क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन मध्यप्रदेश का एक प्राचीन शहर है, जो अपने प्रसिद्ध मंदिरों, धार्मिक गतिविधियों और महाकुंभ मेले के लिए जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस शहर का संबंध पूर्व-महाभारत युग से है, और जिसे पौराणिक काल की कई घटनाओं को जोड़कर देखा जाता है।
इसका इतिहास बताता है कि यह अवन्ति साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था, तब इसे उज्जैनी के नाम से संबोधित किया जाता था। यह शहर शैव और वैष्णव अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह एक आदर्श स्थल है।
इस लेख में आज हम आपको उज्जैन के निकटवर्ती शानदार पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां का प्लान आप उज्जैन से या उज्जैन भ्रमण के दौरान बना सकते हैं। जानिए यह प्राचीन शहर आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
पचमढ़ी
दूरी - 377 कि.मी
आप उज्जैन से 377 कि.मी का सफर तय कर पचमढ़ी की सैर का प्लान बना सकते हैं। पचमढ़ी, भारत के ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के अंतर्गत एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसे सतपुड़ा की रानी के नाम से भी संबोधित किया जाता है। पहाड़ी वनस्पतियों और घने जंगलों से घिरा यह पर्वतीय गंतव्य देशी-विदेशी सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है। पचमढ़ी, समुद्र तल से 1067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और जिसके ढूंढने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है। इस स्थल का प्रयोग अंग्रजों द्वारा ब्रिटिश सैन्य छावनी के रूप में किया जाता था। यह पहाड़ी गंतव्य अपने प्राकृतिक आकर्षणों जंगल, नदी, तालाब, जलप्रपातों आदि के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। चूंकि यह सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का ही एक हिस्सा है, इसलिए यहां जंगली जीवों को भी देखा जा सकता है।
लोनार
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दूरी 446 कि.मी
पचमढ़ी के अलावा आप उज्जैन से 446 कि.मी की दूरी पर स्थित लोनार का प्लान बना सकते है। लोनार भारत के महाराष्ट्र का एक प्रसिद्ध नगर है, जो अपनी लोनार झील के लिए जाना जाता है, जिसे लोनार क्रेटर के नाम से भी संबोधित किया जाता है। जानकारी के अनुसार इस झील का निर्माण पृथ्वी से उल्का पिंड के टकराने से हुआ था। यह अद्भुत झील 1200 मीटर की ऊंचाई पर 100 मीटर के वृत में फैली है।
अपनी भौलोगिक विशेषताओं के अलावा यह झील अपनी खूबसूरती के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। सूर्य की रोशनी में यह झील काफी अद्भुत रंगों का लिबास ओढ़ लेती है। आप झील के किनारे विभिन्न वनस्पतियों के साथ कई जीव जन्तुओं को भी देख सकते हैं।
उदयपुर
दूरी - 355 कि.मी
अपने पर्यटन का विस्तार करने के लिए आप उज्जैन से 355 कि.मी की दूरी पर स्थित उदयपुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह राजस्थान के प्रसिद्ध शहरों में से एक है, जिसे बसाने का श्रेय महाराणा उदय सिंह को जाता है। अपनी प्राचीन संरचनाओं के अलावा यह शहर अपनी झीलों के लिए काफी ज्यादा लोकप्रिय है, इसलिए इसे 'झीलों की नगरी' के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
यह कभी मेवाड़ का राजधानी हुआ करता था। उदयपुर की यात्रा कई मायनों में आपके लिए खास हो सकती है, आप यहां प्राचीन किले, हवेलियां, झील आदि देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां राजस्थानी संस्कृति और शाही तौर तरीकों का आनंद भी ले सकते हैं।
माउंट आबू
PC- Camaal Mustafa Sikander aka Lens Naayak
दूरी - 490 कि.मी
इन सब के अलावा आप उज्जैन से 490 कि.मी का सफर तय कर राजस्थान के माउंट आबू की यात्रा पर जा सकते हैं। माउंट आबू राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है, इसलिए यहां रोजाना भारी संख्या में सैलानियों का आगमन होता है। यह पर्वतीय गंतव्य प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है। अरावली श्रृंखला का हिस्सा माउंट आबू एक पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां का वातावरण गर्मियों के दौरान भी अनुकूल बना रहता है, इसलिए इस दौरान यहां पर्यटक ज्यादा आते हैं।
यह हिल स्टेशन राज्य से सिरोही जिले में स्थित है। यह पहाड़ी गंतव्य जैनों के प्रमुख तीर्थ स्थलों में भी गिना जाता है। आप यहां कई खूबसूरत मंदिरों को भी देख सकते हैं।
सापुतारा
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दूरी - 479 कि.मी
उज्जैन से आप 479 कि.मी का सफर तय कर सापुतारा भी आ सकते हैं। गुजरात स्थित सापुतारा पश्चिमी घाट की पहाड़ियों पर बसा एक खूबसूरत पहाड़ी गंतव्य है, जो अपने प्राकृतिक खजाने और मनमोहक आबोहवा के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से 875 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन सैलानियों के मध्य काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
आप यहां का प्लान अपने परिवार या दोस्तों के साथ बना सकते हैं। खासकर मॉनसून के दौरान यहां के नजारे देखन लायक होते हैं। इस दौरान यहां मॉनसून फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।