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मथुरा ही नहीं उत्तर प्रदेश के ये खास क्षेत्र भी है ब्रजभूमि का हिस्सा

पौराणिक कथायों के मुताबिक, द्वापुर युग में भगवान श्रीकृष्णा ने अपने बचपन के दिन इस ब्रज में बिताये थे, जिस कारण यहां की मिट्टी को बेहद ही पावन माना जाता है।

By Goldi

उत्तर प्रदेश में बसे ब्रज क्षेत्र को ब्रज प्रदेश के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथायों के मुताबिक, द्वापुर युग में भगवान श्रीकृष्णा ने अपने बचपन के दिन इस ब्रज में बिताये थे, जिस कारण यहां की मिट्टी को बेहद ही पावन माना जाता है। भले ही, ब्रज की जमीन एक राजनीतिक रूप से परिभाषित क्षेत्र नहीं है, फिर भी यह उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण अंग है।

भगवान श्री कृष्ण और महाभारत से सम्बंधित ब्रज की भूमि हिंदुयों के लिए खासा महत्व रखती है। भारतीय पर्यटन उद्योग के स्वर्ण त्रिभुज में में स्थित, ब्रज भूमि पर्यटकों और श्रधालुयों के बीच लोकप्रिय जगहों में से एक है।

कई मंदिरों, प्राचीन इमारतों, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक स्थानों के साथ , यह उत्तर भारत के सबसे सम्रद्ध भागों में से एक है। वर्तमान में ब्रजभूमि के कुछ शहर उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में शुमार हैं- आइये जानते है ब्रजभूमि के खास शहरों को

मथुरा

मथुरा

अगर बात ब्रज भूमि की हो रही है, तो इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है मथुरा का, जिसे ब्रज प्रदेश की मुख्य राजधानी भी कहा जाता है।
यह भगवान कृष्ण को समर्पित और संबंधित कई मंदिरों और स्थान है, जिनकी मौजूदगी के कारण मथुरा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।

भगवान कृष्ण के जन्मस्थान होने के नाते, मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है और इसलिए, हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक और हिंदू भक्त मथुरा भगवान श्रीकृष्ण जन्भूमि और अन्य जगहों की यात्रा करते हैं। यदि आप भगवान कृष्ण से संबंधित भारतीय पौराणिक काल के इतिहास को जानना चाहते हैं, तो आप मथुरा की ओर रुख कर सकते हैं। मथुरा में पर्यटकों के देखने के लिए कई भ्रमण स्थल है, जिनमे वृंदावन, केशव देव मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर शामिल हैं।Pc: Saisumanth532

भरतपुर

भरतपुर

ब्रजभूमि की जड़ें सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि राजस्थान के भरतपुर तक फैली हैं, जोकि मथुरा से 40 किमी की दूरी पर स्थित है।भरतपुर राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार है और यह केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए जाना जाता है,जो दुर्लभ पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों का घर है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।

यह भारत में पर्यटन उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हर साल लाखों अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है। भरतपुर में आने वाले पर्यटक यहां लोहगढ़ फोर्ट और भरतपुर पैलेस आदि देख सकते हैं।

Pc:Anupom sarmah

आगरा

आगरा

आगराआगरा

जैसा की हम सभी जानते हैं कि, आगरा का गठन मुगलों द्वारा किया गया था और अकबर के जमाने में यह मुगलों की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन भगवान कृष्ण के जमाने में यह एक अलग ही जगह थी, जिसे अग्रवन के नाम से जाना जाता था। जिसका अर्थ है जंगल की सीमा, और आप हिंदू महाकाव्य महाभारत में कई आग्रवानों का उल्लेख देख सकते हैं। इसलिए, आगरा के बिना ब्रज का क्षेत्र अधूरा है।

सिर्फ ताजमहल ही नहीं ये खूबसूरत इमारतें भी है आगरा की शानसिर्फ ताजमहल ही नहीं ये खूबसूरत इमारतें भी है आगरा की शान

आज आगरा दुनिया के नक्शे पर ताजमहल के चलते जाना जाता है, इसके अलावा यहां पर्यटकों के देखने के लिए आगरा किला और फतेहपुर सीकरी सहित कई विश्व विरासत स्थल है। इन विश्व-प्रसिद्ध स्थलों के अलावा, आप अकबर के मकबरे और जामा मस्जिद में भी जा सकते हैं।

 धौलपुर

धौलपुर

भरतपुर के बाद राजस्थान में स्थित धौलपुर भी भगवान श्रीकृष्ण के युगकाल से सम्बंधित है। पौराणिक काल में धौलपुर एक छोटा सा शहर हुआ करता था, जोकि आज राजस्थान के मुख्य शहरों में से एक है।

यह उत्तर प्रदेश के निकटतम प्रमुख शहर आगरा से आसानी से सुलभ है। धौलपुर आने वाले पर्यटक यहां धौलपुर किला,राणा की छतरी, केसर बाघ आदि देख सकते हैं।Pc:Flickar

फिरोजाबाद

फिरोजाबाद

फिरोजाबाद, ब्रज के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण स्थान है,जिसे वर्तमान में कांच या सुहाग नगरी शहर के रूप में जाना जाता है। फिरोज़ाबाद में मुख्यतः चूडियों का कारोबार होता है। यहाँ पर आप रंग बिरंगी चूडियों को अपने चारों ओर देख सकते हैं। लेकिन अब यहाँ पर गैस का कारोबार होता है। यहाँ पर काँच का अन्य सामान (जैसे काँच के झूमर) भी बनते हैं।

मुगलों के आने से पहले तक यह क्षेत्र चंदवार नगर से जाना जाता था। फिरोजाबाद आगरा से करीबन 40 किमी की दूरी पर स्थित है, और दक्षिणी ओर यमुना नदी से घिरा है, जहां भगवान कृष्ण अपनी जादुई शक्तियों के माध्यम से लीलाएं किया करते थे।

अलीगढ़

अलीगढ़

नई दिल्ली से लगभग 125 किमी दूर स्थित अलीगढ़ भी एक प्रमुख स्थान है जोकि ब्रजभूमि में शामिल हैं। पौराणिक काल में यह जगह कोल नामस इ जानी जाती थी, जहां कृष्ण के बड़े भाई बलराम ने अपने भाई और अन्य ब्रजवासियों की मदद से राक्षस कोल का सर्वनाश किया था।

अगर इसके इतिहास को माना जाये तो यह जगह द्वापुर के युग से अस्तित्व में है, जोकि आज ताले और अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां पर्यटक अलीगढ किला, शेख झील, जामा मस्जिद आदि देख सकते हैं।

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