इलाइची,काली मिर्च,शहद और फूलों की मनमोहक सुगंध वाला शहर मदिकेरी कर्नाटक के कूर्ग जिले का मुख्यालय है। जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1525 मीटर है। यह बेहद खूबसूरत आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह ितणन खूबसूरत है कि इसकी खूबसूरती और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण मदिकेरी को दक्षिण का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। यहां की धुंधली पहाड़ियां, ठंडी हवाएँ, हरे वन, कॉफी के बागान और प्रकृति के खूबसूरत दृश्य मदिकेरी को हमेशा याद रहने वाला पर्यटन स्थल बनाते हैं। मदिकेरी और उसके आसपास बहुत से ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं।
मदिकेरी दक्षिण भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। मदिकेरी का वातावरण,जंगल की ढलानें,विलक्षण गाँव,रंगीन दृश्य,मनमोहक खुशबू,शांत पर्यावरण,कल-कल करती नदियां,पशु-पक्षी,घने जंगल और झरनों से गिरता मोतियों सा पानी स्वर्ग का एहसास दिलाता है। इन अद्भुत दृश्यों के कारण मदिकेरी को दक्षिण भारत का 'कश्मीर' भी कहा जाता है। तो चलिए सैर करते हैं दक्षिण भारत के कश्मीर की।
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मदिकेरी के प्रमुख पर्यटन स्थल
ओमकारेश्वर मंदिर, अब्बे झरना, मदिकेरी किला, राजा की सीट, भागमंडल, नगरहोले राष्ट्रीय पार्क, इरप्पु झरना, तालकावेरी, हरंगी बांध, नल्कनाद महल, मंडलपट्टी हिल्स, होन्नामना केरा, सुवेर्य् निसर्गधाम, दुबारे फॉरेस्ट, बयलाकुप्पे गोल्डन टेम्पल, इरूप्पु झरना, मल्लाली झरना, ब्रह्मगिरी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, पुष्पगिरी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, थादियांदामोल आदि।
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अब्बे झरना
एब्बे झरना, मादीकेरी शहर से 7 - 8 किमी. की दूरी पर स्थित है जहां कूर्ग आने वाले सैलानी सबसे ज्यादा सैर के लिए जाते है। यहां एक संकरा सा रास्ता है जिसके बीच से गुजरकर पर्यटक कॉफी के बागानों तक पहुंच सकते है और मसालों के एस्टेट भी देख सकते है। एब्बे झरने की सैर, कूर्ग में सबसे अधिक आंनददायी होती है। यहां का शांत माहौल मन को खुश कर देने वाला होता है।
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राजा की सीट (गद्दीगे)
राजा की सीट, कुर्ग जिले में मादीकेरी में सबसे महत्वपूर्ण स्थल है। यह एक गार्डन है जहां मौसमी फूल खिलते है और यहां कई खूबसूरत झरने है। यह सभी झरने म्यूजिक से चलते है जो देखने में बेहद सुंदर लगते है। इस बगीचे का नाम कोडागु राजा के नाम पर रखा गया। राजा की सीट, एक छोटा सा पावेलियन है जो ईटों और मोटार्र से मिलकर बना हुआ है और यह चार खंभों की मदद से खड़ा है।
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मंडलपट्टी हिल्स
मंडलपट्टी हिल्स कूर्ग के सबसे आकर्षक और खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से एक है। मंडलपट्टी पर ट्रैकिंग का आनंद अपने आप में लोकप्रिय है। यहाँ की ठंडी हवाएँ पहाड़ियों की ओर खींचतीं हैं,मंडलपट्टी की चोटी पर पहुंचकर स्वर्ग की भांति महसूस होता है।
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भागमंडला
भागमंडला, हिंदूओं का पवित्र तीर्थ स्थल है। इसे पवित्र नदी के पावन प्रभाव का रूप माना जाता है और त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है। तुला संक्रमण के दौरान, पर्यटक यहां आकर इसमें स्नान करते है और उसके बाद तालाकावेरी में दर्शन करते है।
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तालकावेरी
तालकावेरी हिंदुओ का पवित्र तीर्थ स्थल है। वर्तमान समय में यहां पर एक टैंक स्थित है जहां से कावेरी निकलती है। इस नदी के उत्पत्ति स्थल से एक झरना भी निकलता है। इस टैंक को हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच एक पवित्र टैंक माना जाता है।
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दुबारे फारेस्ट
दुबारे फारेस्ट अपने हाथी शिविर, जंगल शिविर के लिए जाना जाता है। यह कर्नाटक के वन विभाग के हाथियों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। ट्रेकिंग, हाथी की सवारी, मछली पकड़ने, और रिवर राफ्टिंग आदि यहाँ का आकर्षण है। दुबारे के जंगल में कई जंगली जानवर और पक्षी रहते हैं।
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बाइलाकुप्पे गोल्डन टेम्पल
बयालकुप्पे, भारत में दूसरा सबसे बड़ा तिब्बती स्थल है जिसका स्थान धर्मशाला के बाद आता है। यहां दो तिब्बती स्थल है जिनहे लुग्सम सामदुप्लिंग और डिकई लाओरसे के नाम से जाना जाता है। यहां तिब्बती मठ भी स्थित है। पर्यटक यहां आकर तिब्बत के सामान की खरीददारी भी कर सकते है।
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ओमकारेश्वर मंदिर
ओमकारेश्वर मंदिर, कूर्ग के मादीकेरी हिल स्टेशन के बीचोंबीच स्थित है। इस मंदिर में मुस्लिम काल की वास्तुकला का प्रभाव देखने को मिलता है क्योंकि उस काल में इस क्षेत्र में हैदर अली और टीपू सुल्तान का शासन हुआ करता था। इस मंदिर का लुक एक दरगाह जैसा लगता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक शिवलिंग है। इस मंदिर में एक पानी का टैंक भी है और बीचों - बीच में एक मंडप है जो पूरे मंदिर से जुड़ा हुआ है।
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