हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के अंतर्गत नालागढ़ एक खूबसूरत पहाड़ी पर्यटन स्थल है, जो कुदरती सौंदर्यता के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। इतिहास पर प्रकाश डालें पता चलता है कि यह कभी यहां की राजपूत रियासत का हिस्सा हुआ करता था। दिल्ली से 300 कि.मी और चंडीगढ़ से 60 कि.मी की दूरी पर स्थित इस पहाड़ी स्थल को हिंदूर नाम से 1100 ईस्वी में चंदेल राजाओं ने बसाया था।
यहां चंदेल राजपूतों के अलावा अन्य राजपूत जैसे तोमर, राठौड़, परमार, पवार, चौहान आदि भी आकर बसे। आज भी यहां अतीत से जुड़े कई साक्ष्यों को आसानी से देखा जा सकता है। वर्तमान में नालागढ़ एक उभरता हुआ शहर है, जो पर्यटन के साथ-साथ औधौगिक रूप से भी काफी विकसित होते जा रहा है।
एक शानदार अवकाश के लिए यह एक आदर्श जगह है, जहां का प्लान आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं। जानिए नालागढ़ भ्रमण के दौरान आप कौन-कौन से खूबसूरत स्थलों का प्लान बना सकते हैं।
नालागढ़ का किला
नालागढ़ भ्रमण की शुरुआत आप यहां के मुख्य आकर्षण नालागढ़ फोर्ट से कर सकते हैं। यह एक प्राचीन किला है जो अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। इस किले को 1421 ईसवी में राजा विक्रम चंद ने बनवाया था। लगभग 10 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह किला यहां की एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यहां से आप शिवालिक श्रृंखलाओं के शानदार दृश्यों का आनंद जी भरकर ले सकते हैं।
किले को मुगल वास्तुकला शैली में बनाया गया है। दिल्ली और चंडीगढ़ से यहां कुछ घंटों में ड्राइव कर पहुंचा जा सकता है। कुछ सुकून के पल बिताने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
रामगढ़ का किला
नालागढ़ फोर्ट के अलावा आप यहां से 56 कि.मी की दूरी पर स्थित रामगढ़ किले की सैर का प्लान बना सकते हैं। हरियाणा के पंचकुला में स्थित रामगढ़ फोर्ट एक ऐतिहासिक स्मारक और एक विरासत होटल है जो अपनी वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है। किले का इतिहास बताता है कि इसका निर्माण लगभग 350 साल पहले राजपूतों राजाओं में से एक राम चंदर द्वारा किया गया था।
किला समुद्र तल से 4000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के पर खड़ा है, जहां से आप शिवालिक की पहाड़ियों के अद्भुत दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। किले के प्रवेश द्वार पर 37 फीट लंबा दरवाजा है, जिसे भारत के सबसे ऊंचे दरवाजों में गिना जाता है। किले के अंदर एक प्राचीन कुएं और सुरंग भी है।
यादवेंद्र गार्डन
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नालागढ़ की यात्रा के दौरान आप 36 कि.मी की दूरी पर स्थित यादवेंद्र गार्डन की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। इस उद्यान को पिंजौर और मुगल गार्डन के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यह उद्यान शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित है, जो अपने विभिन्न आकर्षणों से पर्यटकों का मनोरंजन करता है। यह एक प्राचीन उद्यान है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान नवाब फदाई खान द्वारा मुगल शैली में बनवाया गया था।
इस उद्यान में तीन महल (जल महल, शीश महल और रंग महल) भी बने हुए हैं,जो यहां आने वाले आगंतुकों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। यहां पानी के फव्वारे भी लगे हुए हैं। इसके अलावा आप यहां एक जापानी उद्यान, मिनी ज़ू और पौधों की नर्सरी भी देख सकते हैं।
गोबिंद सागर झील
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां बिलासपुर जिले स्थित गोबिंद सागर झील की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। यह झील भाखड़ा बांध की वजह से बनी है। नालागढ़ से बिलासपुर की दूरी 71 कि.मी की है। झील का नाम सिखो के दसवे गुरु गुरु गोविंद सिंह के नाम पर रखा गया है। पर्यटन के लिहाज से यह एक खूबसूरत झील है, जहां प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद उठाने के साथ-साथ विभिन्न वाटर एक्टिविटीज का रोमांच भरा अनुभव भी लिया जा सकता है। गोबिंद सागर झील में मछलियों की लगभग 50 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं।
मजाथल वन्यजीव अभयारण्य
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप नालागढ़ सेमजाथल वन्यजीव अभयारण्य की रोमाचंक सैर का आनंद उठा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश का यह अभयारण्य अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, जहां आप विभिन्न वनस्पतियों के साथ कई जीव-जन्तुओं को भी देख सकते हैं। यह अभयारण्य 1996 मीटर की ऊंचाई के साथ 36.4 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैला हुआ है। वन्यजीवों में आप यहां बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली बिल्ली, जंगली सूअर, हिरण आदि जीवों को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पक्षी विहार का भी आनंद ले सकते हैं। नालागढ़ की सैर को अगर आप थोड़ा रोमांचक बनाना चाहते हैं तो यहां जरूर आएं।
कैसे करें प्रवेश
नालागढ़, हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप घनौली रेलवे स्टेशन का सहारा से ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो सड़क मार्गों से भी यहां पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से नालागढ़ राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।