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तमिलनाडु का वो खूबसूरत और प्राचीन वेल्लोर जिसे कहते हैं कला का शहर

By Syedbelal

आज अपने इस लेख में हम आपको तमिलनाडु के एक ऐसे डेस्टिनेशन से अवगत कराने वाले हैं जिसे कला का शहर कहा जाता है। जी हां, आज अपने इस लेख में हम आपको अवगत करा रहे हैं वेल्‍लोर से। वेल्लोर यात्रियों के लिए परिवर्तन के केंद्र के रूप में जाना जाता है। तमिलनाडु के किले के शहर के रूप में लोकप्रिय वेल्लोर का समृद्ध संस्कृति और विरासत और शुरू की द्रविड़ सभ्यता की चिरस्थायी विरासत का एक सामंजस्यपूर्ण संलयन के साथ एक शानदार अतीत है।

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यदि बात इस खूबसूरत शहर के पर्यटन की हो तो यहां ऐसा बहुत कुछ है जिसके चलते देश विदेश के पर्यटक इस खूबसूरत शहर की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। आज अपने इस लेख में हम आपको अवगत कराएंगे इस प्राचीन शहर के उन आकर्षणों से जिन्हें आपको अपनी वेल्लोर यात्रा पर अवश्य देखना चाहिए।

आइये जानें क्या क्या देख सकते हैं आप वेल्लोर में।

जलाकंदेस्वरार मंदिर

जलाकंदेस्वरार मंदिर

जलाकंदेस्वरार मंदिर वेल्लोर किले के अंदर स्थित है और यहां एक टावर है, जहां भगवान शिव को जलाकंदेस्वरार के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में दो आंगन हैं और चारों ओर एक बंद रास्ते और कई उप मंदिरों के साथ एक मुख्य मंदिर है। मंदिर बाद की अवधि की विजयनगर शैली में बनाया गया था। जलाकंदेस्वरार, जिसका अर्थ है "पानी में रहने वाले शिव" का प्रवेश द्वार बड़े लकड़ी के द्वार वाले लंबे टॉवर के साथ बनाया गया है और कमल के फूल के जैसे लोहे के साथ उकेरा गया है। मंदिर कुछ विशेष मूर्तियों से सजाया गया है। इसके अलावा, आप मुख्य हॉल के अंदर के साथ ही स्वामी सन्नती के बाहर कुछ अद्भुत शिलालेख देखेंगे।

श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर

श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर

वेल्लोर में श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर को मलईकोडी के रूप में जाना जाता है और यह एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक जगह है। पूरे मंदिर की डिजाइन नारायणी अम्मा द्वारा बनायी गई थी। इस मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि यह देवी महालक्ष्‍मी को समपिर्तत है और मंदिर के अंदर व बाहर दोनों तरफ सोने की कोटिंग है। श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर पर सोने की मानव द्वारा निर्मित लगभग नौ से पंद्रह सोने की परतें हैं, जिन्‍हें शिलालेखों द्वारा सजाया भी गया है। इस मंदिर में शिलालेख की कला वेदों से ली गई है। इस मंदिर में आने वालों को एक सख्‍त ड्रेसकोड का पालन करना होता है।

वेल्लोर फोर्ट

वेल्लोर फोर्ट

वेल्लोर फोर्ट वेल्लोर के केंद्र में स्थित है। यह पुराने बस स्टैंड के सामने गर्व से खड़ा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण किले के रखरखाव का ख्याल रखता है एवं संचालित करता है। वेल्लोर फोर्ट में श्री जलागांडीश्‍वर मंदिर, एक मस्जिद, एक चर्च, मुतु मंडपम, प्रसिद्ध वेल्लोर ईसाई अस्पताल और राज्य सरकार संग्रहालय स्थित हैं। बाहरी दीवारों का निर्माण विशाल ग्रेनाइट ईटों से हुआ, जिसके चारों ओर गहरी खायी है। सूर्यगुंटा जलाशय खाई में भरने के लिये जल की आपूर्ति करता है और यह दोहरी दीवारों से दृढ़ है। किले में टीपू महल भी स्थित है। कहा जाता है है कि महान टीपू सुल्तान ब्रिटिश युद्ध के समय अपने परिवार के साथ यहां रहे थे।

