हिंदु धर्म के लोगों के लिए दुबई में भी एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है। इस मंदिर के बनने से वहां रह रहे हिंदु धर्म के लोगोंं के लिए अब भगवान के दर्शन के लिए कहीं और नहीं जाना होगा, वे अब इस मंदिर में अपना शीष झुका सकते हैं और प्रभु का आशीर्वाद ले सकते हैं। यह मंदिर काफी भव्य और सुंदर बनाया गया है, जो भक्तों के लिए 5 अक्टूबर से खोला जाएगा। इस मंदिर में 16 हिंदु देवी-देवताओं की मूर्ति है।
इसके अलावा इस मंदिर में एक ज्ञान कक्ष और आउटरीच गतिविधियों के लिए एक सामुदायिक केंद्र भी बनाया गया है। यह हिदू मंदिर जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में है।
हिंदु मंदिर के अलावा सिख गुरुद्वारा और कई चर्च भी
सिंधु गुरु दरबार मंदिर के ट्रस्टी राजू श्रॉफ ने बताया कि इस साल दशहरा के पावन पर्व पर 5 अक्टूबर को इस भव्य मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाएगा। यह हिदू मंदिर जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में बना है। इस मंदिर के अलावा यहां पर एक सिख गुरुद्वारा और कई चर्च भी हैं। मंदिर के इस भव्य व अधिकारिक उद्घाटन में यूएई सरकार के कई अधिकारी और गणमान्य लोग शामिल होंगे। इस मंदिर को दो चरणों में भक्तों के लिए खोला जाएगा। इसके पहले चरण में श्रद्धालुओं के लिए पूजास्थल को खोला जाएगा और दूसरा चरण 14 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति के दिन खोला जाएगा। दूसरे चरण में ज्ञान कक्ष और सामुदायिक केंद्र को खोला जाएगा।
1000-1200 लोगों तक के लिए है स्पेस
इसके बाद मंदिर में आने वाले भक्तगण या बाकी लोग यहां शादी, हवन या निजी कार्यक्रमों का आयोजन कर सकेंगे। यह मंदिर 70,000 वर्ग फीट में बना हुआ है। इस मंदिर में इतना स्पेस है कि एक बार में करीब 1000- 1200 लोग दर्शन कर सकेंगे। अबू धाबी के लोगों के लिए यह एक खास वीकेंड भी साबित हो सकता है।
QR Code से बुकिंग
कोरोना के केस को देखते हुए सभी पर्यटकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से QR Code आधारित अपॉइन्टमेंट सिस्टम (Appointment System) इन्स्टॉल किया गया है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि मंदिर आने वाले श्रद्धालु सितंबर से QR Code से अपॉइन्टमेंट बुक कर सकते हैं। इसके लिए भक्तों को मंदिर की वेबसाइट पर QR Code प्राप्त हो जाएगा।
प्रवेश - सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
मंदिर की सुविधाएं
इस मंदिर के पहले फ्लोर प्रार्थना के लिए एक सभागार बनाया गया है, जहां देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही सिख समुदाय के पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब को रखने के लिए एक अलग कक्ष भी बनाया गया है। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 4,000 स्क्वॉयर फीट में बना बैंक्वेट हॉल, एक मल्टीपर्पस कक्ष और ज्ञान कक्ष बनाया गया है। इसके लिए सामुदायिक हॉल और ज्ञान कक्ष में कई LCD स्क्रीन भी इंस्टॉल किया जाएगा। इसके अलावा पहली मंजिल पर तुलसी के पौधे के लिए पोडियम के साथ-साथ नौ ग्रहों के लिए भी अलग से स्थान भी है, जहां उनकी पूजा की जा सकती है। इस मंदिर भी एक ड्राई और कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी के साथ सभी सुविधाओं से लैस रसोईघर भी बनाया गया है, जहां भक्तों के लिए प्रसाद या फिर किसी आयोजन के लिए खान-पान बनाया जाएगा। इसके साथ ही इस मंदिर में दिवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
मंदिर का डिजाइन
इस मंदिर के डिजाइन को राजस्थान के कारीगरों के द्वारा तैयार किया जा रहा है, जो मंदिर की बाहरी या भीतरी आवरण पर मार्बल डिजाइन को अंतिम रूप देने के काम में लगे हुए हैं। इस मंदिर के आर्किटेक्चर में मशरबिया पैटर्न जैसे विभिन्न अरबी एलीमेंट को शामिल किया है, ताकि इसे अमीराती और भारतीय दोनों टच दिया जा सके।
मंदिर में नौ ऊंचे-ऊंचे खंभेऔर सफेद मार्बल पर हैंडक्राफ्ट मूर्तिकला आपको दिखाई देगा। यह मंदिर बड़े-बड़े लकड़ी के दरवाजे और पिलर्स परलगी घंटियों से खूबसूरत दिखाई पड़ रहा है। मंदिर में लगे काले पत्थरों पर दक्षिण भारत के देवी-देवताओं की मूर्तियों को काफी बारिकी से उकेरा गया है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा गणेश जी, कृष्ण जी व महालक्ष्मी जी के साथ दक्षिण भारतीय देवी-देवता गुरुवायूरप्पन और अयप्पन की प्रतिमाओं को भी प्रार्थना सभा में स्थापित किया जाएगा। इस मंदिर में कम से कम 8 पुजारी हर समय भक्तों के लिए मौजूद रहेंगे।