Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »गोवा के तिस्‍वाडी के रहस्‍यमयी स्‍थल

गोवा के तिस्‍वाडी के रहस्‍यमयी स्‍थल

By Namrata Shastry

गोवा के तिसवाड़ी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तिसवाड़ी का अर्थ होता है 30 उपनिवेश। यही वो स्‍थान है जहां पर सरस्‍वत ब्राह्मणों ने गोवा में आने के बाद शरण ली थी। इसके अलावा तिसवाड़ी इल्‍हास डि गोवा के लिए भी जाना जाता है। ये गोवा के उत्तर हिस्‍से में स्थित उप जिला है। भौगोलिक तौर पर उत्तर में मांडवी नद से जुड़ा ये एक द्वीप है। छोराओ, दिवार, सैंट.एस्‍टेवम, कुंबारजुआ और वं‍क्सिम जैसे छोटे द्वीप तिस्वाडी को उप-जिला बनाते हैं।

उत्कृष्ट विश्व विरासत स्थल के रूप में प्रसिद्ध ओल्‍ड गोवा का निर्माण तिस्वाडी में भी किया गया था। 14वीं शताब्दी में तिस्‍वाड़ी गोवा के बाकी के क्षेत्र के साथ विजयनगर साम्राज्य के दक्षिण भारत का हिस्सा बना। लेकिन 1510 में, तिस्वाडी को पुर्तगाली अफोंसो डी अल्बुकर्क द्वारा हथिया लिया गया था। इस दौरान इस क्षेत्र के हिंदू मंदिरों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।

16वीं शताब्‍दी में पुर्तगालियों के आने पर इस क्षेत्र को ईसाई धर्म के लिए जबरन परिवर्तित किया गया। महामाई कामात्‍स ने पुर्तगाली प्रशासन से पहले हिंदू मंदिर श्री महालक्ष्‍मी मंदिर के जीर्णोंदार की मांग रखी थी।

यहां पर कोंकणी, मराठी, हिंदी, इंग्लिश और पुर्तगाली स्‍थानीय भाषा के रूप में बोली जाती है और अरब सागर के नज़दीक होने के कारण यहां का मौसम अमूमन उमस भरा रहता है। गोवा की वर्तमान राजधानी पणजी भी इस द्वीप पर स्थित है। पणजी में भारी मात्रा में पर्यटक घूमने आते हैं।

कैसे पहुंचे तिस्‍वाड़ी

कैसे पहुंचे तिस्‍वाड़ी

रेल मार्ग द्वारा: तिस्‍वाडी के निकटतम डबोलिन रेलवे स्‍टेशन और संकवाल रेलवे स्‍टेशन है। तिस्‍वाड़ी से 10 किमी दूर वास्‍को डि गामा रेलवे स्‍टेशन भी है।

वायु मार्ग द्वारा: डबोलिन एयरपोर्ट तिवाड़ी से 15 किमी दूर है। यहां से आप दक्षिण गोवा घूम सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा: आप तिस्‍वाड़ी के लिए बस भी ले सकते हैं। देशभर के प्रमुख शहरों से गोवा के लिए बसें चलती हैं। गोवा के बस स्‍टेशन का नाम वास्‍को है।

आकर्षित पर्यटन स्‍थल

आकर्षित पर्यटन स्‍थल

पणजी ऐसी जगह है जहां आकर पर्यटक कभी निराश नहीं होते हैं। यहां पर्यटकों के देखने के लिए बहुत कुछ है।

बसिलिका ऑफ बोम जीसस

बसिलिका ऑफ बोम जीसस

ये भारत के सबसे प्राचीन गिरजाघरों में से एक है। 1605 में यह चर्च पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया था।

यह उत्‍कृष्‍ट वास्तुकला के बेहतरीन अनुकरणीय कौशल को दर्शाता है और आपको यह जानकर खुशी होगी कि यूनेस्को ने अपनी सूची में विश्व विरासत स्थल के रूप में इस गिरजाघर को शामिल किया है।

