दक्षिण भारत स्थित करूर तमिलनाडु का एक खूबसूरत शहर है, जो अपने प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए मुख्यत: जाना जाता है। करूर राज्य के कोंगु नाडु क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां आप खूबसूरत मंदिरों और कावेरी नदी के आकर्षक दृश्यों को देख सकते हैं। इन सब के अलावा यह एक प्राचीन शहर भी है, जहां कभी चेर, चोल, विजयनगर साम्राज्य, मदुरै नायक, मैसूर साम्राज्य और ब्रिटिश का शासन चला करता था।
करूर राजधानी शहर चेन्नई से 420 कि.मी की दूरी पर स्थित है। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से तमिलनाडु का यह खूबसूरत स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
पशुपतिवेश्वर मंदिर
PC- Ssriram mt
करूर भ्रमण की शुरुआत आप यहां के प्रसिद्ध पशुपतिवेश्वर मंदिर से कर सकते हैं। यह धार्मिक स्थल यहां के चुनिंदा सबसे खास स्थलों में गिना जाता है, जहां रोजाना श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जो चोल राजाओं के काल से संबंध रखता है। यह क्षेत्र कभी चोल साम्राज्य के अंतर्गत आया करता था। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु के सात सबसे प्रसिद्ध शिवालयों में से एक है।
विशेष अवसरों पर यहां भव्य आयोजन किए जाते हैं। यह मंदिर अपने पांच फीट ऊंचे शिवलिंग के लिए जाना जाता है, जिसे पांच मूर्तियों के एक समूह द्वारा दर्शाया गया है।
कल्याण वेंकटरामन स्वामी मंदिर
पशुपतिवेश्वर मंदिर के अलावा आप यहां के कल्याण वेंकटरामन स्वामी मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह मंदिर शहर के लोकप्रिय मंदिरों में गिना जाता है, यहां रोजाना पर्यटकों की अच्छी खासी कतार लगती है। यह मंदिर करूर से करीब 5 किमी दूरी पर थथोनी में स्थित है। कल्याण वेंकटरामन स्वामी मंदिर लोकप्रिय रूप से थेन तिरुपति के रूप में जाना जाता है।
यह मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और भगवान श्रीनिवास (विष्णु के रूप ) को समर्पित है। भगवान श्रीनिवास की पूजा यहां उनकी पत्नी श्री देवी और भूमि देवी के साथ की जाती है। यहां सितंबर-अक्टूबर के दौरान दीपक त्यौहार का आयोजन किया जाता है।
श्री मरियम्मन मंदिर
उपरोक्त धार्मिक स्थलों के साथ-साथ आप यहां के अन्य प्रसिद्ध श्री मरियम्मन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर शहर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। करूर के केंद्र में स्थित यह मंदिर तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा अम्मन मंदिर है। इस मंदिर में ई के महीने के दौरान विशेष वार्षिक त्यौहार आयोजित किया जाता है।
इस त्योहार के अंतर्गत भगवान 'कुम्भम' मंदिर से बाहर लाया जाता है और एक भव्य जुलूस के साथ आर्कवथी नदी पर ले जाया जाता है। इस त्योहर में सैकड़ों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं।
नेय्याल गांव ( Neyyal )
मंदिरों के अलावा आप यहां के अन्य स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। करूर में आप नेय्याल गांव की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह गांव पर्यटन के लिहाज से काफी खास माना जाता है। नेय्याल गांव कावेरी नदी के तट पर स्थित है, और अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के बल पर पर्यटकों को काफी हद तक प्रभावित करता है। इसके अलावा आप इस गांव के प्रसिद्ध मंदिर को भी देख सकते हैं। कावेरी नदी का स्पर्श इस गांव को संवारने का काम करता है।
नेरूर
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के अन्य प्रसिद्ध स्थल नेरूर की सैर का प्लान बना सकते हैं। नेरूर शहर के सबसे सुंदर स्थलों में गिना जाता है। यह स्थल कावेरी नदी के तट पर स्थित है और अपनी प्राकृति सौंदर्यता से आगंतुकों का मनोरंजन करता है।
नेरूर यहां के एक प्रसिद्ध संत सदाशिव ब्रह्मेंद्र का समाधि स्थल भी है, जो कांचीपुरम मठ के 57 वें गुरु श्री परमा शिवेंद्र सरस्वती के शिष्य थे। यह समाधि स्थल थोंडाइमन राजवंश के विजय रागुनाथ थोंडाइमन के द्वारा बनाया गया था।