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भारत में मौजूद कुछ असामान्य मंदिर और अनोखे स्मारक

By Syedbelal

आस्था या विश्वास के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि आप उसे किसी विशेष वास्तु में ढूंढें, ये किसी भी आकार आकृति और रूप में आपके सामने आ सकता है। क्या पता शायद अगली बार एक खिलौने वाला हवाई जहाज ही आपकी आस्था का प्रतीक बन जाये।

आस्था के सम्बन्ध में भारतियों की एक अलग राय है कभी यहां लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र एक बुलट होती है तो कभी कोई पेड़ पौधा कभी लोग सिगरेट से अपनी मनोकामना की पूर्ति कराते हैं तो कभी कोई कुछ करता है। 33 करोड़ देवी देवता होने के बावजूद एक "रॉयल इंफील्ड बुलट" की पूजा, या "किसी मज़ार पर सिगरेट चढ़ाना" अब इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास लेकिन बात जो भी हो सुनने में और देखने में ये सब बड़ा रोचक होता है। आप यकीन मानें या ना मानें लेकिन हिंदुस्तान में ऐसे बहुत से मंदिर है जो हमेशा से ही कौतुहल का विषय रहे हैं।

इसी क्रम में आज फिर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ असामान्य मंदिरों और स्थानों के बारे में। आज आपको ऐसा बहुत कुछ पढ़ने को मिलेगा जिसकी कल्पना आपने कभी नहीं की होगी। साथ ही इन बातों को पढ़ने के बाद आपको विश्वास हो जायगा कि भारत के लोगों कि आस्था इतनी आसामान्य है कि आप उसे शब्दों में पिरो नहीं सकते हैं।

काल भैरव नाथ मंदिर , मध्य प्रदेश

असामान्य: जहां प्रसाद में मिलती है शराब
हर साल हज़ारों लोग उज्जैन के काल भैरव नाथ मंदिर आते हैं और महाकाल को शराब चढ़ाते हैं, यही शराब यहां प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है। कहा जाता है कि काल भैरव नाथ इस शहर के रक्षक हैं। इस मंदिर के बाहर साल के 12 महीने और 24 घंटे शराब उपलब्ध रहती है।

चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता

असामान्य : प्रसाद में मिलती है न्यूडल
चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता कोलकाता के टांगरा में एक 60 साल पुराना चाइनीज काली मंदिर है। इस मंदिर की एक ख़ास बात ये है कि दुर्गा पूजा के दौरान प्रवासी चीनी लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। यहाँ आने वालों में ज्यादातर लोग या तो बौद्ध हैं या फिर ईसाई। एक बात और है जो इस मंदिर को खास बनाती है वो ये है कि इस मंदिर के मुख्य पुजारी एक बंगाली ब्राह्मण हैं । यहां आने वाले लोगों को प्रशाद में न्यूडल, चावल और सब्जियों से बनी करी परोसी जाती है।

हवाई जहाज गुरुद्वारा, पंजाब

असामान्य : जहां चढ़ाया जाता है खिलौने वाला हवाई जहाज
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में पड़ने वाला संत बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा भी बड़ा विचित्र है यहां आने वाले भक्त गुरूद्वारे पर खिलौने का हवाई जहाज चढ़ाते हैं। ऐसा करने के पीछे लोगों में ये मान्यता है कि बाबा उन्हें विदेश बेजते हैं। आज भी रोजाना हज़ारों लोग इस गुरूद्वारे पर मत्था टेकने आते हैं यहां आने के बाद आप यूके यूएसए और कनाडा जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को इस स्थान पर एकत्र हुए देख सकते हैं। यहां गुरूद्वारे के बाहर आपको कई दुकानें मिलेंगी जो हवाई जहाजों के खिलौने बेचती हैं और इन्हें खरीदने के लिए लोगों कि भीड़ लगी रहती है।

एकमात्र ब्रहमा मंदिर, राजस्थान

असामान्य : विश्व का एकमात्र ब्रहमा मंदिर
ब्रहमा मंदिर, पुष्‍कर झील के किनारे पर स्थित है। यह भारत के कुछ मंदिरों में से एक है जो हिंदूओं के भगवान ब्रहमा को समर्पित है। यह मंदिर मूल रूप से 14 वीं सदी में बनाया गया था। मंदिर में राजसी छवि वाले कमल पर विराजमान, ब्रहमा जी की चार मुख वाली मूर्ति स्‍थापित है जिसके बाएं तरफ उनकी युवा पत्‍नी गायत्री और दाएं तरफ सावित्री बैठी हैं।

बुलट बाबा, राजस्थान

असामान्य : जहां पूजी जाती है एक बुलट
बुलट बाबा या ओम बनना समाधी राजस्थान के जोधपुर में स्थित है। यहां आने वाले भक्त रॉयल इंफील्ड की एक बुलट की पूजा करते हैं। साथ ही यहां चढ़ावे के तौर पर "बुलट बाबा" को शराब चढ़ाई जाती है। यहां के स्थानीय निवासियों का मानना है कि बुलट बाबा यहां के लोगों की सड़क यात्रा के दौरान हादसों से सुरक्षा करते हैं।

बाबा जसवंत सिंह वॉर मेमोरियल

असामान्य : वॉर मेमोरियल जो पूजा जाता है मंदिर कि तरह

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पड़ने वाला ये स्थान कोई मंदिर नहीं बल्कि एक वॉर मेमोरियल है मगर यहां मौजूद भारतीय सेना के जवानों द्वारा इसे किसी मंदिर से कम नहीं समझा जाता। यहां आज भी सुबह 4.30 को बाबा को चाय, सुबह 9 पर नाश्ता और शाम 7 बजे डिनर दिया जाता है। ये वॉर मेमोरियल भारतीय सेना के जवान जसवंत सिंह को समाप्त है।

भारत के रहस्यमय मंदिर और स्मारक

मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित इस सैनिक ने चीनी सिपाहियों के विरुद्ध युद्ध में अपनी जान की कुर्बानी दी थी। 1962 में भारत-चीन युद्ध में लगातार 72 घंटे लड़ कर उन्होंने साहस और शौर्य का बेजोड़ परिचय दिया था। जसवंत घर का रख-रखाव काफी अच्छे से किया गया है, ताकि यहां आने वाले पर्यटक इस जांबाज सिपाही को श्रद्धांजली अर्पित कर सकें।

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