Search
  • Follow NativePlanet
Share
» » 40 अलग फोटो के माध्यम से लें वाराणसी का वर्चुअल टूर, पाएं भोले बाबा का आशीर्वाद

40 अलग फोटो के माध्यम से लें वाराणसी का वर्चुअल टूर, पाएं भोले बाबा का आशीर्वाद

By Staff

वाराणसी को बनारस </a>और <a href=काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर, दुनिया में सबसे प्राचीन और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है। इस शहर को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। भगवान शिव, हिंदुओं के प्रमुख देवता है जिन्‍हे सृजन और विनाश का प्रतीक माना जाता है। वाराणसी, हिंदू धर्म के सबसे पवित्रतम शहरों में से एक है। इस शहर को लेकर हिंदू धर्म में बड़ी मान्‍यता है कि अगर कोई व्‍यक्ति यहां आकर मर जाता है या काशी में उसका अंतिम सस्‍ंकार हो, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है यानि उस व्‍यक्ति को जन्‍म और मृत्‍यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए, इस जगह को मुक्ति स्‍थल भी कहा जाता है। यहां शुम्‍भ - निशुम्‍भ के वध के बाद मां दुर्गा ने फेंकी थी अपनी तलवार" title="वाराणसी को बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर, दुनिया में सबसे प्राचीन और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है। इस शहर को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। भगवान शिव, हिंदुओं के प्रमुख देवता है जिन्‍हे सृजन और विनाश का प्रतीक माना जाता है। वाराणसी, हिंदू धर्म के सबसे पवित्रतम शहरों में से एक है। इस शहर को लेकर हिंदू धर्म में बड़ी मान्‍यता है कि अगर कोई व्‍यक्ति यहां आकर मर जाता है या काशी में उसका अंतिम सस्‍ंकार हो, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है यानि उस व्‍यक्ति को जन्‍म और मृत्‍यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए, इस जगह को मुक्ति स्‍थल भी कहा जाता है। यहां शुम्‍भ - निशुम्‍भ के वध के बाद मां दुर्गा ने फेंकी थी अपनी तलवार" loading="lazy" width="100" height="56" />वाराणसी को बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर, दुनिया में सबसे प्राचीन और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है। इस शहर को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। भगवान शिव, हिंदुओं के प्रमुख देवता है जिन्‍हे सृजन और विनाश का प्रतीक माना जाता है। वाराणसी, हिंदू धर्म के सबसे पवित्रतम शहरों में से एक है। इस शहर को लेकर हिंदू धर्म में बड़ी मान्‍यता है कि अगर कोई व्‍यक्ति यहां आकर मर जाता है या काशी में उसका अंतिम सस्‍ंकार हो, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है यानि उस व्‍यक्ति को जन्‍म और मृत्‍यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए, इस जगह को मुक्ति स्‍थल भी कहा जाता है। यहां शुम्‍भ - निशुम्‍भ के वध के बाद मां दुर्गा ने फेंकी थी अपनी तलवार

वाराणसी के बारे में लोगों का अटूट विश्‍वास है कि यहां बहने पवित्र नदी गंगा में यदि डुबकी लगा ली जाएं तो सारे पाप धुल जाते है। तो आइये अब देर किस बात की देखें वाराणसी को तस्वीरों में।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के घाट पर होती गंगा आरती का फ़ोटो।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

गंगा में डुबकी लगाने के लिए घाट पर जमा भक्तों की भीड़।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

नाव पर बैठ एक घाट से दूसरे घाट जाती महिलाओं का समूह।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी का वो प्राचीन मणिकर्णिका घाट जहां साल भर जलती हैं अस्थियां।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

मणिकर्णिका घाट, वाराणसी का वह घाट है जहां पर्यटक मौत पर्यटन करते है। कई पर्यटक यहां हिंदू धर्म के दाह संस्‍कार को देखने और रीति - रिवाजों को समझने के वास्‍ते भी आते है।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

