गुजरात के पूर्वी हिस्से में स्थित पंचमहल एक ऐतिहासिक स्थल है, जो वर्तमान में राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है। इस जिले का मुख्यालय गोधरा में स्थित है। पंच महल उन पांच तालुका को कहते हैं, जो महाराजा जीवाजीराव सिंधिया द्वारा अंग्रेजों को स्थानांतरित कर दिए गए थे। ये थे गोधरा, दाहोद, हलोल, कलोल, झालोद। पंचमहल का इतिहास यहां के प्रसिद्ध चंपानेर के इर्द गिर्द घूमता है। माना जाता है कि यह ऐतिहासिक स्थल 7वीं शताब्दी के दौरान चवदा राजवंश के राजा, वनराज चवदा के प्रांत में विकसित हुआ था।
13वीं शताबदी के दौरान इस स्थल को चौहानों ने अपने कब्जे में ले लिया था। चौहानों ने यहां 1484 तक राज किया। जिसके बाद पंचमहल, गुजरात के सुल्तान महमूद बेगड़ा के अधिन चला गया। जानिए पर्यटन के लिहाज से यह स्थल अपने विभिन्न आकर्षणों के साथ किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
सिकंदर शाह का मकबरा
ऐसे तो गुजरात के पंचमहल जिले में असंख्य ऐतिहासिक संरचनाएं मौजूद हैं, लेकिन आप यहां कि कुछ शानदार प्राचीन संरचनाओं को अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं। आप जिले के हलोल नगर में स्थित सिकंदर शाह का मकबरा देख सकते हैं। इस मकबरे का निर्माण(1527) बहादूर शाह द्वारा अपने भाई सिंकदर शाह की सम्मान में करवाया था। सिकंदर शाह गुजरात का शासक था, जिसे उसके गुलाम इमाद-उल-मलिक ने मरवा दिया था।
जिसके बाद इमाद-उल-मलिक ने सिंकदर के 6 साल के छोट भाई को नासिर खास को महमूद शाह द्वितीय के नाम से गद्दी पर बैठा दिया था, और खुद राज करने लगा। मकबरे की वास्तुकला देखने लायक है, जो प्राचीन शैली का भली भांति चित्रण करती है। आप मकबरे की दीवारों पर बनी विभिन्न आकृतियां देख सकते हैं। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।
जंबू घोड़ा वन्यजीव अभयारण्य
ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप यहां के वन्यजीव अभयारण्य की रोमाचंक सैर का आनंद भी ले सकते हैं। जंबू घोड़ा तहसिल के अंतर्गत जंबू घोड़ा वन्यजीव अभयारण्य एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां रोजाना पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। यह अभयारण्य वडोदरा से 70 कि.मी की दूरी पर स्थित है। लगभग 130.38 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैला यह जंबू घोड़ा वन्य क्षेत्र असंख्य वनस्पतियों और विभिन्न जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है।
इसे 1990 में सेंचुरी घोषित किया गया था। जंगली जीवों में आप यहां भेड़िया, लोमड़ी, गीदड़, स्लोथ भालू, बड़ी गिलहरी, इंडियन फ्लाइंग फॉक्स, अगजर, मगरमच्छ, हिरण आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं।
त्रिमंदिर गोधरा
पंचमहल के पर्यटन आकर्षणों में आप यहां गोधरा से 4.5 किमी की दूरी पर स्थित गोधरा त्रीमंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। लगभग 22,569 वर्ग फीट में फैला यह एक विशाल मंदिर है, जिसकी वास्तुकला, नक्काशी यहां आने वाले आगंतुकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। श्रद्धालु यहां जैन, शैव और वैष्णव प्रतिमाओं को देख सकते हैं।
मंदिर के मध्य स्थित भगवान श्री सीमंधर स्वामी की 151इंच विशाल मूर्ति मुख्य आकर्षण का केंद्र है। मंदिर परिसर प्राकृतिक खूबसूरती से भरा पड़ा है, जहां आप फूल उद्यान, बगीचे और सतसंग हॉल भी देख सकते हैं।
हथनी माता जलप्रपात
यहां के प्राकृतिक आकर्षणों में आप हथनी माता जलप्रपात की सैर का प्लना बना सकते हैं। लगभग 100 मीटर ऊंचा यह झरना भारत के चुनिंदा प्रसिद्ध जलप्रपातों में गिना जाता है। यहां का प्राकृतिक माहौल सैलानियों को काफी ज्यादा पसंद आता है। यह जलप्रपात जंबूघोड़ा में स्थित है, और सैलानियों द्वारा ज्याद पसंद किया जाता है। खासकर मॉनसून के दौरान यहां की खूबसूरती देखने लायक होती है।
इस झरने का नाम नीचे मौजूद एक चट्टानी पत्थर की वजह से पड़ा है, जो कुछ छोटे हाथी की तरह दिखने लगता है। यहां वीकेंड पर पर्यटक ज्यादा आना पसंद करते हैं। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
जामा मस्जिद
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप चंपानेर स्थित जामा मस्जिद को देखने का प्लान बना सकते हैं। यह मस्जिद यूनेस्को द्वारा घोषित चंपानेर पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान का एक हिस्सा है। यह एक प्राचीन मस्जिद है, जो 1513 से संबंध रखती है। जामा मस्जिद सुल्तान महमूद बेगड़ा द्वारा बनवाई चुनिंदा प्रसिद्ध सरंचनाओं में से एक है। इसका निर्माण हिन्दू और मुस्लिम शैली में किया गया है।
1890 में कुछ मरम्मत के काम किए गए थे। मस्जिद की वास्तुकला यहां आने वाले आगंतुको को काफी ज्यादा प्रभावित करती है। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां आ सकते हैं।