कभी बिर्टिश इंडिया का साम्राज्य रह चुका पश्चिम बंगाल आज भी अपने समर्द्ध संस्कृती के लिए जाना जाता है। इस खूबसूरत राज्य में आज कई ऐतिहासिक इमारतें, भव्य मंदिर, किले, वैभवशाली महल आदि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो दूर देश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इतना ही नहीं इस खूबसूरत राज्य में कुछ बेहद ही प्राकृतिक नजारों वाले हिल स्टेशन भी मौजूद हैं।
इस राज्य में कई ऐसी खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, जो भारत की अन्य जगहों को प्राकृतिक खूबसूरती के चलते कड़ी प्रतिस्पर्धा दे सकती हैं, जैसे यहां की झीलें। झील इन प्राकृतिक सुंदरियों में से हैं, जो राज्य के मौजूदा आकर्षण और भव्यता को और और भी समर्द्ध बनाते हैं।
रसिक बिल
कूचबिहार जिले में स्थित रसिकबिल झील, पक्षी अभयारण्य का एक हिस्सा है और इसलिए झील के परिवेश में हमेशा ही पक्षियों को चहचाहाते हुए सुना जा सकता है, जो वातावरण को आकर्षक और सुदृढ़ बनाता है।
झील के पास में एक मगरमच्छ पुनर्वास केंद्र और एक हिरण पार्क भी स्थित है, जिसे आप घूम सकते हैं। वीकेंड के दौरान यहां जगह परिवार के साथ घूमने की उचित जगह हैं, जहां आप बोटिंग के साथ रंग बिरंगे पक्षी, हिरणों के झुण्ड और मगरमच्छों को देख सकते हैं।
रबीन्द्र सरोबर
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यूं तो कोलकाता अपने भव्य पर्यटन स्थलों के लिए लोकप्रिय है, इन्ही में से एक है-रबीन्द्र सरोबर, जो कोलकाता के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
सुंदर उद्यान और पार्कों की उपस्थिति के कारण, यह स्थानीय लोगों के लिए एक शाम का गंतव्य है जो अपने व्यस्त जीवन से एक ब्रेक लेने और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं।
इस झील के किनारे आप लोग को घूमते और प्रकृति को एन्जॉय करते हुए देख सकते हैं। पर्यटक झील के किनारे स्थित कई अन्य जगहों को देख और घूम सकते हैं, जिसमे जापानी बुद्धिस्ट मंदिर,मस्जिद स्विमिंग क्लब, सफारी गार्डन और मुक्ता मंच शामिल हैं।
मिरिक झील
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दार्जिलिंग से मात्र 43 किलोमीटर की दूरी पर 1.25 किलोमीटर क्षेत्र में फैली मिरिक झील प्राकृतिक झील है। जो अपने अद्भुत सौंदर्य के कारण पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध है। आप इस झील के किनारे बैठ झील के सुन्दर दृश्यों को देख सकते हैं साथ ही साथ अठखेलियां करती मछलियों के खेलों को देख सकते हैं। झील के छोरों के आर-पार जाने के लिए अस्सी फुट का एक मेहराबनुमा पुल भी खूब बनाया गया है जिस पर गुजरते हुए मिरिक झील का नजारा और भी लुभावना लगता है। यहां नौकायान का मजा लिया जा सकता है।
सुहाने मौसम में मन को लुभाता मिरिक
संतरागाछी झील
यहां पर आप यहां सूरुस क्रेन, गर्गेनी, उत्तरी पिंटेल और घुंडी बिल की बतख को देख सकते हैं। सर्दियों के दौरान, संतरागछी झील के क्षेत्र में कई प्रवासी पक्षियों की भरमार होती है, जिन्हें देखने के लिए पक्षी प्रेमी यहां पहुंचते हैं।
इस खूबसूरत झील के पास अच्छा समय व्यतीत करने के बाद आप तिब्बतीबाबा आश्रम भी देख सकते हैं, जो पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध दार्शनिक संत तिब्बतीबाबा को समर्पित है। तो, क्यों ना सप्ताह के अंत में संतरागाछी झील की यात्रा की जाये?
सेंचाल झील
चाय के बगानों और टॉय ट्रेन के लिए प्रसिद्ध दार्जलिंग सेंचाल झील के लिए भी जाना जाता है, जोकि दार्जलिंग की एक छिपी हुई खूबसूरती है। घास के मैदानों, आकाश-उच्च पहाड़ियों और हरे भरे वनस्पति से घिरा, सेंचाल झील हर पिकनिक प्रेमी के लिए स्वर्ग है। झील के चारों ओर सुंदर पेड़ की उपस्थिति इस जगह को और भी आकर्षक लगाती है। सेंचाल झील सेंचिल वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है; इसलिए, झील के आसपास का क्षेत्र वन्य जीवन में समृद्ध है। यह दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक जलाशय के रूप में भी काम करता है।