साल का आखिरी महीना दिसम्बर बेहद रंगीन और खुशनुमा महीना होता है। इस मौसम में घूमने का एक अलग ही मजा होता है, गुनगुनी धूप के बीच घूमना मन को आनन्दित करता है। जैसे की यह महीना साल का आखिर भी है, इस दौरान भारत में कई उत्सव और पर्वों का योजन होता है, जहां आप भारत की विभिन्न संस्कृती को निहार सकते हैं।
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अगर आप अपने साल के आखिरी महीने को यादगार बनाना चाहते हैं, तो आपको भारत के कुछ उत्सवों और पर्वों का लुत्फ उठाना चाहिए, जो आपकी ट्रिप को बेहद यादगार बना देंगे। आइये जानते हैं स्लाइड्स में हैं..
कच्छ
भारत के प्रमुख उत्सवों में से एक कच्छ रण उत्सव है..सफेद नमक के पहाड़, मंत्रमुग्ध कर देने वाला सूर्योदय और सूर्यास्त तथा गुजराती संस्कृति के विविध रंग, में लिपटा हुआ ये उत्सव देश-विदेश के सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। नमक की बहुलता वाले इस क्षेत्र में रात में रेगिस्तान सफेद रेगिस्तान में बदल जाता है। यहां आकर आप खुली हवा में कल्चरल प्रोग्राम का आनंद उठा सकते हैं। सैलानियों के मनोरंजन के लिए यहां थियेटर की सुविधाएं भी हैं। इस उत्सव के दौरान चांदनी रात में गुजरात के स्वादिष्ट रेसिपी का आनंद लेने का अपना मज़ा है, जिसे यहां आकर ही लिया जा सकता है। यहां से पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र का नजारा भी देखने को मिलता है जो कच्छ से थोड़ी दूर पर ही स्थित है।
कच्छ
कब: 1 नवंबर, 2017 - 4 मार्च, 2018
कहां: कच्छ रेगिस्तान के रण, धोरडो, गुजरात
यहां कैसे पहुंचे -
निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन भुज में है, जो 74 किमी दूर है। आप कच्छ तक पहुंचने के लिए या तो एक सार्वजनिक बस या निजी टैक्सी ले सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव
यदि आप सामान्य रूप से रेत कला या कला से प्यार करते हैं, तो यह जगह आप के लिए परफेक्ट स्थान है। फ्रांस, मेक्सिको, सिंगापुर, स्पेन, जर्मनी, नीदरलैंड, नॉर्वे, अमरीका और कई अन्य देशों के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार भारतीय कलाकारों के साथ शीर्ष पुरस्कार के लिए यहां मुकाबला करते हैं।
ओडिशा में कोणार्क में यह एक तरह का त्योहार-सह-प्रदर्शनी होता है जहां अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव में भाग लेने के लिए भारत और विदेश से कई रेत कलाकार आते हैं। यह कला एक बहुत गूढ़ शैली है, जोकि बेहद आश्चर्यजनक कर देने वाली है। रेत के द्वारा सबसे अच्छी आकृति बनाने वालों को जजेस द्वारा एक लाख के इनाम से पुरुस्कृत भी किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव
कब है- 1- 5 दिसम्बर
कहां होता है- चंद्रभगा बीच, कोनार्क, ओडिशा
कैसे पहुंचे-
निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर में है, जो कि 64 किमी दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन पुरी में है, जो 31 किमी दूर है। पर्यटक हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी द्वारा यहां तक पहुंच सकते हैं।
हॉर्नबिल त्यौहार
हॉर्नबिल महोत्सव, नागालैंड का सबसे बड़ा वार्षिक महोत्सव है जो पूरी दुनिया से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह महोत्सव हर वर्ष के दिसम्बर महीने के पहले सप्ताह में मनाया जाता है। इस महोत्सव को सयुंक्त रूप से पर्यटन विभाग और कला व संस्कृति विभाग के द्वारा नागा विरासत गांव, किसामा में आयोजित किया जाता है, जो कोहिमा से 12 किमी. की दूरी पर स्थित है। सात दिवसीय इस महोत्सव में नागा जनजाति के समृद्ध और जीवंत संस्कृति को दर्शाया जाता है। इस महोत्सव का नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है इस पक्षी के पंख नागा समुदाय के लोगों द्वारा पहनी जाने वाली टोपी का हिस्सा होते हैं। इस समारोह में नृत्य प्रदर्शन, शिल्प, परेड, खेल, भोजन के मेले और कई धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।PC: Vikramjit Kakati
