छत्तीसगढ़ स्थित अंबिकापुर राज्य का एक प्रसिद्ध स्थल है, जिसे राज्य का 'टेंपल टाउन' भी कहा जाता है। यह सरजुगा जिले में स्थित है, और सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। इस नगर का नाम देवी अंबिका से लिया गया है, जिनकी पूजा यहा बड़े स्तर पर की जाती है। अपने इन महत्व के बल पर अंबिकापुर विश्व भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां आम पर्यटन स्थलों के अलावा कुछ ऐसे भी स्थल मजौद हैं, जिनका इतिहास कई वर्षों पुराना है।
धार्मिक स्थलों के अलावा यहां कुछ रहस्य से भरी जगहें भी हैं। राज्य का यह जिला परिवहन साधनों के द्वारा देश के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुडा हुआ है। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से अंबिकापुर आपको किस प्रकार आनंदित करत सकता है, जानिए यहां के चुनिंदा शानदार स्थलों के बारे में।
तातापानी
अंबिकापुर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, तातापानी से कर सकते है। यह एक गर्म पानी का कुंड है, जो जिले के पूर्वी भाग में स्थित है। यह कुंड साल भर खौलता रहता है, और यही वजह से यहां रोजाना, पर्यटकों का अच्छा खासा मजमा लगता है। माना जाता है कि इस कुंड के पानी में औषधीय गुण हैं, जो त्वचा संबधी रोगों के निवारण के लिए काफी कारगर माना जाता है। इस कुंड का पानी इतना गर्म होता कि अगर आप चावल को किसी कपड़े में बांधकर अंदर डालें, तो चावल थोड़ी ही देर में पक जाते हैं। इतनी विशेषताओं के कारण यह स्थल यहां के प्रसिद्ध पर्यटन केंद्रों में गिना जाता है।
महामाया मंदिर
अंबिकापुर को टेंपल टाउन कहा जाता है, आप यहां कई प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। महामाया मंदिर सती के 52 शक्तिपीठों में से एक है, इसलिए यहां रोजाना श्रद्धालुओं का अच्छा खासा जमावड़ लगता है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1050 ईस्वी में हुआ था। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है, जो आगुंतकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है।
मां दुर्गा यहां की मुख्य देवी हैं, जिनका आशीर्वाद पाने के भक्त दूर-दूर से आते हैं। खासकर नवरात्रि के दिनों यहां यहां ज्यादा श्रद्धालुओं का आगमन होता है, इस दौरान मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
रामगढ़ और सीताबेंगरा
इन सब स्थलों के अलावा आप यहां के रामगढ़ सीताबेंगरा स्थल की ओर प्रस्थान कर सकते हैं। रामगढ़ सीताबेंगरा, अंबिकापुर के वो महत्वपूर्ण स्थल हैं, जो पौराणिक मह्त्व रखते हैं। माना जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता के साथ यहां कुछ समय बिताया था।
सीता बेगरा को सीता के पैतृक निवास के तौर पर चिह्नित किया जाता है। हांलिक इन किवदंतियों में कितनी सच्चाई है, इसका कोई सटीक जवाब नहीं मिलता। रामगढ़ और सीता बेंगरा एक दूसरे से कुछ कि.मी के फासले पर स्थित हैं।
थिनथिनी पत्थर
अंबिकापुर के पर्यटन स्थलों की श्रृंखला में आप थिनथिनी पत्थर स्थल की सैर कर सकते हैं। यह स्थल रामगढ़ और सीता बेंगरा से आसानी से पहुंच सकते हैं। थिनथिनी एक बड़े आकार का रहस्यमयी पत्थर है, जिसपर किसी छोट पत्थर से चोट करने पर, ध्वनी गूंजती हुई सुनाई पड़ती है। स्थानीय लोगों को मानना है कि इस पत्थर में दैवीय शक्ति है। यह वजह है कि यहां रोजाना पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। यहां आने वाले आगंतुक पत्थर पर चोट कर ध्वनी को गुंजन को सुनते हैं।
जोगीमारा गुफा
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां अन्य लोकप्रिय स्थल, जोगीमारा गुफा की सैर का प्लान बना सकते हैं। ये गुफाएं मुख्य शहर से लगभग 40 कि.मी की दूरी पर पहाड़ों में स्थित हैं। माना जाता है कि गुफाएं 300 ईसा पूर्व से संबंध रखती हैं। गुफाओं की दीवारों पर आप प्राचीन चित्रकारी और कलाकृतियां देख सकते हैं। यहां फूल, पंक्षी, इंसानों और जानवरों के चित्र बने हुए हैं। यहां से कुछ शिलालेख भी प्राप्त किए गए हैं, जिनसे पता चला कि ये विश्व के पहले प्रेम संदेश हो सकते हैं।