आज हम आपको अपने लेख के जरिये बताने जा रहें हैं बिहार के राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकि के बारे में। वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान चंपारण में शिवालिक पर्वत श्रेणी के बाहरी सीमा में स्थित है।यह राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से लुप्तप्राय प्राणियों का आवास है जैसे की चीता। यह अभयारण्य पूरी तरह से हरियाली से आच्छादित है।
900 गज में फैला वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1990 में हुई थी। यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है।यहां पर आप बाघ, स्लॉथ बीयर, भेडिए,
हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसिरोस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्मीकि नगर में आ जाते हैं। इस उद्यान में आप चीतल, काला हिरण, फिशिंग कैट्स, तेंदुए आदि भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे
हवाईजहाज द्वारा- वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पटना है जोकि वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान से करीबन 250 किमी की दूरी पर स्थित है।
ट्रेन द्वारा
वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नरकटियागंज और बगाह है।
सड़क द्वारा
वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान सड़क द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।आइये देखते है इस उद्यान की मुख्य शहरों से दूरी
पटना-275 किमी
बेतिया- 80 किमी
गोरखपुर-125 किमी
आने का उचित मौसम
वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान आने का उचित समय नवंबर से मार्च तक है...गर्मियों में भरी वर्षा भी होती है।