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यकीन मानिए~ लद्दाख की इन खूबसूरत झीलों के बारे में कोई नहीं बतायेगा!

By Goldi

जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों में बसा हुआ लद्दाख प्रकृति का एक खूबसूरत और बेजोड़ नमूना है। बर्फ से ढके हुए पहाड़ और व्यापक मैदानी इलाकों की पृष्ठभूमि में मौजूद यहां की बेहद खूबसूरत झीलें जो नीले आसमान बेहद ही मनोरम नजारे प्रस्तुत करते हैं।

फिल्म 3 इडियट्स में पैंगोग झील को देखने के बाद सब इस जगह के दीवाने हो गये थे, आप लद्दाख में मौजूद झीलों को कितनी ही बार क्यों ना देख ले ये आपको हर बार अपने सौन्दर्य से आश्चर्यचकित करती हुई प्रतीत होती हैं। अगर आप लद्दाख की यात्रा का प्लान बना रहे हैं , तो यहां की खूबसूरत झीलों को किसी भी कीमत पर मिस नहीं किया जा सकता है। ये झीलें यहां के परिदृश्य का एक अभिन्न अंग हैं। अगर आप लद्दाख की झीलों को घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो सिर्फ सिमित या प्रसिद्ध झीलों की सैर कर अपनी यात्रा समाप्त ना करें, बल्कि इस खूबसूरत क्षेत्र में कई अन्य झीलें भी मौजूद है, जो शायद लोकप्रिय नहीं है, लेकिन इन झीलों की खूबसूरती भी आपको अपना दीवाना बना देगी। इन झीलों की सैर करते वक्त अपने फोटोग्राफी के शौक को पूरा करते हुए आप इन्हें कैमरे में उतार सकते हैं-

त्सो मोरीरी

त्सो मोरीरी

Pc:Gopal Vijayaraghavan
लद्दाख के इस सौन्दर्य को पर्वतीय झील भी कहा जाता है, क्योंकि यह चारों तरफ से उद्दात पहाड़ों और खूबसूरत दृश्यों से घिरा हुई है। चमत्कारी दृश्य वाला त्सो मोरीरी झील लगभग 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसका एक अद्वितीय आकर्षण होने का एक और अन्य कारण है। नीले रंग के विभिन्न शेड्स को दिखाती हुई यह झील किसी चमत्कारी झील से कम प्रतीत नहीं होती। झील से पानी का निकास न होने के कारण यह एक खारे पानी की झील है और इसके जलागम का मुख्य स्रोत पहाड़ों पर की पिघलने वाली बर्फ़ है। कुछ लोग इसे अवशिष्ट झील भी मानते हैं और इसके खारे जल को पुरा कालीन टीथीज सागर का अवशेष बताते हैं। ज़्यादा ठण्ड होने की वजह से यहाँ पर गर्मियों के दिनों में जाना सबसे सही होता है। गर्मियों के दिनों में झील को घेरे हुए पर्वत शिखरों पर जमे बर्फ धीरे-धीरे पिघलने लगते हैं, जिससे झील का क्रिस्टल सा साफ़ पानी और अद्भुत और चमत्कारी दृश्य का निर्माण करता है।

लेह से दूरी: 240 किलोमीटर लगभग।

कैसे पहुंचे: पर्यटक जीप सफारी या फिर बाइक के जरिये आसानी से पांगोंग झील पहुंच सकते हैं।
आकर्षण घाटियों से घिरा लद्दाख

पांगोंग त्सो

पांगोंग त्सो

Pc:Atishayphotography

पांगोंग त्सो लद्दाख में प्रसिद्ध झीलों में से एक है। यह 134 कीमी लंबी है और भारत के लद्दाख़ से तिब्बत पहूँचती है। जनवादी गणराज्य चीन में झील की दो तिहाई है।

नीले आसमान, सुनहरे मैदानों और बर्फ से ढंके चोटियों की पृष्ठभूमि के बीच में स्थित, पांगोंग त्सो झील एकदम जादुई दुनिया जैसी प्रतीत होती है। लद्दाख की अन्य झीलों के मुकाबले इसकी एक ख़ास विशेषता है कि, यहां कितना भी तापमान क्यों ना कम हो जाये, ये झील कभी भी जमती नहीं है।