आप इस खूबसूरत तस्वीर में गंगा के शांत पानी में खड़ी नौकाओं को देख सकते हैं।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के एक घाट पर फोन पर पूजा कराता एक पंडित।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

घाट पर पूजा करती हुई महिलाओं का समूह।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

गंगा स्नान के बाद सूर्य नमस्कार करता हुआ एक व्यक्ति।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

गर्मी की दोपहर में वाराणसी के शिवाला घाट पर स्नान करते हुए लोग।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

आप इस फ़ोटो में एक साथ वाराणसी के कई घाटों को देख सकते हैं।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी में गंगा में बोटिंग करने का अपना एक अलग ही मज़ा है जब आप वाराणसी हों तो यहां बोटिंग जरूर ट्राई करिये।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी में गंगा नदी में अपनी भैसों को नहलाता एक ग्वाला।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के घाटों में आपको उत्कृष्ठ किस्म की वास्तुकला भी देखने को मिलेगी।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के घाटों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि आप दिन के किसी भी समय यहां आइये आपको लोगों की भारी भीड़ यहां मिलेगी।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

घाट के किनारे खड़ी हुई नावों की फ़ोटो आप इन नावों के माध्यम से आसानी से एक घाट से दूसरे घाट जा सकते हैं।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के ललिता घाट पर रोज़मर्रा घटित घटनाओं का एक फ़ोटो।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के घाट पर होने वाले पूजा पाठ का एक सुन्दर फ़ोटो।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

गंगा नदी में मछली पकड़ने के लिए खड़ी नावों का एक फ़ोटो प्रायः इन नावों का इस्तेमाल मछली पकड़ने के लिए किया जाता है।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के तुलसी घाट पर बैठे हुए लोग।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

प्रायः आपको यहां गंगा नदी में लोग कपडे धोते हुए और उसे प्रदूषित करते हुए भी मिल जाएंगे।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

घाट पर धोबियों द्वारा धुले हुए कपड़ों का फ़ोटो। यहां के धोभी प्रायः घाट पर ही कपडे सूखते हैं।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

एक विशेष पर्व पर वाराणसी के एक घाट पर जमा भक्तों की भीड़।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के पास स्थित सारनाथ में लगा हुआ एक स्तूप।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के बाज़ार में घूमता हुआ एक सांड आपको बताते चलें कि यहां सांडों को भैरव बाबा का रूप माना जाता है।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

एक बर्तन की दूकान में बर्तन बेचता और ग्राहकों का इंतेजार करता दुकानदार।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

यदि आप बनारस में हैं और यहां आने के बाद आपने यहाँ का पान नहीं खाया तो समझिये कुछ नहीं किया। तो अब अपनी बनारस यात्रा पर पान खाना न भूलें।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

एक सुनार की दुकान में बैठी खरीदारी हुई महिलाओं का समूह।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

अपनी दुकान में एक महिला को बनारस की प्रसिद्ध बनारसी साड़ी दिखाता एक दुकानदार।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के एक घाट पर नागा साधू से आशीर्वाद लेती हुई एक वृद्ध महिला।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

कील लगे एक पटरे पर योग की मुद्रा में लेता साधू।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

ईश्वर भक्ति में लिप्त और बांसुरी बजाता एक नागा साधू।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

सुबह सुबह गंगा में डुबकी लगाती हुई महिला।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी के घाट पर फूल बेचती हुई एक छोटी सी बच्ची।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

गंगा नदी में नाव पर बैठ एक घाट से दूसरे घाट जाते हुए एक वीआईपी।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए बनाया गया पुल।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी में शिवलिंग पर माथा टेकता एक विदेशी साधू।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

आप वाराणसी में आएँगे तो देखेंगे कि एक धार्मिक नगरी होने के अलावा यहां कई लघु उद्योग भी स्थापित किये गए हैं।

क्यों ख़ास है वाराणसी

क्यों ख़ास है वाराणसी

वाराणसी अपनी खूबसूरत सुबह के लिए भी जाना जाता है। जब भी आप यहां हो तो किसी भी घाट पर आकर सूर्योदय देखना न भूलें।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X