देश के मध्य-पूर्व में स्थित छत्तीसगढ़ भारत का दसवां सबसे बड़ा राज्य है, जो वन्य और खनिज संपदा के मामले में काफी ज्यादा संपन्न माना जाता है। अपने 27 जिलों के साथ यह राज्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से काफी महत्व रखता है। इस राज्य का नाम छत्तीसगढ़, राज्य के 36 किलों के वजह से रखा गया था। यह एक अद्भुत राज्य हैं, जहां पर्यटन के लिहाज से कई शानदार स्थल देखने और घूमने-फिरने के लिए मौजूद हैं। यहां के घने जंगल विभिन्न वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करते हैं।
एक प्रकृति प्रेमी से लेकर एडवेंचर के शौकीनों के लिए यहां बहुत कुछ मौजूद हैं। इस खास लेख में आज हमारे साथ जानिए उन चुनिंदा पर्यटन स्थलों के बारे में जिनका प्लान आप वीकेंड पर राज्य के राजधानी शहर रायपुर से बना सकते हैं। जानिए ये स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
बिलासपुर
दूरी : 113 कि.मी
रायपुर से आप 113 कि.मी का सफर तय कर बिलासपुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। बिलासपुर, रायपुर के बाद राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर अपने गुणवत्ता वाले चावल उत्पादन के लिए देशभर में जाना जाता है। रायपुर से वीकेंड पर आप यहां आ सकते हैं।
पर्यटन के लिहाज से यहां देखने के लिए बहुत से खास स्थल मौजूद हैं, यहां के प्राचीन मंदिर, किले और धरोहर पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। देवरानी-जेठानी मंदिर, रतनपुर किला, राम टेकरी मंदिर, पातालेश्वर केदार मंदिर,खूंटाघाट बांध आदि यहां के मुख्य पर्यटन स्थल हैं।
दुर्ग
दूरी : 39 कि.मी
बिलासपुर के अलावा आप रायपुर से 39 कि.मी का सफर तय कर दुर्ग की सैर के लिए आ सकते हैं। दुर्ग राज्य के मुख्य शहरों में गिना जाता है, जो ऊपरी शिवनाथ-महानदी घाटी दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है। इस शहर का दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम भाग पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पर्यटन के लिहाज से देखने योग्य कई खूबसूरत स्थल मौजूद है, जिन्हें आप दुर्ग भ्रमण के दौरान देख सकते हैं।
आप यहां के मैत्री बाग की रोमांचक सैर का आनंद उठा सकते हैं, मैत्री बाग राज्य की सीमाओं के अंदर बसा एक खूबसूरत चिड़ियाघर है, जहां आप विभिन्न जंगली जानवरों को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पार्श्वनाथ तीर्थ, शिव मंदिर, गंगा मैया मंदिर, चंडी मंदिर, सीता मैया मंदिर, सियादेवी मंदिर आदि धार्मिक स्थलों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य
दूरी : 128 कि.मी
अगर आप अपनी यात्रा को रोमांचक मोड देना चाहते हैं तो रायपुर से 128 कि.मी का सफर तय कर बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य की रोमांचक सैर का प्लान बना सकते हैं। यह राज्य को एक प्रसिद्ध अभयारण्य है, जो महासमुंद जिले में स्थित है। यह आरक्षित वन्य क्षेत्र अपनी आदर्श जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यह वन्य क्षेत्र उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन और बांस के पेड़ों से घिरा हुआ है।
आप यहां कई जंगली जीवों को देख सकते हैं। आप यहां कई पर्यटन आरकर्षणों को देख सकते हैं, जिसमें सुरंग टिला, नंदवन गार्डन, भैंसा ताल आदि शामिल हैं। एक प्रकृति प्रेमी और नेचर फोटोग्राफर के लिए यह एक आदर्श स्थल है।
कांकेर
दूरी : 159 कि.मी
आप चाहें तो रायपुर से 159 कि.मी की दूरी पर स्थित कांकरे की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह राज्य का एक खास स्थल है, जो अपनी नदियों और प्राचीन धरोहरों के लिए जाना जाता है। यहां से महानदी, दूध नदी, हथकुल नदी, सोंढूर नदी और तुरु नदी होकर गुजरती हैं। यह शहर साल भर आयोजित होने वाले अपने त्योहारों के लिए भी काफ प्रसिद्ध है। यहां के पर्यटन स्थलों में आप कांकेर महल,गाडिया पर्वत, चरे-मरे जलप्रपात आदि की सैर का प्लान बना सकते हैं।
दंडक गुफा
PC- Biospeleologist
दूरी : 318 कि.मी
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप रायपुर से 318 कि.मी का सफर तय कर दंडक गुफा की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह काफी अद्भुत गुफा है, जो पर्यटकों को काफी ज्यादा रोमांचित करने का काम करती हैं। गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से बनी आकृतियां काफी ज्यादा आश्चर्यचकित करने का काम करती हैं।
दंडक गुफाएं, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में जगदलपुर, पास संरक्षित गुफाएं हैं। ये गुफाएं शोधकर्ताओं और भाषणविदों के लिए एक पसंदीदा स्थान भी हैं। ये गुफाएं शोधकर्ताओं और कंदराओं का अध्ययन करनेवालों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है।