हिमालय की तराई और कुमाऊं पहाड़ियों के बीच स्थित नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। नैनीताल को श्री स्कन्द पुराण के मानस खंड में 'तीन संतों की झील' या 'त्रि-ऋषि-सरोवर' के रूप में उल्लेखित किया गया है। तीन संत जिनके नाम अत्री, पुलस्त्य और पुलाह थे, अपनी प्यास मिटाने के लिए, नैनीताल में रुके थे पर उन्हें कहीं भी पानी नहीं मिला तब उन्होंने एक गड्ढा खोदा और मानसरोवर झील से लाए गए जल से इस गड्ढे को भर दिया। तब से यह 'नैनीताल' नमक प्रसिद्ध झील अस्तित्व में आई।
एक अन्य कथा में कहा गया है कि हिंदू देवी सती (भगवान शिव की पत्नी) की बाईं आंख इस जगह पर गिर गई थी जिससे इस आँख के आकार की नैनी झील का निर्माण हुआ।
नैनीताल अपने खूबसूरत परिदृश्यों और शांत परिवेश के कारण पर्यटकों के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश व्यापारी, पी. बैरून ने 1839 में, यहाँ की सम्मोहित कर देने वाली खूबसूरती से प्रभावित होकर ब्रिटिश कॉलोनी स्थापित करके नैनीताल को लोकप्रिय बना दिया।
इस मंदिर में शादी करने से सात जन्मों तक नहीं टूटती शादी..और
आज नैनीताल पर्यटकों के बीच एक बेहद ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल उभर चुका है, लेकिन आज हम आपको अपने लेख से अस्सी और नब्बे की दशक के नैनीताल से रूबरू कराने जा रहे हैं..
नैनीताल
नैनीताल का हवाई दृश्य
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अगर नेचर से हैं प्यार तो नैनीताल की ये चीज़ें आपको जरुर भाएंगी
नैनीताल
वर्ष 1899 में ली गयी नाव और बोट हाउस की तस्वीरें
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नैनीताल
क्रिकेट का मजा लेते हुए लोग
नैनीताल
झील के किनारे टहलते हुए
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मल्लीताल
मल्लीताल पहाड़ों के खूबसूरत नजारे
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लखनऊ से नैनीताल रोड ट्रिप: जानें क्या है खास झीलों के नगर नैनीताल में
स्मगलर की चोटी
स्मगलर की चोटी से नैनीताल के मनमोहक के नजारे
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नैनीताल
टेनिस कोर्ट में टेनिस खेलते हुए
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नैनीताल झील
वर्ष 1883 में नैनीताल झील की मनमोहक तस्वीर
नैनीताल के भीमताल और सत्ताल झील!
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
मारे गये बाघ के साथ बिर्टिश व्यक्ति
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जंगल में दौड़ता हिरन उसको जबड़े में दबोचता खूंखार शेर , यूं है कॉर्बेट नेशनल पार्क
नैनीताल
एक और तस्वीर
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