बसिलिका में एक ताबूत को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया गया है जोकि पर्यटकों का ध्‍यान सबसे ज्‍यादा आकर्षित करता है। सेंट फ्रांसिस ज़ेवियर के अवशेष इस ताबूत में संरक्षित रखे गए हैं जिन्‍हें काफी पवित्र माना जाता है। मान्‍यता है कि ताबूत में बंद ये अवशेष अकल्पनीय इलाज की क्षमता रखते हैं। दुनिया भर से ईसाई भक्त बड़ी संख्या में इस बसिलिका को देखने आते हैं।

से कैथेड्रल

से कैथेड्रल

PC: Aaron C

इस गिरजाघर को भारत के सबसे बड़े चर्च की उपाधि मिली हुई है। यहां तक कि ये एशिया का सबसे विशाल गिरजाघर है। इसका असली नाम ‘से कैथेड्रल डे सैंडा कैटरिना' है।

ये चर्च एलेक्‍जैंड्रिआ के कैथरिन को समर्पित है। ये पुर्तगाली-गोथिक शैली के साथ सबसे शानदार वास्तुकला है। इसका कोरिन्थियन के साथ टस्कन इंटीरियर भी प्रशंसनीय है। सी कैथेड्रल को 1940 ईस्वी में मंजूरी दी गई थी जबकि यह 1619 ईस्वी के बाद से उपस्थित था।

यहां लगी गोल्‍डन बैल भी सभी का ध्‍यान आकर्षित करती है। ये गोवा की सबसे बड़ी घंटी है। इसकी सुंदरता को देखकर कई पर्यटक यहां आकर जरूर रूकते हैं।

गोवा स्‍टेट म्‍यूजियम

गोवा स्‍टेट म्‍यूजियम

PC: Sunandlopes

गोयन संस्कृति के बारे में जानने के लिए गोवा राज्य संग्रहालय बिलकुल सही जगह है। इस संग्रहालय में गोयन इतिहास के संपूर्ण विकास को दर्शाया गया है। यह अतीत को वर्तमान से मिलाने के लिए विभिन्न बिंदुओं को जोड़ने वाले मानचित्र की तरह है। कलाकृतियों की एक विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, यह स्थानीय लोगों के जीवन के विभिन्न चरणों में विभिन्न गोयन परंपराओं के महत्व को दर्शाता है। 1977 ई्. में सेंट इनेज़ में बना संग्रहालय देखा गया था जोकि बस शुरु ही हुआ था। इसे जून 1996 में पट्टो के ईडीसी कॉम्प्लेक्स में स्थानांतरित किया गया था। यह इसमें 14 थीम वाली गैलरी हैं जो वर्तमान और अतीत के संस्मरणों को दर्शाती हैं।

डोना पॉल जेट्टी

डोना पॉल जेट्टी

यह पणजी से केवल 7 किमी की दूरी पर है। पणजी से बस, कैब या मोटर साइकिल या टैक्सी से आप यहां पहुंच सकते हैं। पणजी के कदंब बस स्टैंड से डोना पाउला समुद्र तट के लिए लगातार बसें चलती हैं। गोवा में इस जगह को प्रेमियों के लिए स्‍वर्ग भी कहा जाता है एवं इसका मूल डोना पाउला डी मेनेजेस से लिया गया है। वह एक औपनिवेशिक भारतीय वाइसराय की बेटी थीं जिन्‍होंने अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी ना हो पाने पर अपनी जान दे दी थी। वह गैस्पार डायस नामक एक मछुआरे से प्‍यार करती थीं।

गोवा की दो प्रसिद्ध नदियों और अरब सागर का संगम डोना पाउला खाड़ी पर होता है और यहां पर आप मोरमुगन हार्बर का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। डोना पाउला स्पोर्ट्स क्लब द्वारा स्कूटर और मोटरबोट की सवारी जैसे कई वॉटर स्‍पोर्ट्स का मज़ा ले सकते हैं। अन्य पर्यटक आकर्षण स्थलों में राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, सलीम अली पक्षी अभ्‍यारण्य और काबो किला है।

