात घोड़ों से खींचे जाते सूर्य देव के रथ के रूप में बनाया है। मंदिर अपनी कामुक मुद्राओं वाली शिल्पाकृतियों के लिये भी प्रसिद्ध है। आपको बताते चलें कि ये बेशकीमती तस्वीर फोटो ग्राफर प्रायश गिरिया द्वारा ली गयी है।