भारत का कर्नाटक राज्य धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक खूबसूरती का संग्रह माना जाता है। यहां कई ऐसी जगहें है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में आज हम बात करेंगे कर्नाटक के उन वाटरफॉल्स (झरनों) के बारे में, जो वाकई में प्राकृतिक खूबसूरती का एक जीता जागता उदाहरण है। ये ऐसे वाटरफॉल्स है, जहां मानसून के ट्रिप की प्लानिंग की जा सकती है।
इनमें कुछ ऐसे झरनें है जो काफी ऊंचाई वाले है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का सबसे ऊंंचा झरना भी कर्नाटक में ही स्थित है, जिसका नाम कुंचिकल जलप्रपात (झरना) है, जो राज्य के शिमोगा जिले में वराही नदी पर बना है। यह वाटरफॉल लगभग 455 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
मानसून के दौरान क्यों नहीं जाना चाहिए
हम आपको एक सलाह देना चाहते हैं कि आप मानसून के सीजन में अगर किसी जलप्रपात को देखने की चाह रख रहे हैं तो कृपया सोच समझकर ही वहां जाने की प्लानिंग करें। क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि कई बड़े झरने बारिश के दौरान बंद रहते हैं, जिसके बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाती तो ऐसे में अगर आप वहां जाते हैं और वो झरना बंद हो तो आपका वहां जाना बेकार साबित हो जाता है।
अगर हम अपने अनुभव साझा करें तो पिछली बार बैंगलोर से करीब 110 किमी. दूर स्थित शिवानासमुद्र जलप्रपात घूमने गए, वहां पहुंचने पर पता चला कि वो बंद था। ऐसे में वहां जाने के लिए काफी पैसे खर्च हुए, फिर क्या किया जा सकता था, हम लोगों ने फिर वापसी कर ली। दरअसल, मानसून के दौरान कई ऐसे वाटरफॉल्स होते है, जो बारिश के दिनों में काफी रौद्र रूप ले लेते है, जो पर्यटकों के काफी दिक्कतें पैदा कर सकता है। इसलिए, हमारी यही सलाह है कि आप बारिश के बजाय उसके बाद जाने की प्लानिंग करें।
शिवानासमुद्र जलप्रपात
शिवानासमुद्र जलप्रपात, बैंगलोर शहर के आस पास मौजूद सभी वॉटरफॉलों में सबसे ज्यादा खूबसूरत है, जो शहर से करीब 110 किमी. की दूरी पर स्थित है। ये वाटरफॉल हासन से 50 किलोमीटर और मैसूर से 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आने पर आपको दो और फॉल मिलेंगे, जिनका नाम बाराचुक्की और गगनाचुक्की है। ये वीकेंड मनाने के लिए सबसे बेहतर स्थान है।
कुंचिकल जलप्रपात
कुंचिकल जलप्रपात, भारत का सबसे ऊंचा और एशिया का दूसरा सबसे ऊंंचा झरना है, जिसकी ऊंचाई करीब 455 मीटर है। यह कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित है, जो बेहद आकर्षक है। इसके आसपास की हरियाली लोगों को खूब आकर्षित करती है। यहां मानसून के बाद की प्लानिंग की जा सकती है।
एबी जलप्रपात
एबी जलप्रपात, कर्नाटक के कूर्ग में स्थित सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में से एक है, जिसे जेसी फॉल्स भी कहा जाता है। यहां आपको एक कॉफी और मसालों के बागान देखने को मिल जाएंगे। आप अपनी कार को बागान के प्रवेश द्वार तक ले जा सकते हैं, लेकिन झरने तक पहुंचने के लिए आपको पैदल ही ट्रेकिंग करनी पड़ेगी।
जोग जलप्रपात
जोग जलप्रपात, कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध झरनों में से एक है। शिमोगा की सीमा पर स्थित यह झरना शरवती नदी पर बना है। जोग जलप्रपात से निकलने वाले चार झरनों को आप देख सकते हैं, जिन्हें राजा, रानी, रॉकेट और रोअरर कहा जाता है।
कूसल्ली जलप्रपात
कूसल्ली जलप्रपात, कर्नाटक के उडुपी में स्थित एक विशाल झरना है, जो चट्टानी और घने जगलों का सफर तय कर 470 फीट की ऊंचाई से गिरता है। यह चट्टानी और घने जंगलों के अंदर स्थित है, इसलिए यहां प्रवेश का कोई सुगम मार्ग मौजूद नहीं है, आपको झरने तक पहुंचने के लिए कूसल्ली गांव से 5 किमी. तक ट्रेकिंग करनी होगी। यहां का रास्ता चट्टानों और फिसलन भरा है, जिसके चलते मानसून के दौरान यहां आना थोड़ा चुनौतिपूर्ण हो जाता है।
हेब्बे वाटरफॉल
हेब्बे जलप्रपात, कर्नाटक के दर्शनीय जलप्रपातों में से एक है। चिकमगलूर के पास स्थित हेब्बे वाटरफॉल्स के चारों तरफ हरियाली भरा माहौल आपको इसकी ओर आकर्षित करता है। ऐसा माना जाता है कि इस झरने के पानी में कई जड़ी-बूटियां मिली है, जो स्नान करने से कई सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए आपको कम से कम 2 किमी. का ट्रेक करना होगा।
कुडुमारी जलप्रपात
कुडुमारी जलप्रपात, कर्नाटक के उडुपी का सबसे खूबसूरत झरना माना जाता है, जो पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। कुडुमारी फॉल्स पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श स्थल है, इसके अलावा यहां कैंपिंग का रोमांच भरा आनंद भी लिया जा सकता है। इस जलप्रपात से पानी लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जिसे देखना पर्यटकों के लिए काफी रोमांचक भरा होता है।
कलहट्टी जलप्रपात
कलहट्टी जलप्रपात, चिकमगलूर से 82 किमी. की दूरी पर स्थित काफी लोकप्रिय झरना है। वीरभद्रेश्वर मंदिर के ठीक सामने चंद्र द्रोण पहाड़ियों से होकर 400 फीट से अधिक की ऊंचाई से गिरता यह झरना बेहद आकर्षक दिखता है। इस झरने से जुड़ा पहाड़ वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है, इसीलिए यह प्रकृति प्रेमियों के लिए खास मायने भी रखता है।
जोमलु तीर्थ जलप्रपात
जोमलु तीर्थ जलप्रपात, उडुपी मुख्य शहर से करीब 40 किमी. की दूरी पर स्थित सीता नदी पर बना है। इस झरने तक सड़क मार्ग के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। झरने के चारों तरफ फैली प्राकृतिक सौंदर्यता सैलानियों को काफी ज्यादा आनंदित और रोमांचित करने का काम करती है। उडुपी का ये झरना पिकनिक स्पॉट के रूप में पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है।
सथोड़ी जलप्रपात
सथोड़ी जलप्रपात, कर्नाटक के उन झरनों में से एक है, जो कई धाराओं द्वारा निर्मित होती है। 50 फीट की ऊंचाई से गिरता यह झरना दांदेली के पास स्थित है और यहां के स्थानीय लोगों द्वारा इसे मिनी नियाग्रा कहा जाता है। मानसून के मौसम में इस झरने की कोई योजना बनाने से बचना बेहतर है क्योंकि बरसात के महीनों में सड़कों की स्थिति खराब हो जाती है और पानी का बहाव भी काफी बढ़ जाता है।