गंगा नदी के तट पर स्थित बदायूं, उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्राचीन शहर है, जो मुगल काल के दौरान उत्तरी फ्रंटियर का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र था। यह शहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है, जिसे रोहिलखंड का ह्रदय भी कहा जाता है। दिल्ली से 222 कि.मी की दूरी पर स्थित यह बदायूं उत्तर प्रदेश के कई ऐतिहासिक शहरों से घिरा हुआ है। हालांकि यह राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों की तरह उतना बड़ा टूरिस्ट स्पॉर्ट नहीं हैं, लेकिन यह यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटकों का आगमन होता है, यहां दूर-दूर से जियारत के लिए लोग आते है।
जियारत एक तीर्थयात्रा है, जो मुहम्मद पैगम्बर, उनके परिवार या उनसे जुड़े महापुरुषों से संबंधित स्थलों के लिए की जाती है। इतिहास के पन्ने बताते हैं कि इस स्थल का इतिहास 12वीं शताब्दी से जुड़ा है। इस शहर के आसपास कई शानदार ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जहां का प्लान आप बदायूं से बना सकते हैं। जानिए ये स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
प्रेम मंदिर
दूरी : 162 कि.मी
बदायूं से आप 162 कि.मी की दूरी का सफर तय कर वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर आ सकते हैं। यह एक हिन्दूं मंदिर है, जो राधा-कृष्ण और सीता-राम को समर्पित है। इस खूबसूरत संरचना का निर्माण पांचवे जगतगुरु कृपालु महाराज ने किया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य 2001 में शुरु हुआ था, और इसका उद्घाटन 2012 में किया गया था। माना जाता है कि इस अद्भुत मंदिर के निर्माण में 1000 कलाकार और 12 साल का वक्त लगा था।
इस मंदिर को बनाने में इटालियन मार्बल का इस्तेमाल किया गया था। यह एक अद्भत मंदिर, जिसकी खूबसूरती किसी की भी मन मोह लेती है। आप यहां अपार मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। यह मंदिर आधुनिक लाइटों की रोशनी में काफी खूबसूरत दिखाई देता है।
ताजमहल
दूरी : 168 कि.मी
बदायूं से आप 168 कि.मी की दूरी पर स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का दीदार करने के लिए आ सकते हैं। यह एक दुनिया के सात अजूबो में शामिल संरचना है, जिसे देखने के लिए वर्षभर करोड़ों की संख्या में पर्यटको का आगमन होता है। यह संगमरमर की बनी एक ऐतिहासिक संरचना है, जिसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताल की याद में बनवाया था। इस प्राचीन सरंचना को यूनेस्कों द्वारा 1983 को विश्व धरोहर घोषित किया गया था।
ताजमहल, भारत में इस्लामी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी मीनारें और गुबंद, विश्व भर के सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। ताजमहल सूरज की रोशनी के बदलते रंगों में बहुत ही ज्यादा आकर्षक और खूबसूरत नजर आता है।
आगरा का किला
दूरी : 164 कि.मी
बदायूं के आगरा के सफर के दौरान आप ताजमहल के अलावा एक अन्य विश्व प्रसिद्ध प्राचीन संरचना आगरा फोर्ट देख सकते हैं। यह एक विश्व धहोहर स्थल है, जहां 1638 तक मुगल सम्राट रहा करते थे। यहां मुगलों का बेशकिमती खजाना रखा जाता था, माना जाता है कि यहां उनकी टकसाल भी मौजूद थी। समय की साथ-साथ यहां कई शक्तिशाली सम्राटों ने राज किया।
यह एक विशाल किला है, जिसके अंदर और भई कई छोटी-बड़ी संरचनाएं मौजूद हैं। आप यहां दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहांगीर महल, मीना मस्जिद रंग, महल, शाही बुर्ज, शाहजहां महल आदि को देख सकते हैं। कला और इतिहास प्रेमियों के लिए यह किला काफी ज्यादा मायने रखता हैं।
बुलंद दरवाजा
दूरी : 203 कि.मी
बदायूं से आप 203 कि.मी का सफर तय कर फतेहपुर सिकरी का प्लान बना सकते हैं, यह एक और उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक स्थल है, जहां मौजूद प्राचीन सरंचनाओं को देखने के लिए विश्व भर से पर्यटकों का आगमन होता है। फतेहपुर सिकरी में आप यहां खड़ा विशाल बुलंद दरवाजा देख सकते हैं। इस प्राचीन स्मारक का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने गुजरता फतह के स्मृति चिह्न के तौर पर 1602 में बनवाया था।
यह विश्व का सबसे बड़ा प्रवेशद्वार है, जिसकी ऊंचाई, विशाल आकार पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। यह विशाल द्वारा 53.63 मीटर ऊँचा और 35 मीटर चौड़ा है। फतेहपुर सिकरी भ्रमण के दौरान आप इस स्मारक को जरूर देखें।
पंच महल
PC- Saumya Pareek
दूरी : दूरी : 203 कि.मी
बदायूं से फतेहपुर सिकरी भ्रमण के दौरान आप पंचमहल को भी देख सकते हैं। यह महल फतेहपुर सिकरी फोर्ट की सबसे ऊंची सरचना है। इसका आकार कुछ पिरामिड की तरह है, जिसे हवामहल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल का निर्माल मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था, जहां से अकबर की बेगमें चांद का दीदार किया करती थीं।
यह महल, जोधाबाई महल के ठीक पास में ही स्थित है। माना जाता है कि इस हवादार महल में अकबर अपनी बेगमों के साथ समय बिताया करते थे। यह एक खूबसूरत सरंचना है, जिसकी आकृति पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।