फेक, पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड राज्य का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है, जो अपने प्राकृतिक परिदृश्य के लिए जाना जाना जाता है। घने जंगलों और पहाड़ी आकर्षणों से भरा यह स्थल एकांत प्रेमियों के लिए एक आदर्श जगह है। नदी, झील, पहाड़ और मनमोहक वादियों में बसे खूबसूरत गांवों के साथ यहां एक प्रकृति प्रेमी के लिए बहुत कुछ उपलब्ध है। इसके अलावा आप यहां नागालैंड की लोक संस्कृति को करीब से भी देख सकते हैं।
जैव-विविधता से संपन्न यहां के जंगल वनस्पतियों और जीव जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं। वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए भी यहां बहुत कुछ मौजूद है। इस लेख के माध्यम से जानिए एक ट्रैवलर के लिए नागालैंड का फेक कितना खास है।
ग्लोरी चोटी
फेक भ्रमण की शुरुआत आप यहां के ग्लोरी चोटी से कर सकते हैं। लगभग 2600 मीटर की ऊंचाई के साथ यह चोटी पर्यटकों को प्रकृति के शानदार दृश्य देखने का मौका प्रदान करती है। ग्लोरी राज्य के चुनिंदा सबसे ऊंची चोटी में गिनी जाती है, जहां की सैर करना साहसिक सैलानियों को बहुत पसंद है। यह पहाड़ी स्थल राजधानी शहर कोहिमा से लगभग 70 कि.मी की दूरी पर स्थित है।
आप यहां पहाड़ियों के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यह राज्य का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल भी है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां का प्लान बना सकते हैं।
शिलोई झील
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ग्लोरी चोटी के अलावा भी आप यहां के कई अन्य शानदार प्राकृतिक स्थलों की सैर का आनंद ले सकते हैं। शिलोई झील यहां के सबसे खूबसूरत लेक्स में गिनी जाती है, जिसकी शौंदर्यता का आनंद उठाने के लिए दूर-दूर से सैलानियों का आगमन होता है। इस झील से कुछ स्थानीय किवदंती भी जुड़ी है, स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां कभी झील में कोई तैरती हुई नवजात बच्ची दिखाई दी थी, और दो अलग से हाथ भी दिखाई दिए थे, जो उसकी रक्षा कर रहे थे, लोगों का मानना है कि वो बच्ची झील की राजकुमारी है और वो दो हाथ उन आत्माओं के थे जो झील की सुरक्षा करती हैं। यह झील फिशिंग और पक्षी विहार के लिए भी खास मानी जाती है। फेक भ्रमण के दौरान आप यहां आ सकते हैं।
फेक जलप्रपात
आप यहां के प्रसिद्ध फेक जलप्रपात की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। यह राज्य का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। यह जलप्रपात घने जंगलों और चट्टानी ढलानों से होते हुए नीचे गिरता है। पारिवारिक भ्रमण के लिए यह एक आदर्श स्थल है। यहा तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ी दूर तक ट्रेकिंग का सहारा भी लेना पड़ता है।
प्राकृतिक सौंदर्यता से भरा यह एक खास पर्यटन स्थल है। वैसे तो आप यहां किसी भी समय आ सकते है लेकिन अक्टूबर से अप्रैल के मध्य का समय आदर्श माना जाता है।
जुड़ु झील (Dzudu)
शिलोई झील के अलावा आप यहां की जुड़ु झील की सैर का भी आनंद ले सकते हैं। यह झील चारों तरफ से प्राकृतिक खूबसूरती से घिरी हुई है। माउंट ज़ानिबू के करीब होने के कारण इसे ज़ानिबू झील के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोग इस झील के पवित्र मानते हैं, इसलिए यहां किसी को और अन्य गंदगी फैलाने वाली मानवीय क्रियाओं पर पांबदी है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह झील सबसे पहले किसी शिकारी को दिखी थी, जो हिरण का पीछा कर रहा था। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां की यात्रा कर सकते हैं।
खेज़ाकेनो गांव
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप यहां के खेज़ाकेनो गांव की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह गांव यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि यह गांव नागा जनजाति के पूर्वजों का घर था । उस दौरान यहां विभिन्न जनजातियां रहती थीं, जो समय के साथ-साथ यहां से गायब होती चली गईं और पूर्वोत्तर भारत के अन्य स्थानों पर जाकर बस गईं।
वर्तमान में यहां से 4000 से ज्यादा लोग रहते हैं। फेक पर्यटन में यह गांव बहुत ही अहम भूमिक निभाता है। नागा कला - संस्कृति और रहन सहन को देखने और समझने के लिए भी आप यहां आ सकते हैं।