महीने भर के काम और थकावट के बाद ऐसे महीने की शुरुआत हुई जिसमें आपको सबसे ज़्यादा त्यौहारों की छुट्टी मिलेगी। अक्टूबर का महीना ढेर सारे त्यौहारों के साथ आपका लिए लाता है छुट्टियों की भरमार, जिनमें आप अपनी मनपसंद जगह जा अपने काम से छुटकारा पा अपनों के साथ सुख के पल चैन से बिता सकते हैं।
इस खास महीने में पूरे भारत में हर जगह कई त्यौहार भी मनाये जा रहे हैं। इन्हीं त्योहारों की छुट्टी के साथ ये एक ऐसा महीना है जब आप छुट्टियों का मज़ा सस्ते में ले सकते हैं। क्यूंकि छुट्टियों का पीक मौसम शुरू होने वाला है जब हर जगह के यात्रा की कीमतें भी बढ़ने लगेंगी। तो ऐसे में अक्टूबर का महीना ऐसा महीना है जिसमें आप बिना किसी चिंता अपने छुट्टियों का भरपूर मज़ा ले सकते हैं।
[शिलांग के अद्भुत झीलों के नज़ारे]
तो अब भी आप सोचिये मत बस तैयार हो जाइये और हमारे इस लेख में यहीं बैठे-बैठे इन खास जगहों के बारे में जानिए जहाँ की कुछ खास विशेषताएं आपकी छुट्टी को और भी यादगार और मज़ेदार बना देंगी। यहाँ हम आपके लिए कुछ खास जगहों की ऐसी खास क्रियाओं की लिस्ट लेकर आए हैं जो आपके छुट्टी को एक सुख भरे अनुभव में बदल देंगी।
नैनीताल
भारत में 'ताल का जिला कहलाने' वाला शहर नैनीताल भारत के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है। नैनी झील के चारों ओर बसे हुए इस शहर का दृश्य दिल को सुकून देने वाला और मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। दोस्तों, परिवार आदि सबके लिए एक ऐसी आदर्श जगह जहाँ के प्राकृतिक दृश्य लोगों के मन में उत्साह भर देते हैं। अक्टूबर का महीना इस जगह की यात्रा के लिए सबसे सही समय है क्यूंकि इसके बाद के महीनों में यहाँ कड़ाके की ठण्ड शुरू हो जाएगी। तो सोचिये मत और निकल पड़िये।
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नैनी झील में नाव की सवारी
नैनीताल का मुख्य आकर्षण है, यहाँ की नैनी झील। यह शहर का हृदय भी है, जो चारों तरफ से ऊँचे-ऊँचे पहाड़ियों और बाज़ारों से घिरा हुआ है। नैनीताल में आकर अगर आपने नैनी झील में नौका की सवारी नहीं की तो आपकी नैनीताल की यात्रा अधूरी ही रह जाएगी।
सूर्यास्त के समय झील का नज़ारा सबसे मनोरम होता है। नौका की सवारी कर आप झील में पहाड़ियों के प्रतिबिम्ब देखने का खूबसूरत आनंद उठा सकते हैं। रात के समय जब चारों ओर बल्बों की रोशनी होती है तब तो इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है।
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कैंची धाम की यात्रा
नैनताल से सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एक प्राचीन आश्रम जिसे 60 के दशक के साधु नीम करोली बाबा द्वारा बनवाया गया था। जब से एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने इस आश्रम की यात्रा शुरू की है तब से यह पर्यटकों के बीच भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहाँ आयोजित होने वाले ध्यान और आध्यात्मिक शिविरों में हिस्सा लेने के लिए दुनिया के कोने कोने से श्रद्धालु आते हैं।
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स्नो पॉइंट व्यू तक के लिए केबल कार की सैर
नैनीताल की खूबसूरती को पूरी तरह से अनुभव करने के लिए यहाँ के केबल कार की सैर करना न भूलें जो आपको स्नो पॉइंट व्यू तक ले जायेगा। आप यहाँ टिकट लेकर, केबल कार की मदद से ऊपर जाकर, कुछ खूबसूरत पल बिताकर दोबारा से नीचे आने पर केबल कार का भरपूर मज़ा ले सकते हैं। यहाँ पहुँच कर आपको शहर के अद्भुत नज़ारे का अनुभव होगा जो आपने कभी भी अनुभव नहीं किया होगा।
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अहमदाबाद
गुजरात राज्य का सबसे बड़ा शहर अहमदाबाद, साबरमती नदी के किनारे स्थित है। किसी ज़माने में यह गुजरात की राजधानी हुआ करता था जो अब गांधीनगर है। अहमदाबाद को कर्णावती के नाम से भी जाना जाता है। अक्टूबर के महीने में वो भी इस साल जब नवरात्री का शुभ अवसर अक्टूबर महीने में है अगर आप इस शहर की यात्रा करते हैं तो यह यात्रा आपको नवरात्र त्यौहार के अलग मज़े दिलाएगा।
