पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता
भारत के इन पक्षी अभ्यारण की जरूर करें यात्रा
यह शहर थिएटर, कला और साहित्य के कई नोबल पुरस्कार विजेतायों का घर हैं। इसके अलावा यह शहर अपने स्वादिष्ट खाने के चलते लोगो के बीच खासा लोकप्रिय है....यहां का रसगुल्ला और मिष्ठी दही काफी लोकप्रिय है। वहीं संस्कृति के मामले में भी ये शहर पीछे नहीं है। यहां पर दुर्गा पूजा का आयोजन बड़ी धूमधाम से मनाया जाती है। इस शहर में ऐसा काफी कुछ है जो आप देख और समझ सकते हैं...तो आइये स्लाइड्स पर डालते हैं एक नजर
मदर टेरेसा का घर
मदर टेरेसा कहती थीं कि दिल प्यार करने के लिए है और हाथ मदद करने के लिए। उनके जीवन का उद्देश्य ही लोगों की सहायता करना था। मदर टेरेसा ने अपने जीवनकाल में प्यार और शांति के प्रसार के लिए कई अनोखे काम किए हैं।
जो लोग मदर टेरेसा को करीब से जानना चाहते हैं उन्हें मदर टेरेसा का घर जरूर देखना चाहिए। मदर टेरेसा से जुड़ी चीज़ों को एक संग्रहालय में रखा गया है। यहां पर उनकी चीज़ों जैसे सैंडल और उनकी पहनी हुई साड़ी को रखा गया है।
इस संग्रहालय में एक कमरा ऐसा भी है जहां मदर टेरेसा काम करती और सोती थीं। इस कमरे में हर चीज़ को वैसे ही रखा गया है जैसे की मदर टेरेसा छोड़कर गईं थीं।
pc:Steve Browne & John Verkleir
मार्बल पैलेस
नवशास्त्रीय शैली में बना मार्बल पैलेस इटैलियन मार्बल के विभिन्न 26 प्रकारों से बनाया गया है। ये महल मर्चेंट राजा राजेंद्र मुलिक द्वारा बनवाया गया था और आज भी उनके परिवार के लोग इस महल में रहते हैं।
इस महल की वास्तुकला और शिल्पकला विक्टोरियन शैली का नमूना है। महल के बाहरी स्वरूप को बंगाली शैली में ही बनाया गया है जहां बंगाली तरीके की तरह खुले कमरे और दरवाज़े के आगे खुला मैदान है।
साउथ पार्क स्ट्रीट सिमेटरी
साउथ पार्क स्ट्रीट सिमेटरी एक ऐसी जगह है जहां आपको शांति और सुकुन का अहसास होता है। कभी यहां पर कब्रे हुआ करती थीं। इस जगह पर आपको खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेगा। ये जगह प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी मशहूर है।
तेरेत्ती मॉर्निंग मार्केट
अन्य याहरों की ही तरह कोलकाता की सड़कों पर पीले रंग की टैक्सी और हाथ से खींचने वाली गाडियां दिख जाती हैं। लेकिन इस शहर में एक बड़ी अनोखी मार्केट है जहां आपको इसका छिपा खज़ाना मिल सकता है। तेरेत्ती मॉर्निंग स्ट्रीट अपने स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड के लिए मशूहर है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
हुगली नदी के पूर्वोतर में स्थित मां काली का दक्षिणेश्वर काली मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। ये काली मंदिर 1885 में रानी रशमोनी ने बनवाया था। श्री रामाकृष्णा के जीवन में भी इस मंदिर का बहुत महत्व रहा है।
इस मंदिर में मां काली की भगवान शिव के सीने पर पैर रखे हुए विशाल मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के नीचे चांदी से बने हज़ारों कमल के फूल बिछे हुए हैं।
कुमार तुली
कोलकाता के पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों के लिए मशहूर है कुमारतुली जिला जहां आज भी शिल्पकला जीवंत दिखाई देती है। इस जगह पर विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाईं जाती हैं। इन मूर्तियों को ना केवल आसपास के इलाकों बल्कि देश के अन्य हिस्सों से लेकर दुनियाभर में भेजी जाती हैं।
अगर आप मूर्ति बनाने का शौक रखते हैं तो आपको एक बार इस जगह पर जरूर आना चाहिए।
हावड़ा ब्रिज
भारतीय इंजीनियरों की प्रतिभा का नमूना है हावड़ा ब्रिज। ये पूरा ही ब्रिज बिना किसी नट और बोल्ट के बना हुआ है और ये दुनिया के सबसे व्यस्ततम ब्रिजों में से एक है। ये ब्रिज हावड़ा और कोलकाता को एकसाथ जोड़ता है।
हुगली नदी के ऊपर बने इस ब्रिज पर चलना आपको भी एक अद्भुत अनुभव देगा।
विक्टोरिया मेमोरियल हॉल
इस शानदार जगह की संरचना ब्रिटेन की क्वीन विक्टोरिया को समर्पित है। उन्हें भारत की महारानी भी कहा जाता है। इस इमारत की लंबाई 103 मीटर और चौड़ाई 69 मीटर और लंबाई 56 मीटर है। ये महल ब्रिटिश, यूरोपियन, मुगल और भारतीय शैली की वास्तुकला में बना है।
साइंस सिटी
देश के विज्ञान केंद्रा में कोलकाता की साइंस सिटी मुख्य है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा किया गया था।
ये संग्रहालय बड़े दिलचस्प तरीके से विज्ञान सीखने को प्रेरित करता है। ये स्थान उच्च तकनीकों और प्रदशनियों का गढ़ बन चुका है।
कालीघाट काली मंदिर
कोलकाता शहर का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थान है कालीघाट काली मंदिर। ये मंदिर देश में मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है। पहले ये मंदिर काफी छोटा था लेकिन 1809 में इस मंदिर का वर्तमान मंदिर का स्वरूप बनाया गया।
इस स्थान पर देवी सती का दायां पैर गिरा था। मंदिर में मां काली के सिर्फ चेहरे की अधूरी मूर्ति स्थापित थी। बाद में इस मूर्ति में सोने और चांदी के हाथ और जीभी लगाए गए।