मदाराजाय मोहम्‍मदिया मस्जिद

मदाराजाय मोहम्‍मदिया मस्जिद

मदाराजाय मोहम्‍मदिया मस्जिद या नवाब चंदा साहिब की मस्जिद वेल्लोर में एक और ऐतिहासिक पर्यटन स्‍थल है। 1750 ई. में निर्मित, मस्जिद का प्रवेश द्वार उत्‍तर की ओर है। मस्जिद ईंट और चूने के साथ बनायी गई है। एक बड़े प्रार्थना कक्ष नमाज अदा करने के लिए पश्चिमी की ओर स्थित है। इसकी चौड़ाई 15 फुट और लंबाई में 40 फुट है। खंभे चार पंक्ति में खड़े हैं, प्रत्‍येक में चार खंभे हैं। मिनारों का निर्माण किनारों पर किया गया है और मस्जिद के केंद्र में एक गुंबद है।

वेल्‍लोर राज्य संग्रहालय

वेल्‍लोर राज्य संग्रहालय

राज्य सरकार संग्रहालय वेल्लोर किले के अंदर एक विख्यात पर्यटन स्थल है। संग्रहालय लक्ष्‍मनास्‍वामी कस्‍बे के मुख्य बस स्टैंड के बगल में स्थित है। यह वर्ष 1985 में जनता के लिए खोला गया था। राज्य सरकार संग्रहालय में आठ गैलरी हैं, जिनके नाम हैं- जिला गैलरी, पूर्व इतिहास के डाक टिकट संग्रह गैलरी, चित्र गैलरी, जूलॉजी गैलरी, पत्थर की मूर्तियों की गैलरी, सिक्कों की गैलरी, कांस्य गैलरी और नृविज्ञान गैलरी। दीर्घाओं में से एक में उत्तरी अर्काट जिले की ऐतिहासिक इमारतों की एक प्रदर्शनी है। इसके अतिरिक्त, विक्रम राजा सिंघा द्वारा इस्तेमाल किया हुआ हाथी दांत का बना शतरंज बोर्ड और सिक्‍के प्रदर्शित हैं।

कैसे जाएं वेल्लोर

कैसे जाएं वेल्लोर

फ्लाइट द्वारा : यदि आप हवाई मार्ग से वेल्लोर की यात्रा कर रहे हैं, तो आपको 100 किमी की दूरी पर स्थित निकटतम घरेलू हवाई अड्डे तिरुपति एयरपोर्ट पर उतरना होगा। चेन्‍नई अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डा यहां से 130 किलोमीटर दूर है और बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यहां से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन शहरों से वेल्लोर तक नियमित बसें हैं। वेल्लोर व आस-पास के लिए टैक्सी सेवा भी हवाई अड्डों से उपलब्ध हैं।


रेल द्वारा : वेल्लोर में तीन मुख्य रेलवे स्टेशन हैं। सबसे महत्वपूर्ण वेल्लूर कट्पडी जंक्शन है। दूसरा बड़ा स्टेशन, वेल्लोर छावनी है, जो सूर्यकुलम में है और कट्पडी जंक्शन से 8 किमी दूर है। तीसरा और सबसे छोटा स्टेशन वेल्लोर टाउन स्टेशन है। यह कोनावट्टम विल्‍लीपुरम जंक्‍शन से कट्पडी जंक्शन को जोड़ता है।


सड़क मार्ग द्वारा : वेल्लोर में अच्छी तरह से तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। शहर में दो बस टर्मिनल हैं, जिनके नाम टाउन बस टर्मिनस और सेंट्रल बस टर्मिनस हैं। वेल्लोर बंगलौर और चेन्नई से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 46 पर स्थित है। वेल्लोर तक राष्‍ट्रीय राजमार्ग 4 से जाया जा सकता है, जो रानीपेट को चेन्नई से जोड़ता है और कुड्डालोर-चित्तूर राजमार्ग है।

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