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पूर्वोत्तर भारत की खूबसूरत जगह कमलपुर

By Namrata Shastry

P.C: Fabrizio Conti

त्रिपुरा के पूर्वी क्षेत्र में धलाई जिले में स्थित कमलपुर झरनों, झिलमिलाती झीलों और खूबसूरत नज़ारों से भरा है। इसके अलावा सुहावना मौसम अनोखे स्‍वदेशी पहलुओं के साथ कमलपुर पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ों और झीलों के बीच बचा है।

यह जगह न सिर्फ दर्शनीय है बल्कि उत्तर-पूर्व की प्रमाणिक संस्कृति और यहां रहने वाली जनजातियों के घर का आतिथ्य भी कमलपुर को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर यहां पर शहरी लोगों को असीम शांति का अहसास होता है। यदि आप आदिवासी लोगों की सांस्कृतिक जातीयता और जीवन शैली में चुपके से झांकना चाहते हैं, तो कमलपुर को अपनी लिस्‍ट में जरूर रखें।

कैसे पहुंचे कमलपुर

वायु मार्ग द्वारा: कमलपुर हवाई अड्डा भले ही एक छोटा हवाई अड्डा हो लेकिन ये देश के अन्य बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस शहर में वायु मार्ग की सुविधा उपलब्‍ध है।

रेल मार्ग द्वारा: कमलपुर रेलवे स्टेशन शहर का रेलहेड है। इस रेलवे स्‍टेशन पर देश के अन्य हिस्सों से नियमित ट्रेनें आती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा: कमलपुर का बस टर्मिनल कमलपुर बस स्टॉप है, जो अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

कमलपुर आने का सही समय

सर्दियों के महीनों में यहां का मौसम सुहावना और ठंडा रहता है। नवम्बर से जनवरी तक के महीने पर्यटकों और यात्रियों के लिए अनुकूल रहते हैं। इस दौरान कमलपुर का औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

उनाकोटी

उनाकोटी

P.C: Shivam22383

उनाकोटी का बंगाली में मतलब होता है ‘एक करोड़ से भी कम'। 7वीं शताब्‍दी से उनाकोटि एक प्रमुख धार्मिक स्‍थल है जहां पर भगवान शिव की मूर्ति स्‍थापित है। उनाकोटी में स्‍थापित भगवान शिव की विशाल मूर्ति बहुत शानदार है जोकि पुराने समय की नक्‍काशी को दर्शाती है।

किंवदंती है कि शानदार मूर्तिकार कल्लू कुमार ने इस मूर्ति का निर्माण किया था। उसके सपने में भगवान शिव ने आकर उनकी विशाल मूर्ति बनाने का निर्देश दिया था। यहां भगवान विष्णु, गणेश, नंदी, नरसिंह, हनुमान और कई अन्य देवी देवताओं की भी मूर्तियां स्‍थापित हैं।

राइमा घाटी

राइमा घाटी

P.C: Mario Álvarez

कमलपुर की राइमा घाटी प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर है और यहां पर पर्यटकों को मनोरम दृश्‍य देखने को मिलते हैं। राइमा को त्रिपुरा जनजाति की मां का दर्जा प्राप्‍त है। इस घाटी से बहती राइमा नदी इस पूरे क्षेत्र के सौंदर्य में चार चांद लगाती है। इस ज्ञाटी में कई तरह की वनस्‍पतियां पाई जाती हैं। कमलपुर में किसी शांत जगह की खोज कर रहे हैं तो आपको राइमा घाटी आना चाहिए। ये एक शानदार पिकनिक स्‍पॉट भी है।

रोवा वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य

रोवा वन्‍यजीव अभ्‍यारण्‍य

P.C: freestocks.org

रोवा वन्यजीव अभयारण्य लगभग 86 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां हरे-भरे वर्षावन और वनस्पतियां एवं जीव बहुतायत में पाए जाते हैं। इस स्थान की देखभाल खासी जनजाति द्वारा की जाती है। यह अभयारण्य एक पर्यटन स्थल है एवं इसकी जैव विविधता एक समृद्ध विरासत है। जंगली जानवरों और विदेशी पक्षियों की 120 से अधिक प्रजातियां यहां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा इस अभयारण्य में विदेशी जंगली पौधे, वनस्पति झाड़ियां, पुराने पेड़ों की भी भरमार है।

हेरिटेज पार्क

हेरिटेज पार्क

P.C: Olivier Guillard

हेरिटेज पार्क कमलपुर से दो घंटे की दूरी पर है। ये इस शहर का एकमात्र मनोरंजक पार्क है और इसी वजह से यहां पर पर्यटकों और यात्रियों की भारी भीड़ रहती है। नक्काशीदार फुटपाथ, फल-फूल वाले बगीचे और औषधीय पौधों के साथ ये पार्क 12 एकड़ भूमि के क्षेत्र में फैला हुआ है। हेरिटेज पार्क में आदिवासी और गैर-आदिवासी त्रिपुरा के इतिहास, विरासत, परंपराओं और संस्कृति का समावेश है। इस पार्क का उद्घाटन साल 2012 में किया गया था।

कमलेश्‍वरी मंदिर

कमलेश्‍वरी मंदिर

P.C: harivrat Parashar

कमलेश्वरी मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है एवं यह हिंदू देवी काली का मंदिर है। मां काली का ही दूसरा नाम कमलेश्वरी है। इस शहर को कमलपुर नाम देवी और इसी मंदिर से मिला है। इस जगह का वातावरण बहुत है। इस आध्यात्मिक पवित्र स्थान को दर्शनीय स्थलों में शामिल किया गया है। इस मंदिर में कई पुजारी और तांत्रिक भी रहते हैं जो आमतौर पर भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति के लिए कई अनुष्ठान करते हैं। कमलेश्‍वरी मंदिर में हर समय दुनिया भर के पर्यटकों और भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

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