कर्नाटक स्थित कूर्ग सिर्फ राज्य का ही नहीं बल्कि देश के सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन में गिना जाता है। यहां सुकून भरा समय बिताने के लिए देश-विदेश से पर्यटको का वर्षभर आगमन लगा रहता है। विदेशी पर्यटक इस खास पर्वतीय स्थल पर आना काफी पसंद करते हैं। यह साल भर भ्रमण करने वाला स्थल है, जहां आप वर्षभर पर्यटकों का भारी जमावड़ा देख सकते हैं। यहां घूमने-फिरने और देखने योग्य कई शानदार स्थल हैं। आज हम इस लेख में कूर्ग के पास स्थित एक खास ऑफबीट स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खूबसूरती और आबोहवा आपका मन जरूर मोह लेगी। आज इस लेख में हमारे साथ जानिए कोडागू स्थित विराजपेट के बारे में, जानिए यह स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
कर्नाटक का विराजपेट
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कोडागू स्थित विराजपेट एक छोटा मगर खूबसूरत नगर है, जो कूर्ग से 25 कि.मी की दूरी पर स्थित है। यह उन ऑफबीट ट्रैवलर्स के लिए खास है, जो नए स्थल की खोज में लगे रहते हैं। इस नगर का इतिहास कई वर्षों पुराना बताया जाता है। जानकारी के अनुसार इस स्थल का नाम कूर्ग साम्राज्य के राजा विराजेंद्र के नाम पर रखा गया था। राजा विराजेंद्र ने 18वीं शताब्दी के दौरान विराजपेट का बसाया था। दक्षिण भारत के मुख्य स्थलों की तरह यहां भी कई शक्तिशाली राजवंशों ने राज किया है, जिसमें गंगा, चालुक्य, होयसल, राष्ट्रकूट आदि शामिल थे। वर्तमान में यह नगर ऐतिहासिक और प्राकृतिक दोनों रूपों में काफी महत्व रखता है। यहां स्थानीय और और ऑफबीट ट्रैवलर्स का आवागमन लगा रहता है। यह स्थल हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जहां आप अपार मानसिक और आत्मिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। विराजपेट अपने कॉफी के बागानों के लिए भी काफी जाना जाता है। आगे जानिए इससे स्थल से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण बातों को।
आने का सही समय
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विराजपेट और इससे आसपास का मौमस साल भर खुशनुमा बना रहता है, लेकिन यहां आने का आदर्श समय अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य का बताया जाता है। इस दौरान यहां का मौसम घूमने-फिरने के लिहाज से काफी अनुकूल बन जाता है, और आप आराम से इस शानदार स्थल की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं। खासकर सर्दियों में यहां की खूबसूरती देखने लायक होती है।
क्यों आएं विराजपेट ?
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विराजपेट का भ्रमण आपके लिए कई मायनो में खास हो सकता है। अज्ञात स्थल के खोजी और कुछ नया अनुभव करने वालों के लिए यह एक आदर्श स्थल है। आप यहां प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों को भी देख सकते हैं। यहां के सबसे खास दर्शनीय स्थलों में अय्यप्पा मंदिर, सेंट ऐनी चर्च को देख सकते हैं। सेंट ऐनी चर्च यहां के मुख्य आकर्षण का केंद्र है, जो 220 साल पुरानी बताई जाती है, जिसका अपना एक क्लॉक टावर भी है। आप यहां तादियंदमोल (Tadiandmol) पहाड़ी की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते है। यह हिल एडवेंचर के शौकीनों के लिए काफी खास मानी जाती है, आप यहां ट्रेकिेंग का रोमांच भरा आनंद ले सकते हैं।
आसपास के पर्यटन आकर्षण
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विराजपेट के अलावा आप इसके आसपास कई शानदार पर्यटन स्थलों को देख सकते हैं। जिनमें अब्बे फॉल्स, ब्रह्मगिरि चोटी, दोबारा एलिफेंट कैंप, इरूप्पु जलप्रपात, नागरहोल नेशनल पार्क, राजा सीट, मंडलपट्टी व्यू प्वाइंट, कावरे निसर्ग धाम, कुत्ता, पुष्पगिरि वन्यजीव अभयारण्य, निशानी मोटे, कूर्ग जंगल कैंप आदि शामिल है। अपनी विराजपेट यात्रा के लिए आप इन स्थलों के भ्रमण क प्लान बना सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
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विराजपेट आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं, यहां का निकटतम हवाईअड्डा मैंगलोर एयरपोर्ट है, जो यहां से 170 कि.मी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से आप कैब या टैक्सी के जरिए विराजपेट तक पहुंच सकते हैं। रेल सेवा के लिए आप मैसूर रेलवे स्टेशन है। आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से विराजपेट राज्य के कई छोटे-बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।