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दक्षिण कन्नड़ के खूबसूरत पर्यटन स्थल, जानिए क्या है खास

दक्षिण कन्नड़ के खूबसूरत पर्यटन स्थल । places to visit in dakshina kannada

दक्षिण कन्नड़ कर्नाटक राज्य का एक तटीय जिला जो अपनी प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है। दक्षिण कन्नड़ को संस्कृति, परंपरा और धार्मिक अनुष्ठानों की भूमि भी कहा जा सकता है। दक्षिण कन्नड़ को पहले दक्षिण केनरा के नाम से जाना जाता था, बाद में इसका नाम बदलकर दक्षिण कन्नड़ रखा गया। यह कर्नाटक का एक खूबसूरत कोना है, जो पूर्व में पश्चिमी घाट, पश्चिम में अरब सागर से घिरा हुआ है।

यह जिला मॉनसून के दौरान भारी वर्षा ग्रहण करता है। इतिहास से जुड़े पन्ने बताते हैं कि यहां 8वीं से 14वीं शताब्दी के मध्य अलुप राजवंश का शासन चलता था। 1860 से पहले यह केनरा क्षेत्र का हिस्सा था, जो मद्रास प्रेसीडेंसी के अंतर्गत आता था। जिसके बाद कई क्षेत्रीय बदलाव उस दौरान किए गए । पर्यटन के लिहाज से यह जिला काफी ज्यादा मायने रखता है, इस लेख के माध्यम से जानिए यहां के कुछ शानदार पर्यटन स्थलों के बारे में।

पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन

पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन

PC- Aviator423

दक्षिण कन्नड भ्रमण की शुरुआत आप यहां के खूबसूरत पिलिकुला बॉटनिकल गार्डन की सैर से कर सकते हैं। यह बॉटनिकल गार्डन मैंगलोर के निकट वामंजूर में स्थित है, जो बहु-उद्देश्य पर्यटन आकर्षण के रूप में जाना जाता है। तुलू भाषा में पिलि का मतलब बाघ होता है, और कुला का मतलब झील। इस झील का नाम टाइगर लेक इसलिए पड़ा क्योंकि यहां बाघ पानी पीने के लिए आते हैं।

इस खूबसूरत स्थल की स्थापना प्राकृतिक दृश्य देखने और शांति के लिए पिलिकुला निसर्गा धम सोसाइटी द्वारा विकसित किया गया था। आप गार्डन की खूबसूरत झील को देख सकते हैं, इसके अलावा झील में बोटिंग की भी सुविधा भी उपलब्ध है। यहां का प्राकृतिक माहौल आत्मिक और मानसिक शांति का अनुभव कराते हैं।

पनांबुर बीच

पनांबुर बीच

PC- Premnath Kudva

मैंगलोर स्थित पनांबुर बीच दक्षिण कन्नड जिले के सबसे प्रसिद्ध तटों में गिना जाता है। यह अरब सागर का तट है, जो अपनी खूबसूरती और मनमोहक आबोहवा से पर्यटकों का मनोरंजन करता है। यह समुद्री तट यहां आने वाले आगंतुकों के मध्य काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। सिटी सेंटर से यह तट मात्र 10 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह समुद्री तट अब पनांबुर बीच टूरिस्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बैनर तले एक निजी उद्यम की देखरेख में है।

यहां पर्यटक बोटिंग, जेट स्की जैसी रोमाचंक गतिविधियों का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां खाने-पीने और लाइफ गार्ड्स की भी सुविधा उपलब्ध है। आप यहां अपनी परिवार या दोस्तों के साथ यहां आक सकते हैं।

तन्निरभवी समुद्री तट

तन्निरभवी समुद्री तट

PC-Giridhar1729

बॉटनिकल गार्डन के अलावा आप दक्षिण कन्नड के शानदार समुद्री बीचों का भी आनंद ले सकते हैं। मैंगलोर स्थित तन्निरभवी बीच यहां के प्रसिद्ध तटों में गिना जाता है, जहां सैलानियों का आना जाना लगा रहता है। यह समुद्री तट पनांबुर बीच के बाद पर्यटकों द्वारा ज्यादा देखा जाता है। इस तट पर पर्यटकों के लिए जरूरी सेवाएं उपलब्ध हैं, जैसे लाइफ गार्ड, शौचालय, पार्किंग, खाने-पीने के स्टॉल और बैठने के लिए बेंच।

एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां की सैर कर सकते हैं। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए पर्यटकों का भारी जमावड़ा लगता है। आप यहां एक सुकून भरा समय बिता सकते हैं और चहलकदमी का आनंद ले सकते हैं।

कुक्के सुब्रमण्य मंदिर

कुक्के सुब्रमण्य मंदिर

PC-C21Ktalk

समुद्री तटों और उद्यानों के अलावा आप दक्षिण कन्नड जिले के धार्मिक स्थानों के भी दर्शन कर सकते हैं। आप यहां के सुब्रमण्य गांव में स्थित कुक्के सुब्रमण्य मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह एक हिन्दू मंदिर है जहां भगवान कार्तिक की पूजा सुब्रमण्य (सर्पो के भगवान) के रूप में होती है। पौराणिक किवदंती के अनुसार गरुड़ द्वारा धमकी दिए जाने पर वासुकी(नागराज) और अन्य साँपों को सुब्रमण्यम द्वारा शरण दी गई थी।

यहां रोजाना श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। धार्मिक आस्था से अलग मंदिर अपनी भौगोलिक स्थित भी इसे खास बनाने का काम करती है। आप यहां से पश्चिमी घाट की खूबसूरती को निहार सकते हैं।

कुद्रोली श्री गोकर्णनाथ मंदिर

कुद्रोली श्री गोकर्णनाथ मंदिर

PC- Premkudva

उपरोक्त स्थलों के अलावा आप आप मैंगलोर स्थित कुद्रोली श्री गोकर्णनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के गोकर्णनाथ रूप को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1912 में अध्यक्ष होगे कोरागप्पा द्वारा किया गया था। यह मंदिर मैंगलोर शहर के केंद्र स्थल से मात्र 2 कि.मी की दूरी पर स्थित है। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है।

खासकर गोपुरम श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों को भी काफी ज्यादा आकर्षित करता है। तीर्थयात्रियों के अलावा यह मंदिर कला प्रेमियों के लिए भी काफी ज्यादा मायने रखता है।

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