पूरे शहर में डांडिया और गरबा के सांस्कृतिक कार्यक्रम रात भर चलते रहते हैं, जिसमें लोग अपने पारंपरिक परिधान में तैयार हो पूरे जोश के साथ शामिल होते हैं। अगर आपको शहर के सांस्कृतिक अनुभव के मज़े लेने हैं तो यही समय, नवरात्र का समय सबसे सही समय है इसकी संस्कृति में पूरी तरह घुल जाने का।
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डांडिया और गरबा नृत्य
गुजरात के सबसे लोकप्रिय समूह नृत्य गरबा जिसमें सभी एक दूसरे के साथ एक गोले में हाथों को लहरा लहरा कर नृत्य करते हैं और डांडिया जिसे लकड़ी की सजी हुई छड़ी से खेला जाता है, में हिस्सा ले इस पावन अवसर को यादगार बनाइए। जहाँ कहीं भी आप अहमदाबाद में ठहरें वहीं पास ही किसी कार्यक्रम के पास खरीद एक शाम इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना मत भूलियेगा।
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साबरमती आश्रम की सैर
साबरमती नदी के किनारे स्थित यह आश्रम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का निवास स्थल हुआ करता था जहाँ वे अपने विचारों और अहिंसा के रास्ते पर चल अपना कार्य किया करते थे। महात्मा गाँधी ने यहाँ 12 साल तक निवास किया और यहीं से दांडी मार्च की शुरआत की। आज यह एक राष्ट्रीय स्मारक है, जिसे महात्मा गाँधी जी के संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है। यहाँ जा आपको महात्मा गाँधी से जुड़ी अन्य बातों और ज्ञान का पता चलेगा।
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मानेक चौक पर स्वादिष्ट स्ट्रीट फ़ूड का आनंद
गुजरात में अहमदाबाद स्ट्रीट फ़ूड के लिए सबसे लोकप्रिय शहर है। खासकर कि यहाँ का मानेक चौक जहाँ रात में विद्युत की रंगीन रोशनी में पूरा बाज़ार एक स्ट्रीट फ़ूड ज़ोन में तब्दील हो जाता है। यह देश के उन फ़ूड स्ट्रीट ज़ोन में से एक है जिन्हें पूरी रात खुले रहने की अनुमति है। चाट कुल्फ़ी से लेकर कबाब सारे लज़ीज़ स्ट्रीट फ़ूड के मज़े यहाँ आप आराम से बैठ कर ले सकते हैं।
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शिलांग
भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग, प्राकृतिक खूबसूरती से सराबोर है। इस शहर की खूबसूरत परिदृश्य और यहाँ की संस्कृति की खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। मानसून के दौरान जब यहां बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है और शिलांग के चारों तरफ के झरने जीवंत हो उठते है। इसे 'पूर्व का स्कॉटलैंड भी कहते हैं'।
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शिलांग पीक पर जाएँ
शहर के विहंगम दृश्य के दर्शन के लिए शिलांग पीक पर जाना न भूलें, जिसके लिए आपको 6449 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचना होगा। भारतीय वायु सेना का रडार स्टेशन होने की वजह से आपको यहाँ पहुँचने के लिए सबसे पहले अपना पहचान पत्र दिखाना होगा।
यहाँ से पूरे शहर का नज़ारा एक अलौकिक रूप प्रदान करता है और अगर आप इस नज़ारे का और करीब से अनुभव करना चाहते हैं, तो अपने साथ टेलिस्कोप ज़रूर ले जाएँ। ऊपर ही सैलानियों के लिए कई छोटे-छोटे दुकान चाय-नाश्ते के लिए उपलब्ध हैं।
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उमियाम झील की सैर
उमियाम झील मेघालय राज्य के उमियाम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की वजह से बनी है जो शिलांग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उमियाम झील को बड़ापानी झील भी कहा जाता है। लगभग 10 वर्ग किलोमीटर में फैली यह कृत्रिम झील दक्षिण खासी पर्वतों से आने वाली उमियाम नदी के जल को रोककर निर्मित की गई है, जिसके एक छोर पर बिजली घर है जो नगर को बिजली की आपूर्ति करता है। यहाँ पर आप कई वाटर स्पोर्टस जैसे रोइंग बोट, पैडल बोट, पानी का स्कूटर, स्पीड बोट आदि जैसे खेलों के मज़े ले सकते हैं।
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एशिया के सबसे स्वच्छ गाँव की सैर
