हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश 'देवों की भूमि' के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा शानदार स्थल है, जहां का हर एक कोना आत्मिक और मानसिक शांति का अनुभव कराता है। यहां से होकर गुजरती ब्यास नदी यहां की कांगड़ा घाटी की खूबसूरती पर चार चांद लगाने का काम करती है। हिन्दू धार्मिक पुस्तकों में कांगड़ा का उल्लेख देवभूमि के रूप में मिलता है, इसलिए यह स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी ज्यादा मायने रखता है।
धार्मिक स्थलों के अलावा यह घाटी कई अन्य खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों के लिए भी जानी जाती है। इस लेख में हमारे साथ जानिए कांगड़ा घाटी के उन चुनिंदा पर्यटन स्थलों के बारे में जो अधिकांश सैलानियों की पहुंच से दूर रह जाते हैं। जानिए ये अनिक्स्प्लॉर्ड प्लेस आपको किस प्रकार आनंदित कर सकते हैं।
इंद्रहर पास
कांगड़ा के अनिक्स्प्लॉर्ड स्थानों में आप इंद्रहर पास की सैर का प्लान बना सकते हैं, यह वो खास पर्यटन स्थल हो जो अधिकांश आम सैलानियों की नजरों से दूर रह जाता है, यहां ज्यादातर साहसिक और एडवेंचर के शौकीन ट्रैवलर आना पसंद करते हैं। इंद्रहर पास हिमाचल प्रदेश के सबसे शानदार ट्रेक में गिना जाता है। यह रोमांचक ट्रेक मक्कोदगंज से शुरू होकर 14 कि.मी तक आगे बढ़ता है, इस रास्ते पर आप लाहेश और ट्रायंड गुफाओं को भी देख सकते हैं।
इस सफर के दौरान आप पीर पंजाल श्रृंखलाओं के साथ अन्य खूबसूरत हिमालय की चोटियों को देख सकते हैं। यहां ट्रेकिंग का सबसे आदर्श समय अप्रैल से अक्टूबर के मध्य माना जाता है।
कांगड़ा कला संग्रहालय
कांगड़ा की कला-संस्कृति और इतिहास को बहतर तरीके से समझने के लिए आप यहां स्थित कांगड़ा कला संग्रहालय की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह म्यूजियम धर्मशाला के बिलकुल केंद्र में स्थित है। कला और इतिहास प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत के कम नहीं। यह संग्रहालय बौद्ध और तिब्बती कलाकृतियों को समर्पित है। आप यहां अतीत से जुड़ी विभिन्न कलाकृतियों, मूर्तियों, हथियार, सिक्के आदि का बड़ा संग्रह देख सकते हैं। कांगड़ा की प्रसिद्ध लघु चित्रकला की गैलरी पर्यटकों का काफी ज्यादा ध्यान आकर्षित करती है।
आप यहां क्षेत्र के इतिहास की अहम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। संग्रहालय में प्रवेश करने के लिए आपको एक छोटी शुल्क अदा करनी होती है, जिसके बाद आप इस म्यूजियम को अच्छी तरह देख सकते हैं।
चामुंडा देवी मंदिर
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आप कांगड़ा के चुनिंदा धार्मिक स्थलों में चामुंडा देवी मंदिर के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। यह मंदिर पालमपुर के 10 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर मां काली के चामुंडा रूप को समर्पित है और चामुंडा नंदिकेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। इतिहास पर प्रकाश डालें तो पता चलता है कि यह मंदिर 16वीं शताब्दी से संबंध रखता है।
यहां देवी के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा नंदिकेश्वर के रूप में की जाती है। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं। पारिवारिक यात्रा के लिए यह एक खास मंदिर है।
पालमपुर
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कांगड़ा के अनिक्स्प्लॉर्ड स्थलों में आप पालमपुर की सैर का प्लान बना सकते हैं। पालमपुर कंगड़ा घाटी में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर है। जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच सुकून भरे पल बिताने के लिए यह एक आदर्श स्थल है। इतिहास पर प्रकाश डालें तो पता चलता है कि पालमपुर कभी जालंधर साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। यह हिल स्टेशन काफी समय तक ब्रिटिश के प्रभाव क्षेत्र में भी रहा। आप यहां की पहाड़ी और चारों तरफ फैली हरियाली की जी भरकर आनंद उठा सकते हैं।
पौंग डैम वेटलैंड
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप कांगड़ा घाटी में स्थित पौंग डैम वेटलैंड की सैर का प्लान बना सकते हैं। महाराणा प्रताप सागर के नाम से प्रसिद्ध इस झील का निर्माण यहां ब्यास नदी पर बनाए गए डैम की वजह से हुआ है, जो 1975 में बनाया गया था। हिमालय की तलहटी में बसा है यह मछली पकड़ने का एक बड़ा जलाशय है। इसके अलावा यह एक वन्यजीव अभयारण्य भी है। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।