उत्तर भारत में बसा हुआ हिमाचल प्रदेश सिर्फ बर्फ से लदे पहाड़ों के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि यहां कई ऐसे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं, जो हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हिमाचल प्रदेश हर दो कदम पर पर्यटकों के लिए अपने अंदर कुछ ना कुछ समेटे हुए हैं, इस खूबसूरत राज्य को आप कितना भी घूम लें, फिर भी आप इसकी तह तक नहीं घूम पाएंगे।
इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, युला कुंडा के बारे में, जो हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत धार्मिक पर्यटन स्थल है, माना जाता है कि किन्नौर की रोरा घाटी की गहराई के बीच, युला कुंडा झील दुनिया का सबसे ऊंचे कृष्णा मंदिर का घर माना जाती है।
कहा जाता है कि, इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान कराया था, धार्मिक मान्यता के बावजूद यह जगह पर्यटकों के बीच खासा प्रसिद्ध नहीं है। हालांकि जन्माष्टमी के दौरान इस मंदिर में हजारों भक्तों का तांता देखा जा सकता है। तो आइये विस्तार से जानते हैं युला कुंडा झील और मंदिर के बारे में
कहां है युला कुंडा?
आखिर क्यों करें युला कुंडा ट्रेक?
प्रकृति के बीच बिताये समय
युला कुंडा ट्रेक आपको प्राचीन और खूबसूरत हिमालय के बीच समय बिताने का मौका देता है। इस ट्रेकिंग के दौरान आप खूबसूरत बर्फ से ढके पहाड़ों, घने जंगलों के बीच से होते हुए झील तक पहुंचेंगे, जहां पहुँचने के बाद आप खुले आसमान के नीचे बैठकर प्राकृतिक नजारों के बीच झील को निहार सकते हैं।
कहां से शुरू होता है ट्रेक?
11 किमी लम्बी युला कुंडा ट्रेक ख़ास गांव से शुरू होती है। ये झील पूरे साल ट्रेकर्स और शांति के बीच छुट्टियां बिताने वालों से पटी रहती है।
यदि आप इस गांव के आगे ट्रेकिंग का मजा लेना चाहते हैं, तो आप रोरा कुंड की ओर रुख कर सकते हैं, जोकि झील के पूर्वोत्तर में स्थित है। ट्रेकर्स यअहं कैम्पिंग का मजा भी ले सकते हैं, बता दें रोरा कुंड समुद्री सतह से करीबन 3900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बेहद पवित्र है झील?
मंदिर आने वाले भक्तों और पुजारियों के माने तो इस झील का पानी बेहद औषधीय है, यहां डुबकी लगाने से मन को शांति मिलती है।
कितने दिन में का युला कुंडा ट्रेक
युला कुंडा ट्रेक थोड़ा सा मुश्किल है, जिसे तीन दिन और दो रात में आसानी से खत्म किया जा सकता है।
कैसे करें युला कुंडा की ट्रेकिंग
शिमला से युला की दूरी करीबन 200 किमी है, तो ऐसे में आप आप अपने पहले दिन की यात्रा की शुरुआत शिमला से कर सकते हैं, पहले आपको शिमला से टापरी पहुंचना होगा, जोकि किन्नौर में स्थित है। शिमला से युला पहुँचने में करीबन 7 घंटे का समय लगता है। टपरी पहुँचने के बाद करीबन 3 किमी चलने जे बाद अआप ट्रेकिंग के बेस कैम्प तक पहुंचेंगे।
अगले दिन की ट्रेकिंग शुरू करने से पहले ट्रेकर्स बेस कैम्प में रात गुजार सकते हैं, और चाहे तो आसपास की जगहों को भी घूम सकते हैं।
दूसरे दिन का ट्रेक
दूसरे दिन जल्दी उठकर नाश्ता करने के बाद युला कंडा झील (8-9 किमी) की ओर ट्रेक शुरू करें। इस ट्रेकिंग के दौरान आप झील, पहाड़, घने जंगलों से होते हुए झील तक पहुंचेगें। झील तक पहुंचने के बाद उस जगह को आप घूम सकते हैं, उसके बारे में जान सकते हैं। आप चाहे तो वापस लौट सकते हैं, नहीं तो झील के किनारे ही कैम्पिंग कर रात गुजार सकते हैं।
तीसरे दिन
अगली सुबह उगते हुए सूरज के मनोरम नजारों को अपनी यादों में और कैमरे में कैद करना कतई ना भूलें, इसके अलावा आप नाश्ता करने के बाद वापस बेस कैम्प की ओर वापसी कर सकते हैं।बेस कैम्प पहुँचने के बाद आप शिमला की ओर रवाना हो सकते हैं।