अगर आपको लोकल क्राफ्ट का संग्रह करने का शौक है तो आपको समुद्र तट के स्टॉलों पर काफी कुछ मिल जाएगी। यहां स्ट्रॉ हैट्स, मसाले, लेस हैंडकरचीफ, फेमी, स्थानीय रूप से निर्मित शराब और पोर्ट वाइन मिल जाएगी। भारतीय कला एम्पोरियम भी यहां एक शानदार विकल्प है। इतना ही नहीं इस जगह आपको खाने के लिए भी काफी स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन मिलेंगे।

सिरिदाओ बीच

सिरिदाओ बीच

यह उत्तरी गोवा में पंणजी कदंबा बस स्टैंड से 8 किमी की दूरी पर स्थित है और इस बीच को 'शिरीदों' और 'जिक्डोना' के नाम से भी जाना जाता है। यह वास्को डी गामा रेलवे स्टेशन से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है और मापुसा से भी 21 किमी दूर है। इस बीच पर आपको सफेद मोती और सीपों की एक विस्तृत श्रृंखला समुद्र तट पर बिखरी हुई मिलेगी।

यह एक चट्टानी और रेतीला समुद्र तट है जिसकी एक चट्टान के शीर्ष पर 'द चैपल ऑफ जीसस ऑफ नाज़रेथ' स्थित है। ईस्टर के पहले रविवार को 'नाज़रेथ के यीशु' के लिए एक दावत होती है। इसके दरवाजे पर एक कुत्ते के साथ तीन लोगों की संगीत वाद्ययंत्र बजाते हुए पत्थर की तीन मूर्तियां हैं।

आप 1973 में लुसियो मिरांडा द्वारा निर्मित चैपल ऑफ द होली सोल्‍स भी देख सकते हैं। चैपल अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। वीकएंड पर शांत वातावरण में शात बिताने के लिए ये बेहतरीन जगह है। अक्टूबर से मार्च यहां का मौसम आर्द्र या गीला नहीं रहता है और काफी सुहावना मौसम रहता है।

दिवार एंड छोराओ आइलैंड

दिवार एंड छोराओ आइलैंड

वनस्पतियों और जीवों के स्वर्गीय निवास स्‍थल को देखकर आपका मन भी खुशी से झूम उठेगा। यहां आप बिल्कुल मुफ्त में साइक्‍लिंग का मज़ा ले सकते हैं और दिवार द्वीप पर मिट्टी के बने घरों और पुर्तगाली विला से सजे सुरम्य परिदृश्य का आनंद उठा सकते हैं।

अगर आप धार्मिक आइकॉनोग्राफी के पारखी हैं तो आपको मंडोवी नदी में 'चर्च ऑफ अवर लेडी ऑफ कम्पैशन' को देख सकते हैं।

इसके अलावा नारवे पर सप्‍तकोटेश्‍वर मंदिर भी देख सकते हैं। इस मंदिर से जीत की कई कहानियां जुड़ी हुई हैं एवं इसका पुननिर्माण करवाया गया था। विटोरजेन जेट्टी पर सनसैट का सुंदर नज़ारा भी देख सकते हैं।

चाचा फिलिप्स बार में कुछ स्वादिष्ट चिकन और बीयर का मज़ा ले सकते हैं। यहां पर इस बार का चिकन और बीयर काफी मशहूर है। कैब्रल बार में जेल की सलाखों की तरह छोटे-झोंपड़े बनाए गए हैं जहां किसान और मछुआरे आराम करना पसंद करते हैं।

इसके बाद आप चोराओ द्वीप देख सकते हैं। चोरो नौका बिंदु पर एक घाट है जो आपको सलीम अली पक्षी अभयारण्य की ओर ले जाएगा। इस अभ्‍यारण्‍य में दूरबीन से सारस, किंगफिशर, कॉर्मोरेंट और एर्गेट्स को देख सकते हैं।

आप दिवार और चोराओ द्वीप समूह में एक साइकिल की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। सोकौर चर्च से सुबह 7:00 बजे साइक्‍लिंग शुरू होती है और आपको लगभग 25 किमी की दूरी तय करके दिवार द्वीप के साथ ही चोराओ द्वीप के रोमांचकारी दर्शनीय स्थल और शानदार परिदृश्य देखने को मिलेंगे।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X