पूर्वी हिमालय की तलहटी में 3670 फीट की ऊंचाई पर स्थित है पाक्योंग शहर। यह सिक्किम का पूर्वी जिला है जिसे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के उद्भव के बाद लोकप्रियता हासिल हुई है। पुंज लॉयड द्वारा बनवाया गया से पहला हवाई अड्डा है।
पाक्योंग शब्द की उत्पत्ति लेपछा शब्द पा योंग से हुई है जिसका मतलब होता है बांस का धनुष। लेपछा लोगों को अलग-अलग जगहों से विभिन्न वस्तुओं को ढूंढकर उन्हें अपने साथ रखने की आदत थी।
गंगटोक की भीड़ से 30 किमी दूर स्थित इस छोटे से कस्बे में आकर पर्यटकों को काफी शांति महसूस होती है। यहां का मौसम बहुत सुहावना है और ये जगह भी काफी खूबसूरत है। इस कस्बे की सीमा भूटान और तिब्बत से मिलती है।
इस शहर की सीमा भूटान और तिब्बत के साथ-साथ नामचेपोंग, रायगोअन, पचेई, सैमसिंग, डिकलिंग, पचाक, पचेखनी, दुगालखा, कार्तोक जैसे कई अन्य उपनगरों से लगती है। यहां पर "नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर ऑर्किड्स" भी स्थित है जहां ऑर्किड पर अध्ययन और प्रयोग किए जाते हैं।
पाक्योंग आने का सही समय
वैसे तो पाक्योंग किसी भी मौसम में आ सकते हैं लेकिल सर्दी के मौसम में पाक्योंग का मौसम सबसे ज्यादा सुहावना रहता है। नवंबर के मध्य से लेकर जनवरी तक का समय पाक्योंग आने का सबसे सही रहता है। ऊंची घाटियां और बर्फ से ढके पहाड़ पाक्योंग को खूबसूरत बनाते हैं। बारिश के मौसम में यहां आने से बचें क्योंकि इस दौरान यहां भारी बारिश होती है जिससे ये पूरे क्षेत्र में फिसलन रहती है।
कैसे पहुंचे पाक्योंग
वायु मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल में बागडोगरा है। सिक्किम से, यह लगभग 124 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से पाक्योंग ले लिए टैक्सी या कैब ले सकते हैं। एयरपोर्ट से पाक्योंग पहुंचने में बस 2 घंटे लगते हैं। बागडोगरा से, आप एक "टीएसए हेलीकाप्टर" भी किराए पर ले सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा: गंगटोक के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन लगभग 148 किलोमीटर दूरी पर स्थित सिलीगुड़ी में न्यू जलपाईगुड़ी है। न्यू जलपाईगुड़ी से पाक्योंग के लिए एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या फिर सिलीगुड़ी बस स्टेशन से बसस ले सकते हैं। पाक्योंग तक बस से पहुंचने में 5 से 6 घंटे का समय लगेगा।
सड़क मार्ग द्वारा : कलिम्पोंग, कोलकाता, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी जैसे आस-पास के स्थानों से पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा पाक्योंग आना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां कुछ जगहों को छोड़कर सड़क व्यवस्था अच्छी है।
वैसे तो पाक्योंग में काफी कुछ देखने के लिए है लेकिन यहां पर रुमटेक मठ, सरम्सा गार्डन, जवाहरलाल नेहरू बोटानिकल गार्डन और सिक्किम साइंस सेंटर पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं।
तो चलिए जानते हैं पाक्योंग के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के बारे में।
रुमटेक मठ
पूरी दुनिया में ये मठ बहुत लोकप्रिय है। तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों के बीच इस मठ का बहुत महत्व है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक से नज़दीक ये मठ महज़ 24 किमी की दूरी पर स्थित है। बौद्ध भिक्षुओं के लिए ये मठ बहुत पवित्र स्थान है। पहले इस मठ को धर्म चक्र केंद्र के नाम से जाना जाता है।
16वें करमा द्वारा बने इस मठ को प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। तिब्बत के चीनी केंद्र के बाद रूमटेक मठ को बौद्ध धर्म में सबसे अधिक महत्व प्राप्त है। कुछ तिब्बती धार्मिक गुरु भी सिक्किम के इस मठ में रहते हैं।
