उत्तराखंड स्थित काशीपुर एक प्राचीन शहर है, जो राज्य के उधम सिंह नगर जिले में स्थित है। यह पहाड़ी स्थल अपने प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यहां रोजाना सैकड़ों की तादाद में पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आगमन होता है। इसे बसाने का श्रेय काशीनाथ अधिकारी को जाता है, जो कुमाऊं के चांद साम्राज्य के अंतर्गत एक असफर था। चांद राजाओं ने काशीपुर पर काफी लंबे समय तक राज किया। जिसके बाद इस शहर को अंग्रेजों को सौंप दिया गया था।
माना जाता है कि एंग्लो-गोरखा युद्ध के दौरान इस शहर ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पर्यटन के लिहाज यह एक आदर्श स्थल है, जहां एक शानदार अवकाश बिताया जा सकता है। जानिए यह शहर अपने विभिन्न पर्यटन स्थलों के साथ आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
चैती देवी मन्दिर
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काशीपुर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों से कर सकते हैं, चैती देवी मंदिर यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जो पौराणिक महत्व रखता है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है जिसका संबंध महाभारत काल से भी बताया जाता है। यहां हर साल नवरात्रि के दौरान भव्य आयोजन किए जाते हैं, जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यहां लगने वाला चैती मेला काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यह स्थल का पौराणिक नाम गोविषाण था।
मान्यता के अनुसार यहां देवी सती की दायीं भुजा गिरी थी। यहां देवी के भुजा की पुजा की जाता है। धार्मिक अनुभव के लिए आप यहां आस सकते हैं।
श्री भीमाशंकर मंदिर
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चैती मंदिर के बाद आप यहां के भीमाशंकर मंदिर के दर्शन के लिए भी आ सकते हैं, जिसे मोटेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां साल के दौरान सैकड़ों शिव भक्तों का आगमन होता है, खासकर सावन मास में यहां श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगता है। काशीपुर बस अड्डे से यह मंदिर मात्र 3 कि.मी की दूरी पर है। अपनी धार्मिक यात्रा को खास बनाने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
द्रोणा सागर झील
मंदिरों के अलावा आप यहां की झीलों की सैर का आनंद ले सकते हैं। द्रोणा सागर झील यहां के प्रसिद्ध जलाशयों में से एक है, जहां रोजाना पर्यटकों आवागमन लगा रहता है। माना जाता है कि यह प्राचीन झील गुरू द्रोणाचार्य से जुड़ी है, उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम रखा गया है। महाभारत काल के दौरान गुरू द्रोणाचार्य पांडवों और कोरवों को शिक्षा प्रदान की थी, उन्हीं को दक्षिणा देने के लिए पांडवों ने इस जलाशय का निर्माण करवाया था। पुराणों इस बात का उल्लेख किया है कि द्रोणा सागर झील का पानी गंजाजल समान पवित्र है। काशीपुर भ्रमण के दौरान आप यहां आ सकते हैं। यह झील खूबसूरत मंदिरों और वनस्पतियों से धिरी है।
गिरी सरोवर
द्रोणा सागर झील के अलावा आप गिरी सरोवर की सैर का भी आनंद ले सकते हैं। गिरी सरोवर यहां के चुनिंदा प्रसिद्ध जलाशयों में शामिल है, जहां पर्यटकों का अच्छा खासा जमावड़ा लगता है। प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच यह एक पिकनिक स्पार्ट भी है, जहां वीकेंड पर सैलानी अपने दोस्तों यहां परिवार के साथ पहुंचते हैं।
गिरी सरोवर आकर आपको प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने के साथ-साथ विभिन्न रोमांचत गतिविधियों में शामिल होने का मौका भी मिलेगा। आप यहां ट्रेकिंग, कैंपिंग का रोमांच भरा अनुभव ले सकते हैं।
गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप काशीपुर स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए भी आ सकते हैं। यह सिखों के चुनिंदा सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक है, जहां स्वयं गुरु नानक देव जी का आगमन हुआ था। स्थानीय किवदंती के अनुसार किसी समय यहां की ढेला नदी का बड़ा प्रकोप था, जो हर साल बड़ी तबाही मचाती थी, जिस वक्त गुरु नानक ने यहां प्रवेश किया, गांव वाले सुरक्षित जगह की तलाश में अपने घर छोड़ने की कगार पर आ गए थे।
माना जाता है कि जब लोगों के कीर्तन भजन कर नानक देव जी के चरण स्पर्श किए, तो नदी अपने आप शांत हो गई, जिसके बाद यहां कभी बाढ़ की स्थिति नहीं आई।