इसके अलावा यह झील अपने रंग बदलने के लिए भी जानी जाती है, जो इसे एक सुरम्य प्रसन्न बनाता है। पांगोंग त्सो के आस-पास कई कैम्पिंग की सुविधाएं हैं। आप जब भी यहां की यात्रा करें इस झील के किनारे थोड़ा सा मस्य जरुर बितायें।

लेह से दूरी: लगभग 250 किलोमीटर।

कैसे पहुंचे: पर्यटक जीप सफारी या फिर बाइक के जरिये आसानी से पांगोंग झील पहुंच सकते हैं।

कीगर त्सो

कीगर त्सो

Pc:McKay Savage
यदि आप मनाली-लेह राजमार्ग के माध्यम से लद्दाख जा रहे हैं और त्सो मोरीरी की ओर जाने वाली सड़क लेते हैं, तो आप कीगर त्सो रुपशु घाटी से गुज़रेंगे। लगभग 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह झील पर्यटकों को एक शांत परिदृश्य प्रदान करती है ।

यह एक खारे पानी की झील है, जो एक रेगिस्तान के बीच में एक ओएसिस की तरह है। गर्म धूप और व्यापक परिदृश्य के साथ संयोजन में ठंडी पहाड़ी हवाएं इसे एक बहुत मोहक तस्वीर बनाती हैं। आप इस झील के किनारे जंगली जानवरों को घूमते हुए देख सकते हैं, आप इस झील के किनारे आराम कर सकते हैं, और फिर अपनी लद्दाख की यात्रा अगर शुरू कर सकते हैं।

लेह से दूरी: लगभग 270 किलोमीटर।

कैसे पहुंचे: यदि आप मनाली के माध्यम से लेह यात्रा कर रहे हैं, तो त्सो मोरीरी की रोड ले। यदि आप लेह से यात्रा कर रहे हैं, तो आप उसी तरह के त्सो मोरीरी की यात्रा के दौरान त्सो कीगर की यात्रा भी कर सकते हैं।

मिरपाल त्सो

मिरपाल त्सो

समर्द्ध झीलोंसमर्द्ध झीलों

लेह से दूरी: लगभग 202 किलोमीटर।

कैसे पहुंचे: आप लेह में एक कार या बाइक किराए पर ले सकते हैं और इस झील की ओर ड्राइव कर सकते हैं।

त्सो कार

त्सो कार

Pc:GerthMichael
दक्षिणी लद्दाख में रूपशु पठार पर स्थित, त्सो कार एक लुभावनी झील है, जोकि अपने आकार और गहराई के लिए प्रसिद्ध है। यह एक अनोखी झील है, लेकिन अन्य झीलों की तरह कुछ खास प्रसिद्ध नहीं है। खारे पानी की झील त्सो कार में

खरपतवार, नेटटल और अन्य झील के पौधे उगते हैं और बाहरी पर नमक की परत पैदा करने की प्रवृत्ति होती है।बता दें, त्सो कार झील पांगोंग त्सो या त्सो मोरीरी झील जितनी बड़ी नहीं है, लेकिन यहां आकर आप शांति की अनुभूति करने के अलावा प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, यदि आप वास्तव में लद्दाख के विभिन्न झील परिदृश्यों के बारे में जानना चाहते हैं, तो त्सो कर की यात्रा एक जरूरी है।

लेह से दूरी: 160 किलोमीटर लगभग।

कैसे पहुंचे: आप लेह में एक कार या बाइक किराए पर ले सकते हैं और इस झील की ओर ड्राइव कर सकते हैं।

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याराब त्सो

याराब त्सो

लद्दाख की झीलों में से एक याराब त्सो नुब्रा घाटी के पनामिक गांव में स्थित है। इस खूबसूरत झील के किनारे आप झील की प्राकृतिक नजारों के बीच शांति का एहसास कर सकते हैं। खड़ी पर्वत चट्टानों और ऊंचे पर्वत शिखर से घिरा हुई, यह झील लद्दाख क्षेत्र में सबसे उच्चतम ऊंचाई पर मानी जाती है। बता दें, यह सिर्फ एक लद्दाख की झील ही नहीं बल्कि लेह वासियों के बीच एक पवित्र झील मानी जाती है। आप चाहे तो इस झील के आसपास ट्रेकिंग का भी मजा ले सकते हैं।

लेह से दूरी: लगभग 180 किलोमीटर।

कैसे पहुंचे: आप लेह में एक कार या बाइक किराए पर ले सकते हैं और इस झील की ओर ड्राइव कर सकते हैं।

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