भारत में जितने लोग चाय के दीवाने हैं, उससे कहीं ज्यादा लोग कॉफ़ी पीना पसंद करते हैं, एक अच्छी कॉफ़ी बिगड़े हुए मूड और बिगड़े हुए दिन को अच्छा बनाती है। अगर भारत में कॉफ़ी उत्पादन की बात की जाये तो दक्षिण भारत में काफी उत्पादन का मुख्य क्षेत्र हैं।
भारतीय कॉफी को दुनिया में बेहतरीन कॉफी के रूप में माना जाता है, वे प्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश की बजाए छाया के नीचे उगाए जाते हैं। तो अगर आप कॉफ़ी के दीवाने हैं, तो इन छुट्टियों पने बैग पैक करें, और निकल पड़े आपके पसंदीदा पेय के महत्वपूर्ण कॉफ़ी के बगानों की ओर, जहां घूमने-फिरने की बेहतरीन डेस्टिनेशन्स के साथ-साथ कॉफी की भीनी-भीनी महक भी मिलेगी।
कूर्ग
भारत का कॉफी जिला, कूर्ग कई कॉफी बागानों का घर है, जोकि कॉफ़ी की अरेबिक और रोबस्टा किस्मों के विशाल मात्रा का उत्पादन करता है। अगर आप यहां रहते हुए कॉफ़ी के बगान देखना चाहते हैं, तो यहां होम स्टे के विकल्प है, जैसे टाटा कॉफी प्लांटेशन ट्रेल्स सिल्वर ब्रूक एस्टेट, और क्वॉर्टर होमस्टे, आदि, जहां आप ठहरकर इन बगानों को देख सकते हैं।Pc: Dcrjsr
खाने पीने, घूमने फिरने के अलावा भी बहुत कुछ है कर्नाटक की फ़िज़ाओं में
वायनाड, केरल
केरल राज्य में स्थित वायनाड चाय और कॉफ़ी खेती के लिए जाना जाता है,इस क्षेत्र में खेती की जाने वाली कॉफी की प्रमुख विविधताएं रूबस्ता और अरेबिका हैं। यहां आने वाले पर्यटक कॉफ़ी के बगानों के पास ही स्थित रिजोर्ट्स में रुककर कॉफ़ी के हरे भरे बगानों को निहार सकते हैं।
चिकमंगलूर
के जरिये इस खूबसूरत जगह को अच्छे से घूमा जा सकता है। इसके अलावा आप इन कॉफ़ी बगानों में घूमते हुए रंग बिरंगे पक्षियों" title="दक्षिण भारत में स्थित चिकमंगलूर ही वह जगह है, जहां बिर्टिश राज के दौरान कॉफ़ी की खेती की शुरुआत हुई थी। चिकमगलूर का भारत के कॉफी उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान है। ट्रेकिंग के जरिये इस खूबसूरत जगह को अच्छे से घूमा जा सकता है। इसके अलावा आप इन कॉफ़ी बगानों में घूमते हुए रंग बिरंगे पक्षियों" loading="lazy" width="100" height="56" />दक्षिण भारत में स्थित चिकमंगलूर ही वह जगह है, जहां बिर्टिश राज के दौरान कॉफ़ी की खेती की शुरुआत हुई थी। चिकमगलूर का भारत के कॉफी उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान है। ट्रेकिंग के जरिये इस खूबसूरत जगह को अच्छे से घूमा जा सकता है। इसके अलावा आप इन कॉफ़ी बगानों में घूमते हुए रंग बिरंगे पक्षियों