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5 कारण: इन छुट्टियों को खास है नारकंडा की यात्रा?

By Goldi

उत्तर भारत में अमूमन अब सभी स्कूलों की छुट्टियां हो चुकी है, छुट्टियां होते ही बच्चे माता-पिता से एक ही सवाल वाल पूछते हैं,कि हम छुट्टियों में कहां घूमने जा रहे हैं? आगरा आप ये सोच रहे हैं कि, यह सवाल बहुत आसान है, तो जानब घूमने की जगह को निश्चित करना आज का सबसे मुश्किल काम है। यूं तो पूरे भारत में घूमने की हजारों जगह हैं, लेकिन अगर आप उत्तर भारत में ही कोई अच्छी और सस्ती जगह घूमने के लिए तलाश कर रहे हैं, तो हम आपको नारकंडा जाने का सुझाव देंगे।

शिमला से करीबन 65 किमी की दूरी पर स्थित नारकंडा हिमाचल प्रदेश का एक बेहद ही खूबसूरत डेस्टिनेशन है, इस डेस्टिनेशन की सबसे खास बात यह है कि, यहां आपको उत्तर भारत की गर्मी से राहत भी मिलेगी, गर्मी में भी बर्फ से खेल सकेंगे, ढेर सारा रोमांच और वह भी बेहद सस्ते दामों में। तो आइये जानते है कि, इन गर्मियों आखिर नारकंडा की यात्रा क्यों करनी चाहिए

गर्मी में भी बर्फ का मजा

गर्मी में भी बर्फ का मजा

Pc:Manjeet44877

शिमला से करीबन 65 किमी की दूरी पर स्थित नारकंडा में पर्यटक गर्मियों में भी दूर दूर तक फैली बर्फ को देख सकते हैं। यहां का खुशनुमा मौसम पर्यटकों को पूरे साल अपनी ओर आकर्षित करता है। इस खूबसूरत स्थान पर घूमते हुए आप ऊंचाई से बर्फीली चोटियों के बीच उगते और डूबते हुए सूरज के मनोरम नजारों को देख सकते हैं। अगर आपको बर्फ से बेहद प्यार है , तो इस जगह की यात्रा सर्दियों में अवश्य करें, इस दौरान यह पूरा शहर बर्फीली चादर ओढ़े रहता है।

 फुल ऑन एडवेंचर

फुल ऑन एडवेंचर

Pc: Skmishraindia

एडवेंचरएडवेंचर

धार्मिक यात्रा

धार्मिक यात्रा

Pc:Sandeep Chandra
जी हां, नारकंडा आपको धार्मिक यात्रा भी कराता है, यहां आप प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हाटु मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। कहा जाता है कि, इस मंदिर का निर्माण रावण की पत्नी मंदोदरी ने ही हाटू माता की पूजा के लिए कराया था । ऐसा भी कहा जाता है कि रावण की रक्षा के लिए वह यहां आकर पूजा करती थी। नारकंडा विशेष रूप से इसी मंदिर के लिए जाना जाता है। पुराणों में ऐसा वर्णन मिलता है कि मंदोदरी रावण की रक्षा के लिए पूजा-पाठ किया करती थी। वह अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति की दयालु स्त्री थी। जिसकी वजह से वह दान-पुण्य में भी यकीन करती थी।

इसके अलावा पर्यटक महा-माया मंदिर भी जा सकते हैं। शाही महल के अंदर सुन्दरनगर के राजा द्वारा निर्मित, इसकी स्थापत्य शैली एक किले के समान है।समुद्र स्तर से 1810 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, मंदिर के प्रवेश द्वार पर चांदी, लकड़ी और एल्यूमीनियम शीट की सामग्री का प्रयोग किया गया है। मंदिर की स्थिति ध्यान और विश्राम के लिए आदर्श है।

नारकंडा

नारकंडा

जी हां, आप नारकंडा घूमते हुए कई सेब के बगानों को भी देख सकते हैं, खास बात यह है कि, कि आप यहां के सेब के बगानों के मालिकों की इजाजत से सेब को पेड़ से तोड़कर चख भी सकते हैं।

 सस्ती शॉपिंग

सस्ती शॉपिंग

कोई भी यात्रा बिना शॉपिंग के पूरी नहीं होती है, आप नारकंडा की यात्रा में नारकंडा से शाल, हिमाचली शाल, हिमाचल टोपी,पुलंस, हिमाचली संस्कृती का सामान आदि खरीद सकते हैं।

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