महाराष्ट्र स्थित अमरावती एक खूबसूरत शहर है, जो नागपुर के बाद राज्य के पूर्वोत्तर भाग विदर्भ का दूसरा सबसे बड़ा और लोकप्रिय शहर है। यह शहर प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी महत्व रखता है। यहां मौजूद अंबादेवी, श्री कृष्ण और वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा यह शहर हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के लिए भी जाना जाता है, जो की एक बड़ा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है। इस शहर का अपना अलग इतिहास भी है, और माना जाता है कि इसका नाम प्राचीन अंबादेवी मंदिर ले लिया गया है।
पर्यटन के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां आप एक शानदार अवकाश का प्लान अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं। अमरावती के आसपास भी कई खूबसूरत पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जिनका प्लान वीकेंड पर बनाया जा सकता है। इस लेख में हमारे साथ जानिए सप्ताहंत के दौरान कौन-कौन से खास निकटवर्ती स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं।
चिकलधारा
आप अमरावती से चिकलधारा हिल स्टेशन का प्लान बना सकते है, जो अमरावती जिले के अंतर्गत ही आता है। यह स्थल प्राकृतिक महत्व के साथ-साथ पौराणिक महत्व भी रखता है। माना जाता है कि यह वो स्थान है जहां बलशाली भीम में कीचक नाम के राक्षस का वध किया था और इस घाटी में फेंक दिया था। इस पहाड़ी स्थल का नाम भी कीचक के नाम से प्रभावित है। यह हिल स्टेशन समुद्र तल से 1118 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से आप शानदार प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं। यह एकमात्र महाराष्ट्र का स्थल है जहां कॉफी का उत्पादन किया जाता है। यहां आने का सबसे आदर्श समय अक्टूबर से लेकर जून के मध्य का है।
पेंच
अपनी यात्रा को खास बनाने के लिए आप पेंच टाइगर रिजर्व की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह आरक्षित वन क्षेत्र महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश के एक बड़े भाग में फैला हुआ है। मध्यप्रदेश के अंतर्गत आने वाला पेंच का भाग सतपुड़ा की पहाड़ियों में फैला हुआ है। इस क्षेत्र का नाम यहां की पेंच नदी से कारण पड़ा है। यहां विभिन्न वनस्पतियों, जीव जन्तुओं और पक्षियों की कई प्रजातियों को देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, भेड़िया, नीलगाय, सांभर, जंगली सूअर आदि को देख सकते हैं। अगर आप नेचर फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, तो यहां के शानदार दृश्यों को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।
यवतमाल
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आप अमरावती से यवतमाल की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह शहर अमरावती मुख्य शहर से लगभग 91 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस शहर का नाम मराठी शब्द यवत (पर्वत) और मई(पंक्ति) से लिया गया है। इस शहर का भी अपना गौरवशाली इतिहास है, माना जाता है कि यह कभी बेरार सल्तनत का अहन नगर था। प्राचीन लेखों में इसे विश्व का सबसे सुरक्षित स्थल कहा गया है। यहां कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जहां आप शहर भ्रमण के दौरान जा सकते हैं। एक शानदार यात्रा के लिए आप यहां जरूर आएं।
ताडोबा - अंधेरी
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आप अमरावती से ताडोब अंधेरी टाइगर रिजर्व की रोमांचक सैर के लिए आ सकते हैं। यह बाघ आरक्षित क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में स्थित है। यह भारत के सबसे पुराने और बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है, जिसे 1995 में आरक्षित किया गया था। इस वन क्षेत्र 625.40 वर्ग कि.मी में फैला है, जिसमें ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान और अंधेरी वन्यजीव अभयारण्य आते हैं। अधेरी को 1986 में स्थापित किया गया था। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, तेंदुआ, स्लोथ भालू, नीलगाय, हायना, जंगली बिल्ली, सांभर आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पक्षी विहार का आनंद भी ले सकते हैं।
मेलघाट
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप महाराष्ट्र के मेलाघाट टाइगर रिजर्व की सैर के लिए आ सकते हैं। यह टाइगर प्रोजेक्ट के अतर्गत एक महत्वपूर्ण बाघ आरक्षित क्षेत्र है, जहां आप वन्यजीवन को काफी करीब से देख और महसूस कर सकते हैं। यह वन क्षेत्र राज्य के अमरावती जिले के अंतर्गत स्थित है। यहां से बहती ताप्ती नदी इसे खास बनाने का काम करती है। आप यहां विभिन्न वनस्पतियों, जंगली जीवों और पक्षियों की प्रजाती को देख सकते हैं। जंगली जीवों में आप यहां बंगाल टाइगर, तेंदुआ, स्लोथ भालू, सांभर, गौर, भौंकने वाली हिरण, नीलगाय आदि को देख सकते हैं।