भारतीय संस्कृति में धर्म को शीर्ष पर रखा गया है। यहां के लोग धर्म में काफी विश्वास रखते हैं। खासकर हिंदू धर्म की बात की जाए तो हिंदू धर्म में देवी देवताओं का एक विशेष स्थान दिया गया है। आज का हमारा आर्टिकल भी एक ऐसी ही दैवीय स्थान के बारे में है, जिसके नाम मात्र से ही जीवन तृप्त हो जाता है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं, चार धामों में से एक केदारनाथ धाम की। जहां की अपनी एक अलग ही मान्यता है। केदार नामक पहाड़ पर स्थित केदारनाथ मंदिर का रास्ता खूबसूरत जंगलों, बर्फ की सफेद चादरों से ढके पहाड़ों व प्रकृति के शानदार नजारों के साथ होते हुए जाता है। यहां का वातावरण एक अलग ही अनुभूति देता है।
धार्मिक स्थल के साथ-साथ एडवेंचरस ट्रिप भी है केदारनाथ
महादेव का यह धाम चार धामों में से एक तो है ही, इसके साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है। पहाड़ों और शानदार प्राकृतिक नजारों के बीच केदारनाथ धाम का यह रास्ता आपकी यात्रा को बेहद खूबसूरत बनाता है। इसके अलावा, रास्ते में पड़ने वाले जंगल आपकी यात्रा को और भी एडवेंचरस बना देते हैं। यही कारण है यहां पर्यटक हर साल आना चाहते हैं।
यहां का मौसम
गर्मियों के मौसम में अगर आप ठंड की अनुभूति करना चाहते हैं तो आपको केदारनाथ धाम जरूर जाना चाहिए। हालांकि, सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान माइनस में चला जाता है, जिसके चलते यहां रहना बेहद मुश्किल हो जाता है।
बाबा की यात्रा का सही समय
बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा अप्रैल से मई के बीच शुरू हो जाती है। अगर सर्दियों में बर्फबारी ज्यादा हो जाती है तो कपाट खुलने में ज्यादा समय भी लग सकता है।
कैसे शुरू करें यात्रा
केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू करने के लिए सबसे पहले तो आपको हरिद्वार जाना पड़ेगा। हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी करीब 250 किलोमीटर है। रास्ते में आप गुप्तकाशी, सोनप्रयाग या गौरीकुंड में रुक सकते हैं। यह तीनों जगह मंदिर के आसपास (20 से 30 किलोमीटर) है।
अगर आप गौरीकुंड में रुकना चाहते हैं तो वहां पहुंचकर एक होटल ले लें या कोशिश करें कि होटल की बुकिंग पहले ही कर लें। फिर आप आराम कर लें और कुछ नाश्ता कर लें। क्योंकि केदारनाथ धाम से गौरीकुंड बेहद नजदीक पड़ता है। ऐसे में आपको यात्रा शुरू करने में आसानी होगी।
अगर आप अपने निजी वाहन से जा रहे हैं तो आपकी गाड़ी सोनप्रयाग तक ही जा सकती है। जहां आपको पार्किंग की भी सुविधा मिल जाएगी। इसके बाद आपको गौरीकुंड के लिए वहां की लोकल गाड़ी करनी पड़ेगी।
गौरीकुंड से शुरू करें यात्रा
सुबह सुबह हल्का नाश्ता करके केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू कर दें। क्योंकि, मंदिर तक पहुंचने में आपको करीब 8 से 9 घंटे का समय लग सकता है। इस बीच आपको प्रकृति की खूबसूरती का शानदार अनुभव होगा। यात्रा के दौरान आपको समय-समय पर चाय नाश्ता भी मिले जाएगा। शाम तक बाबा के धाम में पहुंचकर दर्शन कर लें और कोशिश करें कि रात वहीं रुक जाए। इसके लिए आपको वहां टेंट भी मिल जाएंगे, जिसके लिए आपको ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ेगी। यह 400 से 500 रुपऐ में आपको उपलब्ध हो जाएगा। क्योंकि, रात में यहां का वातावरण बेहद शानदार और सुखद अनुभव देता है, जिसे शब्दों में बयां कर पाना नामुमकिन है।
जरूरी सामान
यात्रा के दौरान अपने पास एक रेन कवर रखना ना भूलें। क्योंकि केदारनाथ का मौसम का पूर्व बदल सकता है और वहां बारिश शुरू हो सकती है। यात्रा के दौरान एक आरामदायक जूता पहनें, क्योंकि यहां का रास्ता काफी लंबा है जिससे आपको थकान का अनुभव कम होगा।
कैसे पहुंचें केदारनाथ
केदारनाथ धाम पहुंचने के लिए हवाई मार्ग रेल मार्ग और सड़क मार्ग तीनों का सहारा लिया जा सकता है। नजदीकी हवाई मार्ग की बात की जाए तो आपको देहरादून तक हवाई जहाज से आना पड़ेगा, उसके बाद आपको केदारनाथ धाम के लिए टैक्सी मिल जाएगी। यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश है। वहीं, बस की बात की जाए तो हरिद्वार से आपको केदारनाथ जाने के लिए बस काफी आसानी से मिल जाएंगे।