त्रिशूर के ह्रदय क्षेत्र में बसा प्रसिद्ध चिड़ियाघर-संग्रहालय केरल के प्राचीन विरासतों में गिना जाता है। 1885 में शुरू हुआ यह ज़ू कई ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासतों का घर माना जाता है, जहां आप तलवार से लेकर पत्थर और एंटीक ज्वेलरी से लेकर भारतीय विंटेज वस्तुओं को देख सकते हैं। लेकिन वर्तमान में त्रिशूर राज्य संग्रहालय विभिन्न जीव प्रजातियों के साथ अपने चिड़ियाघर के लिए भी जाना जाता है।
त्रिशूर ज़ू और स्टेट म्यूजियिम का पर्यटन मिश्रण दूर-दराज के सैलानियों को यहां आने के लिए उत्साहित करता है। ये दोनों ही आकर्षण फैमली ट्रिप, स्कूल ट्रिप और एक रोमांचकारी दिन व्यतीत करने के लिए जाने जाते है। इस लेख के माध्यम से जानिए इन दो आकर्षणों से संबंधित महत्वपूर्ण बातें।
क्यों है आपके लिए खास
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इस लेख को पढ़ने के साथ शायद आपके मस्तिष्क में सवाल घर कर जाए कि यहां क्यों आया जाए? तो आपको बता दें कि त्रिशूर ज़ू और स्टेट म्यूजियम का कॉबिनेशन एक परफेक्ट टूरिस्ट स्पार्ट है, जहां न आपको प्राचीन भारत से संबंधित वस्तुओं को देखने का मौका मिलेगा बल्कि प्राकृतिक खूबसूरती, वन्य जीवों को करीब से देखने का मौका भी मिलेगा। इस खास स्थल पर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आराम से आ सकते हैं।
विशेषकर प्रकृति और जीव प्रेमियों के लिए यह स्थान किसी खजाने से कम नहीं। इन सब के अलावा आप यहां के बॉटनिकल गार्डन की सैर का भी आनंद उठा सकते हैं।
आने का सही समय
यह एक खास पर्यटन स्थल है जहां का भ्रमण आप साल के किसी भी महीने कर सकते हैं। लेकिन सर्दियों के दौरान सर्दियों के दौरान यहां आने का आदर्श समय माना जाता है, हालांकि आप यहां अप्रैल से लेकर सितंबर के बीच भी आ सकते हैं। इन महीनों त्रिशूर त्योहारों से भरा रहता है।
क्योंकि ज़ू और संग्रहालय के साथ-साथ आप यहां की संस्कृति और परंपराओं पर भी एक नजर डाल सकेंगे। अगर आपको दक्षिणी संस्कृति से लगाव है तो आप यहां त्योहारों के दौरान ही आएं।
रोचक तथ्य
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त्रिशूर चिड़ियाघर एक खास पर्यटन स्थल है, जहां आप विभिन्न जानवरों के साथ कई पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
खूंखार जानवरों में आप यहां शेर तक को देख सकते हैं, इसके अलावा यहां एक अद्भभत स्नेक पार्क भी है।
त्रिशूर का संग्रहालय और चिड़ियाघर एक दूसरे से काफी नजदीक है, इसलिए पर्यटक एक ही समय में दोनों आकर्षणों का आनंद ले सकते हैं।
त्रिशूर के आर्ट म्यूजियम में आप लकड़ी और धातुओं के बनी प्राचीन वस्तुएं और अन्य आकर्षण देख सकते हैं। त्रिशूर का जू लगभग 13.5 एकड़ में फैला है।
त्रिशूर चिड़ियाघर में आप बोटैनिकल गार्डन जूलॉजिकल पार्क, स्नेक पार्क के साथ विभिन्न प्रजातियों के जानवरों के देख सकते हैं।
आसपास के आकर्षण
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त्रिशूर चिड़ियाघर और म्यूजियम भ्रमण के बाद अगर आप चाहें तो आसपास के अन्य मुख्य आकर्षणों को भी देख सकते हैं। जिसमें आप चिम्मोनी वन्यजीव अभयारण्य की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते हैं, वन्य जीव अभयारण्य अपने समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा आप यहां आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं, जिनमें वडकुनाथन मंदिर, अरातुपुझा मंदिर आदि शामिल हैं। इसके अलावा आप यहां के प्राकृतिक आकर्षणों की सैर का प्लान बना सकत हैं।
कैसे करें प्रवेश
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त्रिशूर केरल का एक प्रसिद्ध पर्यटन गंतव्य है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों से पहुंच सकते हैं, यहां का नजदीकी हवाईअड्डा कोच्चि एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप त्रिशूर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से त्रिशूर दक्षिण भारत के प्रसिद्घ शहरों से जुड़ा हुआ है।