बैंगलोर से 544 कि.मी और पणजी से 174 कि.मी की दूरी पर स्थित गोकाक दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो अपने प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। बेलगाम क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में स्थित, यह पहाड़ी वनस्पति और नदियों से घिरा हुआ है, जहां एक शानदार अवकाश परिवार और दोस्तों के साथ बिताया जाता सकता है।
अपनी खास भौगोलिक स्थित के बल पर यह वर्षभर सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है, क्योंकि यह दो नदियों घाटप्रभा और मार्कंडेय के संगम पर स्थित है। पर्यटन के लिहाज से यहां घूमने-फिरने और देखने योग्य कई शानदार स्थल मौजूद हैं, जिनका प्लान आप किसी भी समय बना सकते हैं। इस लेख में जानिए कर्नाटक का यह स्थल आपको किस प्रकार आंनदित कर सकता है।
गोकाक जलप्रपात
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गोकाक मुख्यत अपने जलप्रपातों के लिए जाना जाता है, गोकाक फॉल यहां का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और खास जलप्रपात है जिसे देखने के लिए साल भर सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। 52 मीटर का विशाल झरना यहां की घाटप्रवाह नदी से जल प्राप्त करता है। यह कुछ नाइग्रा फॉल की तरह लगता है। पहाड़ी चट्टानों से गिरते पानी को देख पर्यटक काफी ज्यादा रोमांचित हो उठते हैं।
खासकर मॉनसून के दौरान यहां के दृश्य देखने लायक होते हैं, बारिश के कारण जल प्रपात का पानी बाहर तक आ जाता है, और जिसका कोलाहल दूर तलक सुनाई देता है। अगर आप यहां का प्लान बनाएं तो अपनी सुरक्षा को ज्यादा प्राथमिकता दें।
योगी कोल्ला
जलप्रपातों के अलावा आप यहां के अन्य खास पर्यटन स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। यहां स्थित योगी कोल्ला एक लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉर्ट है, जो पश्चिमी घाट की तलहटी में बसा हुआ है। दरअसल यह एक छोटा सा गांव है, अपने प्राकृतिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी जाना जाता है। यहां एक गुफा मंदिर है, जिसके देखने के लिए पर्यटकों का अच्छा खासा तांता लहगा है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए चट्टानी मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है। यह सफर आनंद के साथ-साथ काफी रोमांच भी प्रदान करता है। गोकाक भ्रमण के दौरान आप यहां आ सकते हैं।
घाटप्रभा पक्षी अभयारण्य
गोकाक के प्राकृतिक स्थलों में आप घाटप्रभा पक्षी अभयारण्य का प्लान भी बना सकते हैं। लगभग 29.78 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य कई देशी और प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने का काम करता है। यह सेंचुरी कृषि भूमि से घिरी हुई है, जहां आप नवंबर से मार्च के बीच आ सकते हैं, इस दौरान आपको कई प्रवासी पक्षियों को देखने का मौका मिल जाएगा।
प्रवासी पक्षियों में आप यहां यूरोपीय वाइट स्टॉर्क और डेमोइसेल क्रेन को आसानी से देख सकते हैं। शहर की भाग दौड़ भरी जिंदगी से दूर यह एक शानदर स्थल है, जहां का प्लान आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं।
महालिंगेश्वर मंदिर
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इन सब स्थलों के अलावा आप यहां के प्रसिद्ध महालिंगेश्वर मंदिर मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जो 1153 ईसवी से संबंध रखता है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर गोकाक से लगभग 7 कि.मी की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इसका निर्माण चालुक्य शैली में किया गया था। मंदिर का गर्भगृह, अर्धमंडप और मुखमंडप देखने लायक है। यह मंदिर प्राचीन भारत की उत्कृष्ट कला को भली भांति प्रदर्शित करता है। यह स्थल इतिहास प्रेमियों और तीर्थयात्रियों के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है।
हिडकल डैम
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के हिडकल डैम की सैर का प्लान बना सकते हैं, जो गोकाक से लगभग 25 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह एक जलाशय के साथ-साथ एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां वीकेंड पर पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। आप यहां पक्षी विहार का आनंद भी ले सकते है, हर साल यहां विश्व के कोनों - कोनों से प्रवासी पक्षियों का प्रवेश होता है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।