भारत का ह्नदय राज्य मध्यप्रदेश पर्यटन के मामले में काफी ज्यादा समृद्ध है। अपने प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सौंदर्यता के बल पर यह राज्य देश-दुनिया के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर बात झीलों की कि जाएं तो यहां की झीलें अपनी खूबसूरत से किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकती हैं। ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक आकर्षणों की छाया में यहां के जलाशय मनोरम दृश्यों को प्रदर्शित करने का काम करते हैं।
झीलों का शांतिपूर्ण वातावरण मन और मस्तिष्क पर सुखद प्रभाव छोड़ता है। खासकर मॉनसून के दौरान यहां का भ्रमण करना एक आदर्श विकल्प रहेगा। इस लेख के माध्यम से जानिए मध्य प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध झीलों के बारें में, जानिए ये आपके लिए कितना महत्व रखती हैं।
भोजताल
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भोजताल मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध झीलों में से एक है, जो अपर लेक के नाम से भी जानी जाती है। यह झील राज्य के राजधानी शहर भोपाल में स्थित है। पर्यटन के लिहाज से यह काफी ज्यादा मायने रखती है, झील को देखने के लिए रोजाना पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। यह झील शहर के निवासियों के जल का बड़ा स्रोत है। झील का इतिहास बताता है कि इसे मालवा के परमार राजा भोज ने बनवाया था।
राजा भोज ने ही भोपाल शहर को बसाया था, और उन्हीं के नाम इस शहर नाम पड़ा था। झील भ्रमण के दौरान आप यहां राजा भोज की एक बड़ी प्रतिमा भी देख पाएंगे। मॉनसून के दौरान यह झील काफी खूबसूरत दिखाई देती है।
हलाली जलाशय
भोपाल की भोजताल झील की सैर करने के बाद अगर आप चाहें तो रायसेन जिले के हलाली जलाशय की सैर का आनंद ले सकते हैं। भोपाल से 40 कि.मी की दूरी पर स्थित यह जलाशय हलाली नदी पर बना है। अकसर यहां स्थानीय लोग मछली पकड़ने के लिए आते हैं। यहां कातला, रोहु, म्रिगल आदि यहां पाई जाने वाली प्रसिद्ध मछलियां हैं। हलाली नदी यहां की बेतवा नदी की सहायक नदी है, जो कभी थाल नदी के नाम से भी जानी जाती थी। माना जाता है कि दोस्त मोहम्मद खान ने इस नदी के तट पर प्रतिद्वंद्वी राजपूत सेना को मार गिराया था।
माना जाता है कि इस बड़े कत्लेआम की वजह से नदी का रंग लाल हो गया था, और फलस्वरूप नदी का नाम हलाली रख दिया गया। इस नदी को बंगगगा के नाम से भी जाना जाता है। इस नदी पर बना है हलाली जलाशय जो 1973 में बनाया गया था। पर्यटन के लिहाज से आप यहां की सैर कर सकते हैं।
लोवर लेक
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आप मध्य प्रदेश की लोअर लेक की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। यह झील भोपाल में स्थित है, और छोटा तालाब के नाम से भी जानी जाती है। भोपाल की अपर लेक के साथ मिलकर यह झील भोज वेटलैंड का निर्माण करती है। पर्यटन के लिहाज से यह के शानदर स्थल है, जहां वीकेंड पर पर्यटक सुकून भरा समय बिताने के लिए आते हैं। यह एक पुरानी झील है, जिसका निर्माण 1794 में छोटा खान द्वारा किया गया था। यहां बना लोअर लेक ब्रिज अपर लेक और लोअर लेक को अलग करता है। आप यहां का प्लान अपने दोस्तों और परिवार के साथ बना सकते हैं। फोटोग्राफी के लिए भी यह झील काफी ज्यादा मायने रखती है।
तवा जलाशय
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इन सब के अलावा आप राज्य के होशंगाबाद जिले के तला जलाशय की सैर का प्लान बना सकते हैं। तवा नदी पर बना यह जलाशय पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खास है। अकसर यहां पर्यटक वीकेंड पर मौज-मस्ती, फोटोग्राफी और सुकून भरे पल बिताने के लिए आते हैं। यह जलाशय तवा डैम के कारण बना है। तवा डैम प्रोजेक्ट 1958 में शुरू हुआ था और 1978 में यह बनकर तैयार हो गया था।
होशंगाबाद और हर्दा में खेतीबाड़ी के लिए यह बांध काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। खासकर मॉनसून के दौरान इस जलाशय की सैर की जा सकती है। बारिश के दौरान जलाशय की खूबसूरती देखने लायक होती है। यहां आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
शाहपुरा झील
उपरोक्त झीलों के अलावा आप भोपाल की शाहपुरा झील की सैर का आनंद भी ले सकते हैं। यह एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण 1974-75 के बीच हुआ था। पर्यटन के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण झील है, जहां सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। यह झील लगभग 8.29 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैली है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां की सैर कर सकते हैं।