तमिलनाडु स्थित तंजावुर दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो अपने वृहद इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। दूर-दूर से पर्यटक और श्रद्धालु इस प्राचीन शहर का भ्रमण करने के लिए आते हैं। इतिहास पर प्रकाश डालें तो पता चलता है कि यहां कभी शक्तिशाली चोल साम्राज्य का शासक चला करता था, उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया था । चोलों के बाद इस महत्वपूर्ण स्थल मराठा और नायकों के अधीन आया । यह न सिर्फ दक्षिण बल्कि तजावुर की गिनती देश के चुनिंदा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में की जाती है। आज भी यहां प्राचीन काल से संबंध रखने वाली संरचनाओं को देखा जा सकता है।
तंजावुर राज्य के राजधानी शहर चेन्नई से 380 कि.मी की दूरी पर स्थित है, जहां साल भर श्रद्धालुओं और इतिहास प्रेमियों को आगमन लगा रहता है। यहां के दर्शनीय स्थलों में आप बृहदेश्वर मंदिर, एयरवतेश्वर मंदिर, तंजावुर रॉयल पैलेस, गंगाकोंडा मंदिर, सेफोरजी सरस्वती महल पुस्तकालय आदि को देख सकते हैं। लेकिन इस लेख में आज हम आपको इस प्राचीन शहर के उन खास निकटवर्ती स्थलों में बताने जा रहे हैं जहां आप वीकेंड पर या तंजावुर भ्रमण के दौरान जा सकते हैं। जानि ये स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
तिरुवरुर
तंजावुर से वीकेंड पर आप तिरुवरुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। तिरुवरुर तमिलनाडु राज्य का एक प्रसिद्ध प्राचीन शहर है, जो ऐतिहासिक और सास्कृतिक महत्व के लिए ज्यादा जाना जाता है। इतिहास पर प्रकार डालें तो पता चलता है कि तिरुवरुर चोल साम्राज्य की राजधानियों में से एक था। इस स्थल पर कई शक्तिशाली राजवंशों का शासन रह चुका है जिसमें मध्यकाल के चोल, बाद के बाद, पड्या, विजयनगर साम्राज्य, मराठा और अग्रेज शामिल थे। वर्तामान में यह शहर अपनी धार्मिक गतविधियों के लिए ज्यादा लोकप्रिय है। यहां का त्यागराज मंदिर और वार्षिक रथ त्योहार काफी ज्यादा प्रसिद्ध हैं। इतिहास और कला-संस्कृति में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह स्थल काफी ज्यादा महत्व रखता है।
कोल्लम
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कोल्लम दक्षिण भारतीय राज्य केरल का एक प्राचीन बंदरगाह शहर है, जो लक्षद्वीप तट पर स्थित है। इस शहर का अपना अलग इतिहास भी है, यहां दक्षिण के कई शक्तिशाली राजवंशों का शासन रह चुका है, जिसमें वेणाड से लेकर चेरा आदि शामिल थे। चूंकि यह एक तटीय शहर है इसलिए प्राचीन काल में इस शहर ने चीन, मिस्त्र और मेलेशिया जैसे देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध बनाएं। यह शहर अपने मसालों और काजू उत्पादन के लिए भई जाना जाता है। पर्यटन की दृष्टि से यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है, जहां आप कई शानदार स्थलों की सैर का आनंद उठा सकते है, जिसमें शेंडुरुनी वन्यजीव अभयारण्य, थंगासेरी, पालारूवी जलप्रपात, मुनरो द्वीप, थेणमाला आदि शामिल हैं। एक यादगार सफर के लिए आप यहां आ सकते हैं।
इडुक्की
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तंजावुर से आप केरल के इडुक्की की सैर का प्लान बना सकते हैं, यह राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, जहां वर्षभर सैलानियों का आवागमन लगा रहता है। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल पश्चिमी घाट में बसा है, जहां आप पहाड़ी खूबसूरती का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं। इडुक्की का आधे से ज्यादा भाग घने जगंलों से घिरा हुआ है। यहां घूमने-फिरने के लिहाज से कई शानदार स्थल मौजूद हैं, जिनमें इडुक्की डैम, इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य, हिल व्यू पार्क, नंदुकानी, थाट्टेकड पक्षी अभयारण्य, कलवरी माउंट आदि शामिल हैं।
होगेकन्नाल
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तंजावुर से आप तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले स्थित होगेकन्नाल की सैर का प्लान बना सकते हैं। होगेकन्नाल राज्य का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने विशाल जलप्रपात के लिए जाना जाता है। रिफ्रेशिंग सफर के लिए यहां पर्यटकों का आवागमन लगा रहता है। होगेकन्नाड बैंगलोर से 180 कि.मी और धर्मपुरी से 46 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह एक आकर्षक जलप्रपात है जिसे भारत का नाइग्रा फॉल भी कहा जाता है। यह वाटर फॉल कावेरी नदी से जल प्राप्त करता है। यहां सैलानियों के लिए बोट राइड्स की भी व्यवस्था है। एक शानदार सफर के लिए आप यहां आ सकते हैं।
वागामोन
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप तंजावुर से वागामोन की सैर का प्लान बना सकते हैं। वागामोन दक्षिण भारतीय राज्य केरल का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने पहाड़ी खूबसूरती और शांत परिवेश के लिए जाना जाता है। यहां सालभर पर्यटकों को आवागमन लगा रहता है। यहां आप असल कुदरती सौंदर्यता का आनंद भी भरकर उठा सकते हैं। यहां घूमने-फिरने और देखने योग्य कई सारे स्थल मौजूद हैं जिन्हें आप अपनी यात्रा डायरी का हिस्सा बना सकते हैं। आप यहां के देवदार के जंगलों से लेकर, वागामोन जलप्रपात, थागल परा, इड्क्की बांध आदि का भ्रमण कर सकते हैं।