कला में वो ताकत है जो बिना कुछ कहे हजारों कहानियां बयां कर सकती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो जीवन के हर पहलुओं को छूकर आ सकता है। इसकी अंतहीन पहुंच ने अब तक इसकी परिभाषा भी निश्चित नहीं की है। फिर भी सामान्य शब्दों में इसे कौशल युक्त क्रियाओं द्वारा परिभाषित किया जाता है। कुछ विद्धानों के अनुसार कला एक कृत्रिम निर्माण है जिसमें शारीरिक और मानसिक कौशलों का प्रयोग होता है।
कला के इस समंदर में आज हम आपको भारत की वाणिज्य नगरी मुंबई की उन प्रसिद्ध आर्ट गैलरियों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कला को जीवंत रूप प्रदान किया जाता है, जहां दीवारों पर लगी कृतियां इंसानों से बात करती हैं। आइए जानते हैं कैसे....
जहांगीर आर्ट गैलरी
मुंबई के काला घोडा इलाके में स्थित, जहांगीर आर्ट गैलरी, कलाकारों के लिए सबसे प्रतिष्ठित आधुनिक जगह मानी जाती है। इस आर्ट गैलरी का निर्माण 1952 में किया गया था, जिसमें चार प्रदर्शनी हॉल हैं। इस बड़ी आर्ट गैलरी के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए कलाकार काफी उत्सुक रहते हैं। कई बार उन्हे सालों तक इंतजार करना पड़ता है।
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प्रोजेक्ट 88
यह खूबसूरत युवा आर्ट गैलरी शहर के कोलाबा में स्थित है, जिसकी स्थापना श्री गोस्वामी द्वारा की गई थी। आर्ट गैलरी से पहले यह जगह एक प्रिंटिंग प्रेस थी। जिसका इस्तेमाल वाणिज्यिक रूप से किया जाता था। यह गैलरी लगभग 4000 वर्ग फुट के क्षेत्रफल में फैली हुई है। जो कलाकारों को अपनी खूबसूरत कृतियां प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ी जगह उपलब्ध कराती है।
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तस्वीर,आर्ट गैलरी
अपने नाम से ही इस आर्ट गैलरी को प्रदर्शित करती यह जगह देश की 'नेशनल फोटोग्राफी कलेक्टिव' है। जहां देश और बाहर के सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफिक कार्यों को एक खूबसूरत आवास प्रदान किया जाता है। यहां लगी तस्वीरें आने वाले कलाप्रेमियों को हजारों कहानियां सुनाने का काम करती हैं।
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वोल्टा, आर्ट गैलरी
वर्ष 2009 में तुषार जिवरजका द्वारा स्थापित, वरली स्थित वोल्टा एक खूबसूरत आर्ट गैलरी है। जिसने बहुत ही कम समय में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। कला के क्षेत्र में अपने विलक्षण और विषम स्वाद के कारण, यहां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के कामों को प्रदर्शित किया जाता है।
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साक्षी आर्ट गैलरी
मुंबई स्थित साक्षी आर्ट गैलरी शहर की सबसे बड़ी वाणिज्यिक और निजी स्वामित्व वाली आर्ट गैलरियों में से एक है। जहां लंबे समय से बड़े-बड़े कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं। जिसमें से कुछ प्रसिद्ध कलाकार हैं एम.एफ. हुसैन, के.जी. सुब्रमण्यम और राम कुमार।
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चटर्जी एंड लाल
ब्रिटिश शासन के दौरान यह आर्ट गैलरी पहले प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के नाम से जानी जाती थी। इस लाइब्रेरी को कला के खूबसूरत प्रदर्शन (जहांगीर निकलसन कला फाउंडेशन विंग ) के साथ 1914 में खोला गया था। यहां ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के आसपास की खूबसूरत कला को प्रदर्शित किया गया है।
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