सरमसा गार्डन
परिवार या पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने के लिए ये रिक्रिएशनल पार्क सबसे बढिया स्थान है। ये जगह गंगटोक से 14 किमी दूर और रानीपूल के नज़दीक स्थित है। 1922 में बना ये गार्डन रोमांटिक शाम बिताने के लिए जाना जाता है।
नाम्ग्याल शाही परिवार के लिए इस बाग में सिक्किम वन विभाग द्वारा फल उगाए जाते हैं। यहां अन्नानास, लीची, अमरूद, केला और संतरे जैसे फल उगाए जाते हैं और ये सब कार्य वन प्रबंधक राय साहेब बहादुर प्रधान की देख-रेख में होता है। 1940 से औषधीय गुणों से युक्त सेफेलिस इपेकासुआन्हा यहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
मेडिकल रिसर्च में प्रयोग होने वाले एमेटाइन के उत्पादन के लिए इस पौधे को मलेशिया निर्यात किया जाता है जिस वजह से इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है। समरम्सा गार्डन को इपेका गार्डन के रूप में भी जाना जाता है।
सिक्किम की राज्य सरकार द्वारा साल 2008 में पहली बार सरम्सा गार्ड में इंटरनेशनल फ्लोरी शो आयोजित किया गया था। प्राइवेट मीटिंग और फंक्शन के लिए यहां कंवेशन सेंटर भी बनवाया गया है। इस गार्डन को कई अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है।
प्रमुख द्वारा से अने पर दाईं ओर नर्सरी और कंवेशन सेंटर स्थित है। इसके सामने छोटे से पूल पर एक मिनी फुटब्रिज बना है जहां गार्डन में कई अलग-अलग आकार के पेड़ लगे हुए हैं।
जवाहरलाल नेहरू बोटानिकल गार्डन
ये पब्लिक गार्डन रूमटेक मठ के नज़दीक है और गंगटोक एसएनटी बस स्टेशन से 21 किमी की दूरी पर स्थित है। 1987 में स्थापित हुए इस गार्डन को सिक्किम की सरकार के वन विभाग के पार्क एंड गार्डन यूनिट द्वारा व्यवस्थित किया गया है। यहां पर आपको वनस्तियों और जीवों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगी।
इसमें एक झील भी है जो पर्यटकों को सबसे ज्यादा लुभाती है। इस गार्डन में 50 अलग तरह के पेड़ लगे हुए हैं और इसके अंदर एक ग्रीनहाउस भी है। इस जगह पर बच्चों को काफी मज़ा आता है। गंगटोक के पास और हिमालय की बर्फीली पहाडियों से ढकी इस जगह पर शानदार नज़ारा देखने को मिलता है।
मार्च से लेकी मई और अक्टूबर से लेकर दिसंबर के मध्य तक ये गार्डन रंग-बिरंगे फूलों से सजा रहता है। घाटी और बर्फ से ढकी पहाडियों का सुंदर नज़ारा देखने के लिए ये जगह सबसे बढिया है। सुबह 8 बजे से शाम के 6.30 बजे तक किसी भी समय इस गार्डन में आ सकते हैं। बच्चों के लिए प्रवेश शुल्क 5 रुपए है और वयस्कों को प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रुपए देने होंगे।
सिक्किम साइंस सेंटर
यह केंद्र भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के समन्वय में सिक्किम राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के तहत स्थापित किया गया है। इस सेंटर में यूनीक ह्यूमनाइड गैलरी, चिल्ड्रन कॉर्नर, द फन साइंस गैलरी, तारामंडल प्लैनेटेरियम, साइंस पार्क और स्टूडेंट्स एक्टिविटीज कॉर्नर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
यहां माननिर्मित गैलरी में मानव को पृथ्वी पर अन्य जीवों से अलग होने के कारण को दर्शाया गया है जबकि विज्ञान गैलरी में वैज्ञानिक तथ्यों को आत्मसात करने के लिए संवादात्मक और विज्ञान से जुड़े मजेदार सेशन लगाए गए हैं। बच्चों के लिए चिल्ड्रन एक्टिविटी कॉर्नर भी है। इस सेंटर का प्लैनेटेरियम खगोल विज्ञान के विषय पर प्रकाश डालता है।
इस साइंस सेंटर के अंदर आपको और आपके बच्चे को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यहां विज्ञान के बारे में जानने के साथ-साथ बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी है।