हॉर्नबिल त्यौहार
कब है- 1 दिसम्बर -10 दिसम्बर
कहां- किसामा गांव (कोहिमा के पास), नागालैंड
कैसे पहुंचे- कोहिमा के निकटतम हवाई अड्डे दीमापुर में 68 किमी दूरी पर स्थित है, जो सीधे गुवाहाटी और कोलकाता से जुड़ा हुआ है।PC:Loyalu
ऐम्बे वैली
देश में किसी भी प्रकार के पारंपरिक संगीत समारोहों की कोई कमी नहीं है,एन्चेंटेड घाटी कार्निवाल एक ऐसा कार्निवाल है, जिसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं,यह एक बेहद ही उम्दा संगीत उत्सव होता है, जिसमे इंटरनेशनल डीजे आकर लोगो को नचाते हैं,इसके साथ ही आप यहां कैम्पिंग का मजा भी ले सकते हैं। इस साल ऐम्बे वैली में चार चाँद लगायेंगे बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह और इंटरनेशनल डीजे आर्मिन वान बुउरेन।
ऐम्बे वैली
कब आयोजित होगा- 16 -17 दिसम्बर
कहां- आम्बी घाटी ,(मुंबई के पास)महाराष्ट्र
कैसे पहुंचे- निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा मुंबई में है, जो कि 105 किमी दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन लोनावाला में है, जो कि सिर्फ 25 किमी दूर है। लोनावाला स्टेशन अच्छी तरह से मुंबई से जुड़ा हुआ है, इसलिए ट्रेन से यहां पहुंचना एक अच्छा विकल्प हो सकता है...लोनावाला पहुँचने के बाद वेन्यू तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी ले सकते हैं।
पवित्र पुष्कर
राजस्थान की धर्मिक राजधानी पुष्कर में इस महीने में संगीत, ध्यान और योगको प्राथमिकता देते हुए एक उत्सव मनाया जाता हैं। इस दो दिवसीय आयोजन में कई प्रोग्राम आयोजित होते हैं, जैसे, सुबह सुबह योग, जैविक खाना,ध्यान,धार्मिक गाने आदि।यह सभी प्रतियोगिताएं जीवन में एक पूर्णतः डिटॉक्स अनुभव प्रदान करने के लिए होती है।
पवित्र पुष्कर
कब: 16 दिसंबर - 17, 2017
कहां: पुष्कर, राजस्थान
कैसे पहुंचे: निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा जयपुर में है, जो 140 किमी दूर है। जयपुर से, आप पुष्कर की बस या टैक्सी ले सकते हैं।
रेलवे स्टेशन
निकटतम रेलवे स्टेशन अजमेर में है, जो पुष्कर से सिर्फ 16 किमी दूर है।अजमेर स्टेशन देश के सभी प्रमुख स्टेशन से जुड़ा हुआ है, यहां से पुष्कर के लिए नियमित बसे भी चलती हैं।
जश्न-ए-रखता
उर्दू के आशिकों के लिए बेहतरीन मंच 'जश्न-ए-रेख़्ता' का आयोजन 8 दिसम्बर से 10 दिसम्बर के बीच आयोजित किया जायेगा। इसका आयोजन भारत में उर्दू संस्कृति को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है। चूंकि प्रयास लोगों को उजागर करना है, इसलिए इस उत्सव में कोई भी भाग लेने के लिए स्वतंत्र है। इस तीन दिवसयी सेमिनार में भारत की कई दिग्गज हस्तियां शामिल होती है, जैसे गुलजार,जावेद अख्तर आदि।
जश्न-ए-रखता
कब: 8 दिसंबर - 10, 2017
कहां: ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, दिल्ली
कैसे पहुंचे:
हवाई जहाज द्वारा
दिल्ली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है आप देश में कहीं से भी दिल्ली वायुयान द्वारा आ सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
दिल्ली रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है..
