यदि आप एक ऐसे गंतव्य की यात्रा करना चाहते हैं जो सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, और मनोरंजन से भरा हो तो आपको कांचीपुरम अवश्य आना चाहिए। हजारों मंदिरों के साथ दक्षिण भारत की धार्मिक राजधानी कांचीपुरम में पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। कांचीपुरम में मौजूद मंदिरों की भव्यता दूर से बनती हैं।
अगर आपको स्थापत्य कला के विभिन्न रूपों को देखना है तो आप कांचीपुरम अपने परिवार या सगे-संबंधियों के साथ अवश्य पधारें। यहां का हर मंदिर द्रविड़ विरासत और शहर के गौरवशाली इतिहास को भली-भांति प्रदर्शित करता है। इन मंदिरों की सुंदरता बताती है कि यहां शासन करने वाले दक्षिण हिन्दू राजा न सिर्फ शक्तिशाली थे बल्की उनका रुझान आस्था और कला क्षेत्र में भी काफी ज्यादा था।
एक लोकप्रिय पर्यटन गंतव्य होने के साथ-साथ कांचीपुरम अपनी सिल्क साड़ियों के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इस खास लेख में हमारे साथ जानिए कांचीपुरम के सबसे प्रसिद्ध मंदिर और दर्शनीय स्थलों के बारे में।
एकंबरेश्वर मंदिर
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भगवान शिव को समर्पित एकंबरेश्वर मंदिर कांचीपुरम के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। दूसरी शताब्दी के तमिल कवियों द्वारा इस विशेष मंदिर का काफी वर्णन किया गया है। प्रारंभिक समय से लेकर अबतक मंदिर के कई संरचनात्मक बदलाव हो चुके हैं। पल्लव राजाओं के शासन काल के दौरान इस मंदिर के प्रारंभिक मूल स्वरूप को हटाकर नया स्वरूप प्रदान किया गया था। चोल वंश के शासन काल के दौरान भी इस मंदिर में कई बदलाव किए गए। मंदिर की संरचना का अंतिम बदलाव कृष्णादेवाराय के समय में किया गया।
कृष्णादेवाराय दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध राजा माने जाते हैं। मंदिर के 40 फीट लंबे विशाल दरवाजे देखने लायक हैं। यह भव्य मंदिर प्राचीन स्थापत्य कला का एक अनूठा उदाहरण पेश करता है। मंदिर परिसर में एक आम का पेड़ है जो लगभग 3500 वर्ष पुराना बताया जाता है।
कामाक्षी अम्मन मंदिर
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एकंबरेश्वर मंदिर के बाद कांचीपुरम के कामाक्षी अम्मन मंदिर भी अपनी भव्यता और सौंदर्यता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर देवी शक्ति को समर्पित है। देवी शक्ति की पूजा तीन बड़े शहरों में की जाती है जिनमें कांचीपुरम का नाम सबसे पहले आता है। मंदिर का सबसे आकर्षक भाग सोने की परत से बना ऊची मीनार और सोने का रथ है।
इसके अलावा यहां मौजूद 7वीं शताब्दी की मूर्तियां भी यहां आने वाले सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करती हैं। कामाक्षी अम्मन मंदिर लगभग 5 एकड़ की जमीन पर बना हुआ है। इसके अलावा मंदिर में पर्यटकों के लिए एक गैलरी भी बनाई गई है जिसमें आदि शंकराचार्य के जीवन को दर्शाया गया है।
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कैलासनाथ मंदिर
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8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया कैलासनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। इस भव्य मंदिर को बनाने का काम राजसिम्हा पल्लव के शासन काल के में शुरू किया गया था जिसका पूरा निर्माण पुत्र महेंद्र वर्मा के करवाया। माना जाता है कि पल्लव राजा कला के काफी ज्यादा प्रेमी थे, इसलिए उनके समय बनाए गए सभी मंदिर अपनी बेहतरीन स्थापत्य कला के लिए जाने जाते हैं। मंदिर में पत्थरों और चट्टानों को काट कर की गई कारीगरी का कोई जवाब नहीं।
अगर आप ऐतिहासिक वास्तुकला के प्रेमी हैं तो यहां एक बार जरूर आएं। कैलासनाथ मंदिर नक्काशी और वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है।
देवराजस्वामी मंदिर
उपरोक्त ऐतिहासिक मंदिरों के अलावा आप देवराजस्वामी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर अपनी समृद्धि और उत्तम मूर्तियों के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण विजयनगर के राजाओं के द्वारा करवाया गया था। यहां मौजूद नक्काशीदार मीनारे प्राचीन शिल्पकला को भली भांती प्रदर्शित करती हैं।
मंदिर के मुख्य आकर्षणों में एक पत्थर को काटी गई एक विशाल संरचना है जिसकी कला खूबसूरती का कोई जवाव नहीं। यहां भगवान विष्णु की 10 मीटर विशाल संरचना है एक टैंक में स्थित है। हर 40 वर्षों में इस टैंक को खाली किया जाता है उसी दौरान इस भव्य मूर्ति को देखा जा सकता है।
अन्य दर्शनीय स्थल - कांची कुडिल
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मंदिरों के अलावा आप यहां कांची कुडिल नाम के दर्शनीय स्थल की सैर भी कर सकते हैं। कांचीपुरम स्थित कांची कुडिल पर्यटकों को अपनी ओर काफी ज्यादा आकर्षित करता है। कांची कुडिल एक 90 साल पुराना एक घर है जो शहरी लोगों के जीवन का प्रदर्शित करता है। कुडिल का शाब्दिक अर्थ घर होता है। कांची कुडिल कुछ इस प्रकार बनाया गया है कि पूरे शहर और खासियतों को इसमें देख सकते हैं। यहां आप कांचीपुरम के विषय में हर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यहां का भोजन, सराय में फर्नीचर सब शहर के गौरवशाली अतीत की बात करते हैं। यहां शाम के वक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसके माध्यम से आप शहर की विभिन्न कला को करीब से समझ सकते हैं। कांचीपुरम में और भी कई सारे स्थान देखने लायक हैं, एक अच्छा यात्रा प्लान बनाकर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहां घूमकर आ सकते हैं।