पूर्वोत्तर भारत पर्यटन के मामले में देश का एक समद्ध क्षेत्र है, जो विभिन्न प्रकार के प्राकृति आकर्षणों का घर माना जाता है। नदी, पहाड़, झरने, घाटियां, झील, वन्यजीव अभयारण्य, मंदिर और प्राचीन स्थलों के साथ यह स्थल विश्व भर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप प्रकृति की अद्भुत सुंदरता को करीब से देखना और महसूस करना चाहते हैं तो आपको पूर्वोत्तर भारत की सैर जरूर करनी चाहिए। यहां की पहाड़ी घाटियां और ग्लेशियर से ढकी चोटियां आनंद के साथ-साथ आपको काफी ज्यादा रोमांचित करेंगी।
सात राज्यों के बना यह पूरा भूखंड पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर रोमांच का शौक रखने वालों के लिए यह काफी ज्यादा मायने रखता है। इसे लेख में हम आपको नॉर्थ ईस्ट के चुनिंदा कुछ पहाड़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपनी अद्भुत सौंदर्यता के लिए जाने जाते हैं। आइए जानते हैं ये पहाड़ आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
माउंट पन्दिम
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आप पूर्वोत्तर भारत के माउंट पन्दिम को देख सकते हैं, जो समुद्र तल से 22000 फीट की ऊचाई के साथ सिक्किम राज्य में स्थित है। माउंट पन्दिम भारत के चुनिंदा सबसे ऊंचे पहाड़ों में गिना जाता है, जिसकी ऊंचाई और बर्फीली खूबसूरती ट्रैवलर्स को काफी ज्यादा रोमांचित करने का काम करती है। आप इसे सिक्किम में जोंगरी से गोएचा ला के रास्ते पर देख सकते हैं। इस पहाड़ के आसपास कई ट्रैल्स बने हुए हैं, जिनके सहारे आप ट्रेकिंग या हाइकिंग का रोमांचक आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहां के अद्बुत दृश्यों को अपने कैमरे में उतार सकते हैं। एक यादगार ट्रिप के लिए माउंट पन्दिम एक आदर्श विकल्प है।
गिम्मिगेला चुली
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माउंट पन्दिम के अलावा आप नॉर्थ ईस्ट में गिम्मिगेला चुली पहाड़ को देख सकते हैं, जो 'द ट्विंस' के नाम से जाना जाता है। यह कंचनजंगा पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, और सिक्किम से आसानी से देखा जा सकता है। यह एक विशाल पहाड़ है, जो अपनी सीमा भारत के साथ-साथ नेपाल के साथ भी सांझा करता है। इस पहाड़ पर सबसे पहली चढ़ाई 1995 में तीन पर्वतारोहियों ने की थी। बता दें कि यहां बर्फीले तूफान आते रहते हैं, जो कई ट्रैवलर्स को अपनी चपेट में ले लेते हैं।
किरत चुली
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आप पूर्वोत्तर भारत आकर किरत चुली पहाड़ को देख सकते हैं। यह एक विशाल पहाड़ है जो समुद्र तल से 24000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस पहाड़ को टेंट पीक भी कहा जाता है। किरत चुली प्राकृतिक के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी रखता है। यह हिमालय श्रृंखला के चुनिंदा पवित्र पहाड़ों में गिना जाता है। यह पहाड़ भी अपनी सीमा भारत के अलावा नेपाल के साथ साझा करता है।
कबरू
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पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ों की श्रृंखला में आप कबरू की सैर का प्लान बना सकते हैं। कबरू नॉर्थ ईस्ट का एक अद्भुत पहाड़ है जो ट्रैवलर्स को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता रखता है। यह पहाड़ा भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित है, जो सिक्किम के जोंगरी से साफ देखा जा सकता है। चंकि सिक्किम हिमालयी क्षेत्र के काफी नजदीक स्थित है, इसलिए आप यहां से कई शानदार पर्वतों के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। समुद्र तल से कबरू की 25000 फीट की ऊंचाई से भारत के चुनिंदा सबसे ऊंचे पहाडों में शामिल करती है। एक रोमांचक ट्रिप के लिए आप यहां आ सकते हैं। कबरू, कबरू उत्तर, कबरू दक्षिण और तालुंग भागों में बंटा हुआ है।
सिनिओलचु
उपरोक्त पहाड़ों के अलावा आप सिनिओलचु को भी देख सकते हैं, जो 23000 फीट की उंचाई के साथ सिक्किम में स्थित है। बता दें कि इसे विश्व का सबसे खूबसूरत बर्फीली पहाड़ घोषित किया जा चुका है। इससर कई बार सिक्किम और जर्मन साहसिक क्लाइमर्स के द्वारा चढ़ाई की जा चुकी है। यह एक आकर्षक पहाड़ है जिसकी खूबसूसूरती देखते ही बनती है, अगर आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, यहां के दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।