सेरेन्डिपिटी कला महोत्सव
सेरेन्डीपिटी आर्ट्स फेस्टिवल गोवा में कई जगहों पर बड़े पैमाने पर कला रूपों का प्रदर्शन करता है । इस कला महोत्सव में 70 प्रोजेक्ट्स होंगे जैसे, संगीत, नृत्य, फोटोग्राफी, वास्तुकला, दृश्य कला, पाक कला और थिएटर जैसे विभिन्न कला शैलियों, दर्शकों को व्यक्त करने संरक्षण की संस्कृति को बढ़ावा देना और कला के लिए मूल्य का सृजन करना है।
सेरेन्डिपिटी कला महोत्सव
कब: 15 दिसंबर - 22, 2017
कहां: पणजी, गोवा
यहां कैसे पहुंचे: निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा डबोलिम में है, जो कि 29 किमी दूर है।डाबोलिम से, पणजी की एक सीधी बस या टैक्सी ले सकते हैं।
रेलवे द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन मडगांव में है, जो पणजी से से 39 किमी दूर है। मडगांव स्टेशन सीधे मुंबई से जुड़ा हुआ है।
पौष
पौष मेला एक वार्षिक पर्व है,जोकि बंगाली महीने पौष के सातवें दिन शांतिनिकेतन ग्राउंड में आयोजित किया जाता है। यह एक ग्रामीण त्योहार है, जो इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण में से एक है और बंगाली संस्कृति का एक प्रतीक है। यह मूल रूप से टैगोर परिवार द्वारा आयोजित किया जाता है, लेकिन अब इसमें लाखों वैश्विक आगंतुक भाग लेने पहुंचते हैं.. इस कार्निवाल में बंगाली लोक संगीत और लोक कलाकारों को देखा जा सकता है।PC:Shayaksen.ed
पौष मेला
कब: 22 दिसंबर - 26, 2017
कहां: शांतिनिकेतन, बीरभूम, पश्चिम बंगाल
यहां कैसे पहुंचे:
निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा कोलकाता में है, जो 200 किमी दूर है। आप शांतिनिकेतन तक एक निजी टैक्सी को आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन बोलपुर में है, जो कि शांतिनिकेतन से सिर्फ 3 किमी दूर है। बोलपुर स्टेशन सीधे कोलकाता से जुड़ा हुआ है। पर्यटक सीधे राज्य परिवहन बस द्वारा कोलकाता से शांतिनिकेतन तक भी पहुंच सकते हैं।PC: Sub4u.roy
तमारा कार्निवाल
कूर्ग में तमारा रिज़ॉर्ट भारत की सांस्कृतिक विविधता और विरासत का जश्न मनाने के लिए एक खास उत्सव का आयोजन करता है। तमारा कार्निवल में भाग लेने के लिए रिजोर्ट के अंदर रहने की आवश्यकता है। यह कार्यक्रम,संगीत, थियेटर, नाटक और नृत्य की शैलियों से विभिन्न कलाकारों को एक साथ लाता हैं।
तमारा कार्निवाल
कहां: तमारा रिज़ॉर्ट, कूर्ग, कर्नाटक
यहां कैसे पहुंचे: निकटतम प्रमुख हवाई अड्डा बेंगलुरु में है, जो कि 265 किमी दूर है। आप यहां से आसानी से कूर्ग की बस लेकर सुबह कूर्ग पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन मैसूर में है, जो कूर्ग से 95 किमी दूर है। आप बेंगलुरु, मैसूर और मंगलोर से सीधे राज्य परिवहन बसों को भी ले सकते हैं।