नैनीताल से महज 15 किमी की दूरी पर स्थित पंगोट एक छोटा सा हिमालयी गांव है, जो प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमियों के किसी जन्नत से कम नहीं है। पर्यटक इस खूबसूरत जगह करीबन 250 से ज्यादा प्रवासी और देशी पक्षियों की प्रजातियों को देख सकते हैं।आमतौर पर यहाँ देखे जाने वाले पक्षियों में ग्रिफॉन, रयुफस बेली वुड-पैकर (कठफोड़वा), नीले पंख वाले मिनला, धब्बेदार और स्लेटी फोर्कटेल, लैमरगेयर्स, रयुफस बेली निलतावास और खलीज़ तीतर शामिल हैं। इस गाँव की ओर जाने वाली सड़क से गुज़रते हुए यात्री नैना पीक, स्नो-पीक और किलबरी का नज़ारा कर सकते हैं।
कब जायें पंगोट
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कैसे जायें पंगोट
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सड़क द्वारा
नैनीताल से पंगोट आसानी से सड़क द्वारा पहुंचा जा सकता है, पंगोट उत्तरी भारत के प्रमुख शहरों के साथ मोटर वाहनों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पंगोट के लिए बसें और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
हवाईजहाज से
पंगोट का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जोकि करीबन 58 किमी की दूरी पर स्थित है, पर्यटन पहवाई अड्डे से पंगोट के लिए टैक्सी किराये पर ले सकते हैं, जिसका किराया अमूमन 600रूपये है।
ट्रेन द्वारा
पंगोट का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जोकि करीबन 20 किमी की दूरी पर स्थित है। काठगोदाम से पंगोट का रास्ता करीबन आधे घंटे में आसानी से पूरा किया जा सकता है। काठगोदाम देश के अन्य शहरों से काफी अच्छे से जुड़ी हुई है। पर्यटक काठगोदाम से टैक्सी के जरिये पंगोट पहुंच सकते हैं, जिसका किराया महज 300 रूपये के आसपास है।
क्या करें पंगोट में
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मुक्तेश्वर
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पंगोट से करीबन 66 किमी की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर नैनीताल जिले में कुमाऊँ की पहाडियों में 2285 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मुक्तेश्वर के जंगल दुर्लभ हिमालयी पर्वतीय से भरपूर है,यह जगह उन लोगो के लिए एकदम परफेक्ट है जो एकांत में और भीड़भाड़ से दूर अपनी छुट्टियों को बिताना चाहते हैं।
पर्यटक इस खूबसूरत हिलस्टेशन में मुक्तेश्वर मंदिर देख सकते हैं, जोकि मुक्तेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है, 350 वर्ष पुराना यह मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है और हिंदुओं के लिए इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। पर्यटक पत्थर की बनी हुई घुमावदार, खड़ी सीढ़ियों द्वारा इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
नैनीताल
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अल्मोड़ा
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रामगढ़
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
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