शिलांग से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित, मौलिन्नोंग गाँव को सिर्फ भारत ही नहीं पूरे एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव होने की उपाधि प्राप्त है। मौलिन्नोंग नाम के इस गांव में करीब 500 लोग रहते हैं। यहां 4 साल की उम्र से ही बच्चों को सफाई के लिए जागरुक किया जाता है। इस गांव को डिस्कवरी इंडिया मैगजीन ने 2003 में एशिया का सबसे क्लीन विलेज कहा था। आप यहाँ हर रस्ते में थोड़ी-थोड़ी दूर पर ही बांस से बनी टोकरियाँ कचरे डालने के लिए देखेंगे। पूरे गाँव की सफाई गाँव के लोग रोज़ाना करते हैं।
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अलापुज़्ज़ाह
अल्लेप्पी के नाम से भी जाना जाने वाला दक्षिण भारत का प्रकृति से घिरा हुआ क्षेत्र भारत के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है जहाँ आप अपनी छुट्टियों के भरपूर मज़े ले सकते हैं। केरल राज्य का यह क्षेत्र अपने जल अप्रवाहों के लिए प्रसिद्द 'पूर्व का वेनिस' कहलाता है। अक्टूबर इस जगह की यात्रा का सबसे सही समय है क्यूंकि नवम्बर के महीने से यहाँ पर्यटकों की भीड़ ज़्यादा बढ़ जाएगी।
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कृष्णापुरम महल संग्रहालय की सैर
अपने एक खास वास्तुशैली के लिए प्रसिद्द कृष्णापुरम महल संग्रहालय में केरल का सबसे बड़ा भित्ति चित्र भी प्रदर्शित है। आप यहाँ आ इसकी कलाकृति की प्रशंसा करते नहीं थकेंगे और यहाँ रहने वाले राजसी परिवार के बारे में आपको पूरी जानकारी यहाँ से मिलेगी।
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हाउसबोट में रहें
अल्लेपी मुख्यतः अपने हाउसबोट के लिए प्रसिद्द है, जहाँ आप एक पूरी रात बिता नाव की सवारी के मज़े ले सकते हैं।
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केरल के पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद
केरल की अर्थव्यवस्था में वहां के लज़ीज़ व्यंजनों की एक अलग और मुख्य भूमिका है। अगर आप सी फ़ूड और चावल से बने व्यंजनों के दीवाने हैं, तो यही वह जगह है जहाँ आप इनसे बने हर व्यंजन का भरपूर मज़ा उठा पाएंगे।
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लक्षद्वीप
दुनिया के सारे बंधनों से दूर लक्षद्वीप में छुट्टियां बिताने का मज़ा तो कुछ अलग ही और सबसे खास होगा। यहाँ यात्रा का मौसम शुरू ही होता है अक्टूबर के महीने से जो अप्रैल महीने तक चलता रहता है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है।
लक्षद्वीप की यात्रा के लिए पहले आपको अनुमति की ज़रूरत पड़ती है, जिसके लिए आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं। लक्षद्वीप मुख्यतः पानी की क्रियाओं के लिए पर्यटकों के बीच सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है।
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यॉट सेलिंग
अगर आप गहरे नील समुद्र में ठंडी-ठंडी हवाओं के मज़े लेना चाहते हैं, तो लक्षद्वीप में यॉट सेलिंग की यात्रा करना न भूलें। यॉट की सवारी कर आप लक्षद्वीप की राजधानी कावारत्ती की यात्रा करेंगे। यॉट सेलिंग पूरी तरह से हवा के ऊपर निर्भर होती है, अगर हवा अनुकूल रहेगी तो आप इस सवारी के मज़े ले सकते हैं।
Image Courtesy:Sankara Subramanian
मछली पकड़ना
लक्षद्वीप लैगून फिशिंग के लिए सबसे ज़्यादा प्रसिद्द है, जहाँ आप मछली पकड़ने में अपना हाथ आज़मा सकते हैं। कई आयोजकों द्वारा यहाँ रात में भी मछली पकड़ने का काम चलता है, जहाँ मछली पकड़ने की रॉड में एक फ़्लैश लाइट जुड़ी होती है।
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पानी की क्रियाएं
पानी की क्रियाएं और खेलों का मज़ा लेने के लिए लक्षद्वीप से अच्छी जगह और कोई नहीं होगी।आपको यहाँ कायाकिंग, कैनोइंग और स्कूबा डाइविंग के मज़े भरपूर मिलेंगे। इन सारी क्रियाओं की बदौलत आप समुद्र के अंदर के भी खूबसूरत जीवन से रूबरू होंगे।
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