पूर्वी भारत में स्थित बिहार कई खूबसूरत मन्दिरों, स्मारकों का घर है, जिन्हें घूमने और जानने और हर साल देश विदेश से लोग पहुंचते हैं। कहा जाता है कि भारत का इतिहास इसी सांस्कृतिक और प्राचीन जगह की सीमाओं के भीतर से ही शुरू होता है। क्या आप जनते हैं कि, अन्य राज्यों की तरह बिहार भी कई खूबसूरत पहाड़ी श्र्ख्लयों और झरनों का घर है।
क्या आपने कभी ऐसी खूबसूरत जगह देखने की इच्छा की है, जो एक नवजात शिशु की तरह धीरे धीरे विकसित हो रही है। अगर नहीं, तो जनाब अब वक्त आ चुका है, कि आप इस खूबसूरत जगह का दीदार करें। दरअसल मै बात कर रहीं हूं बिहार के कैमूर जिले के खास प्राकृतिक स्थानों के बारे में आप इन जगहों की प्रसिद्धि से पहले ही घूम लीजिये
कैमूर पहाड़ी श्रंखला
483किमी में फैलीविंध्य रेंज मध्यप्रदेश से शुरू होकर बिहार के कैमूर जिले में आकर खत्म होती है, यह बिहार राज्य के सबसे समर्द्ध क्षेत्रों में से एक है और विंध्य रेंज का हिस्सा है। कैमूर घने और हरे भरे जंगलों से परिपूर्ण कई खूबसूरत झरनों का घर है।
अगर आपको प्रकृति से प्यार है तो आपको कैमूर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए, यहां कई नदियों को देखा जा सकता है। इतना ही नहीं पर्यटक यहां कैमूर रेंज की पहाड़ियों में कई प्रागैतिहासिक रॉक-कट पेंटिंग भी देख सकते हैं।
कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी
कैमूर वन्य जीव अभयारण्य भभुआ के निकट स्थित है और 1342 किमी में फैला राज्य का सबसे बड़ा अभयारण्य है, और यहां कुछ झरने और झीलों भी हैं। यहां यात्री बाघ, तेंदुआ, जंगली सुअर, सांभर हिरण, चीतल, चौसिंगा और नीलगाय जैसे कई जानवर देख पाएंगे और यह 70 प्रजातियों के निवासी पक्षियों के लिए एक निवास स्थान है। सर्दियों में प्रवासी पक्षियों के आगमन के दौरान आप अधिक प्रजातियों के पक्षियों को देख पाएंगे। कालीधा और अनुपम झील में मछलियां पाई जाती हैं। इस वन्यजीव अभयारण्य में पाए जाने वाले मुख्य जानवरों में बाघ, तेंदुआ, जंगली सुअरों, भालू, सांभर हिरण, चीतल, चौसिंगा और नीलगाय शामिल हैं।
करकट झरना
कैमूर कि पहाड़ियों के बीचों-बीच स्थित करकट झरना पिकनिक मनाने के लिए उपयुक्त स्थान है। यहां आने पर्यटक यहां वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं।Pc: Bihar Images
तेल्हार झरना
करकट झरने के अलावा तेल्हार झरना भी पर्यटक देख सकते हैं, जोकि दुर्गावती नदी के किनारे स्थित है। मद्द्मता से बहता हुआ झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
रोहतासगढ़ किला
रोहतासगढ़ किला काफी भव्य है। इस किले या दुर्ग 28 वर्गमील के क्षेत्र में फैला हुआ है। दुर्ग में प्रवेश करने के लिए 83 दरवाजें हैं, जिनपर और किले की दिवारों पर बने पेंटिंग व अन्य कलाकृतियां किसी का भी मन मोह लेने की क्षमता रखता है। यह किला समदुर् तल से 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक की चढ़ाई पूरी करने में कम से कम डेढ़ से 2 घंटों का समय लग सकता है। कहा जाता है कि इस किले व यहां स्थापित रोहितेश्वर महादेव के मंदिर का निर्माण अयोध्या के महाराज त्रिशंकु के पोते और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के बेटे रोहिताश्व ने करवाया था। किले के पास स्थापित रोहितेश्वर मंदिर में तक पहुंचने के लिए कुल 84 सीढ़ियां हैं, इसलिए इसे चौरासन मंदिर भी कहा जाता है। रोहितेश्वर महादेव का मंदिर रोहतास जिले के सासाराम में मौजूद है।